वैक्यूम बम कैसे काम करता है? वैक्यूम बम कितना खतरनाक है? vacuum bomb vs nuclear bomb in hindi, vacuum bomb kya hota hai in hindi, thermobaric bomb in hindi

दोस्तों, kyahotahai.com पर आपका फिर स्वागत है। आज एक नया विषय- vacuum bomb kya hota hai in hindi. परमाणु बम के बाद अगर कोई बम सबसे खतरनाक बम की श्रेणी में गिना जाता है तो वह वैक्यूम बम ही है। अब आपके मन में यह सवाल जरूर आता होगा कि आखिर- वैक्यूम बम कैसे काम करता है? वैक्यूम बम कितना खतरनाक है? कुछ लोग यह भी जानना चाहते हैं कि vacuum bomb vs nuclear bomb in hindi यानी वैक्यूम बम और परमाणु बम में सबसे खतरनाक कौन है? आपके इन सारे सवालों का जवाब इस आर्टिकल में मिल जाएगा। तो दोस्तो, इसे अंत तक पढ़िए और अच्छा लगे तो शेयर जरूर करिएगा।

दोस्तों, vacuum bomb kya hota hai in hindi अगर आप सर्च कर रहे हैं तो बिल्कुल सही जगह पर हैं। यहां आपको इस बारे में पूरी जानकारी मिलेगी। इतना जान लीजिए यह एक ऐसा खतरनाक हथियार है जो इंसान को भाप बनाकर हवा में उड़ाने की क्षमता रखता है। यह एक ऐसा बम है जिसका प्रयोग राकेट की तरह भी कर सकते हैं और हवाई जहाज से परमाणु बम की तरह भी गिरा सकते हैं। इसलिए इसे thermobaric bomb (thermobaric bomb in hindi) भी कहते हैं।

इस आर्टिकल में हम आपको यह भी बताएंगे कि vacuum bomb कब और क्यों बनाया गया? पहली बार इस बम का इस्तेमाल किसने किया? यह बम धरती पर कितनी तबाही मचा सकता है? तो चलिए दोस्तों, शुरू करते हैं और सबसे पहले जानते हैं कि vacuum bomb kya hota hai in hindi

vacuum bomb kya hota hai in hindi | वैक्यूम बम क्या है हिंदी में

वैक्यूम बम अब तक विकसित सबसे शक्तिशाली गैर परमाणु हथियर है। इसे Father of All Bombs भी कहते हैं। यह वातावरण का प्रयोग कर अपनी मारक क्षमता को कई गुणा बढ़ाने में सक्षम है। यह बम वातावरण में मौजूद हवा को ही विस्फोटक ईंधन के तौर पर इस्तेमाल करता है। vacuum bomb तापमान को काफी ज्यादा मात्रा में बढ़ाने के लिए अपने आसपास के ऑक्सीजन को पूरी तरह से सोख लेता है। इससे एक निर्वात पैदा होता है, जिससे अन्य बम के मुकाबले यह अधिक तबाही मचाता है। इसीलिए इसे निर्वात बम भी कहते हैं। इसे थर्मोबैरिक बम या थर्मोबैरिक हथियार भी कहते हैं।

आसान भाषा में कहें तो vacuum bomb सबसे एडवांस गैर परमाणु हथियार है। इसके प्रयोग से बड़ी से बड़ी इमारतें कुछ ही सेकेंड में खंडहर बन जाती हैं और इंसान का शरीर भाप बनकर हवा में उड़ जाता है। यह बम इतना तापमान बढ़ा देता है कि आसपास जितनी भी चीजें होती हैं वे सब सूख जाती हैं और चारों तरफ तबाही ही तबाही होता है। इस बम को विमान से गिराने के साथ जमीन से भी छोड़ा जा सकता है।

परमाणु बम की तरह ही वैक्यूम बम से भी बहुत बड़ी मात्रा में गर्मी पैदा होती है। यह एक स्प्रे की तरह काम करता है जो वातावरण में घुलकर इतना विस्फोटक हो जाता है कि इसके जद में आने वाला किसी भी चीज का कोई नामोनिशान नहीं बचता है। यही वजह है कि इसे बमों का बाप भी कहा जाता है। कई लोग पूछते हैं कि बमों का बाप कौन है तो जान लीजिए कि वैक्यूम बम ही बमों का बाप है। vacuum bomb kya hota hai in hindi के तहत अब नीचे जानते हैं कि वैक्यूम बम काम कैसे करता है-

वैक्यूम बम कैसे काम करता है?

