बुधवार के व्रत (budhwar vrat) का शास्त्रों में बहुत ही बड़ा महत्व है। इस दिन मां बुद्धादेवी का पूजन महिलाएं करती हैं। भगवान गणेश (ganesh bhagwan) को प्रसन्न करने के लिए हम सभी पूजा करते हैं। बुधवार का दिन भगवान गणेश का भी दिन होता है। धन-धान्य और पुत्र कामना को लेकर भी आज के दिन लोग व्रत करते हैं। पुत्र कामना को लेकर बुद्धादेवी का व्रत महिलाएं करती हैं। तो चलिए आज के दिन की कथा और पूजन विधि समेत सभी बातों को विस्तार से बताते हैं।

budhwar vrat katha। बुधवार व्रत कथा क्या है

पौराणिक कथा के मुताबिक एक व्यापारी दूर देशों में व्यापार के लिए जाया करता था। उस के विदेश जाने के कुछ दिनों बाद बुधवार के दिन ही उसकी पत्नी ने एक पुत्र को जन्म दिया। कई वर्षों बाद जब वह लौटा तो धन-सम्पत्ति तथा सामान से लदी उसकी गाड़ी दलदल में फंस गई। काफी प्रयत्नों के बाद भी वह गाड़ी खींचने में सफल न हुआ तो पंडितों ने बताया कि बुधवार के दिन पैदा हुआ बच्चा गाड़ी को हाथ लगा देगा तो गाड़ी दलदल से बाहर निकल जाएगी। बुधवार के जन्मे बालक की खोज में वह अपने गांव पहुँचा। घर-घर जाकर पूछने लगा। अपने घर पहुंचने पर उसने पाया कि उसका अपना पुत्र भी बुधवार को ही पैदा हुआ है। वह पुत्र को लेकर गाड़ी के पास पहुंचा। पुत्र ने गाड़ी को हाथ ही लगाया था कि वह दलदल से बाहर निकल आई। गाड़ी ले वह घर आया। सब सुख से रहने लगे। वह लड़का भी बड़ा योग्य, होनहार व बुद्धिमान निकला। माना जाता है कि उस बच्चे के कारण जिस तरह से उसका सामान दलदल से निकल गया, वैसे ही हर बच्चा अपने माता-पिता को दलदल रूपी इस संसार से उबारेगा। इसी कारण आज के दिन हर स्त्री पुत्र कामना को लेकर व्रत करती है।

budhwar vrat ka fayda। बुधवार का व्रत करने से क्या फल मिलता है?

बुधवार का व्रत करने से कई तरह के फायदे होते हैं। सबसे बड़ा फायदा तो यह है कि जिस स्त्री को पुत्र रत्न चाहिए उसे पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। आर्थिक रूप से हर कोई मजबूत होता है। मतलब यह कि आपके घर में धन धान्य बना रहता है। इस दिन का पूजन करने से घर में अन्न का भंडार कभी कम नहीं होता है। बुधवार के दिन अगर बुध ग्रह की पूजा की जाए तो माना जाता है कि वह कुंडली में भाग्य वाली जगह पर बैठ जाते हैं। बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा करने से बुद्धि और वैभव की प्राप्ति होती है। बुधवार के दिन पूजा करने से जीवन के सारे संकट दूर हो जाते हैं।

बुधवार को किसकी पूजा करते हैं? budhwar ko kiski puja karen

बुधवार के दिन भगवान गणेश और मां बुद्धादेवी की पूजा होती है। जहां भगवान गणेश धन वैभव, सुख समृद्धि प्रदान करते हैं वहीं मां बुद्धादेवी के सौभाग्य से पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। इसके अलावा इस दिन बुध ग्रह की भी पूजा कर दें तो इससे जीवन के संकट दूर हो जाते हैं। शुभ कार्य होने लगते हैं।

बुधवार का व्रत कैसे करना चाहिए? budhwar vrat kaise karen

सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके मंदिर जरूर जाएं। साफ वस्त्र धारण करें। इस दिन नमक का सेवन ना करें। एक समय ही भोजन करें वह भी फलाहार करें। शाम को प्रसाद खाकर व्रत खोल सकते हैं लेकिन नमक वर्जित है। इस दिन जो भी व्रत करे वह अपने हाथ से गरीब को खाना खिलाए और दान करे। हरी सब्जी, हरे वस्त्र या कुछ भी हरे रंग का दान करेंगे तो लाभ अधिक मिलेगा। इस दिन पूरे दिन भगवान गणेश और बुद्धादेवी का ध्यान करना चाहिए। शाम को उनकी आरती करें और सभी लोगों में प्रसाद का वितरण करें।

बुधवार के दिन क्या नहीं करना चाहिए? budhwar vrat mein kya na karen

बुधवार व्रत में कुछ चीजें वर्जित हैं। इनका ध्यान नहीं रखेंगे तो आपको इस व्रत का लाभ नहीं मिलेगा। इसके लिए जरूरी है कि आप इसका पालन करें। इस दिन भूलकर भी दूध को ना जलाएं। अगर ऐसा करते हैं तो यह बहुत बड़ा अशुभ होता है और इसका नुकसान आपको भुगतना पड़ेगा। इस दिन दूध से रबड़ी या छेना नहीं बनाना चाहिए नहीं तो आपको नुकसान होना तय है। मूंग दाल, अमरूद, हरी मिर्च, पपीता जैसे हरे चीज की खरीददार आज के दिन ना करें नहीं तो जीवन में तनाव होगा। इस दिन किसी कन्या का अपमान कर दिए तो भगवान गणेश आपसे हमेशा के लिए रूठ जाएंगे। पुरूष इस दिन अपने ससुराल कतई ना जाएं।

गणेश जी के व्रत में क्या खा सकते हैं?

भगवान गणेश के व्रत के लिए कुछ चीजें बहुत ही गौर करनी है। हर चीज आप नहीं खा सकते हैं। इस दिन अगर आप शाम को व्रत खोलते हैं तो आलू को उबाल लें। इस आलू पर सेंधा नमक डालकर खा सकते हैं। बादाम का दूध पीना भी लाभकारी है। दूध के साथ रोटी का भी सेवन कर सकते हैं। बस याद रखें सब्जी वाले नमक का सेवन नहीं करना है।

बुध के व्रत में क्या खाना चाहिए?

बुध का व्रत बहुत ही लाभकारी व्रत होता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करके अपने सौभाग्य की कामना करते हैं। इस दिन क्या खाना चाहिए जान लीजिए। मूंग से बना खाद्य पदार्थ खाएं। इसमें नमक नहीं होना चाहिए यह हमेशा ध्यान रखें। मूंग के लड्डू, मूंग की पंजीरी खाते हैं तो भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं। सरसो का साग खाना चाहिए। फल हर तरह का खा सकते हैं। हरा फल खाएं तो बहुत ही फायदा होगा।

बुधवार व्रत मंत्र

बुधवार के दिन का मंत्र बहुत ही लाभकारी है। इस मंत्र को हमेशा ही सच्चे मन से