वैक्यूम बम जैसा कि अपने नाम से ही प्रतीत है कि यह वातावरण में एक वैक्यूम यानी निर्वात (खालीपन) पैदा करता है। इस बम का जैसे ही प्रयोग किया जाता है यह बम एक खास किस्म का स्प्रे छोड़ता है। इस स्प्रे में ज्वलनशील धूल, धातु और केमिकल ड्रॉप के बहुत ही बारीक कण भरे होते हैं। ये स्प्रे वातावरण में चारों तरफ फैलते हैं और फिर तापमान बढ़ाने लगते हैं। आसपास के ऑक्सीजन को यह सोख लेता है। अब इस बम में लगा इग्निशन सोर्स आग को पैदा करता है और परमाणु बम की तरह ही चारों तरफ गर्मी बढ़ने लगती है।

अब यह पूरे इलाके को अपने आगोश में ले लेता है और फिर एक बहुत ही खतरनाक वैक्यूम पैदा हो जाता है। अब बम में विस्फोट होता है और आसपास के सारे मकान, बंकर सबकुछ ध्वस्त हो जाते हैं। तापमान इतना बढ़ जाता है कि इसके क्षेत्र में आने वाले इंसान का शरीर मिनटों में भाप बनकर उड़ जाता है। यहां तक कि बहुत दूर रहने वाले लोगों पर भी इसका प्रभाव पड़ता है और उनके आंतरिक अंगों से खून बहना शुरू हो जाता है।

कुछ ही देर में जिस स्थान पर इस बम का प्रयोग होता है वह खंडहर में तब्दील हो जाता है। वहां किसी भी चीज का नामोनिशान नहीं रहता है। चारों तरफ सिर्फ और सिर्फ तबाही। यह बम भी लंबे समय तक वहां के लोगों को परेशान करता है। हवा में घुले होने के कारण काफी समय तक इससे लोग प्रभावित रहते हैं। vacuum bomb kya hota hai in hindi के तहत अब नीचे जानते हैं कि यह बम कब और क्यों बनाया गया।

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कब और क्यों बनाया गया था वैक्यूम बम?

कहा जाता है कि 1960 के दशक में सबसे पहले तत्कालीन सोवियत संघ (अब रूस) ने इसे विकसित किया था। कई जगह यह भी दावा है कि सोवियत संघ के साथ अमेरिका ने भी उसी समय यह बम विकसित कर लिया था। बताया जाता है कि रूस और अमेरिका के पास इस खतरनाक बम के कई वर्जन हैं। 2007 में तो रूस ने अब तक के सबसे खतरनाक और सबसे बड़े वैक्यूम बम में विस्फोट कर इसकी ताकत भी देखी थी।

कहा जाता है कि इस बम ने 39.9 टन के बराबर ऊर्जा निकली थी। हालांकि वैक्यूम बम के इस्तेमाल या खरीद बिक्री पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध है, इसी कारण अब तक अमेरिका और रूस ने ना तो कभी इस बम का प्रयोग किया है और ना ही इसे किसी को बेचा है। चलिए vacuum bomb kya hota hai in hindi के तहत अब जानते हैं कि सबसे पहले किसने इसका इस्तेमाल किया।

सबसे पहले वैक्यूम बम का इस्तेमाल कहां और किसने किया था

सबसे पहले वैक्यूम बम का इस्तेमाल द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान किया गया था। हालांकि तब यह बम उतना खतरनाक बम नहीं होता था जितना आज है। तब जर्मनी सेना ने पहली बार इस तरह के बम का इस्तेमाल कर तबाही मचाई थी। बाद में अमेरिका ने भी वियतनाम युद्ध के दौरान इसका इस्तेमाल किया। वहीं अफगानिस्तान में आतंकी संगठन अलकायदा के खिलाफ भी अमेरिका ने इसका इस्तेमाल किया।

वैसे तो रूस पर भी 1999 में चेचन्या पर युद्ध के दौरान इस तरह के खतरनाक हथियार के इस्तेमाल का आरोप लगा। हालांकि वह वैक्यूम बम ही था, इसे स्पष्ट रूप से या कहें कि आधिकारिक रूप से यह बात सामने नहीं आई। वहीं, हाल ही में यूक्रेन पर युद्ध के दौरान भी आरोप लगा कि रूस वैक्यूम बम का इस्तेमाल किया है। हालांकि इसकी भी पुष्टि नहीं हुई है।

FAQs

वैक्यूम बम कुछ ही सेकंडों में इंसान के शरीर को भाप बना सकता है। यह बंकर के भीतर तक घुसकर उसे तबाह कर सकता है। सेकेंडों में बड़ी से बड़ी इमारतों को खंडहर कर सकता है। यह बम हवा को ही हथियार बना लेता है तो सोचिए कितना खतरनाक होगा।

वैक्यूम बम को ही थर्मोबेरिक बम कहा जाता है ऐसा बम जो इस्तेमाल होने पर वातावरण में तबाही मचाएं और ऑक्सीजन सोख लें वे ही थर्मोबेरिक बम होते हैं।

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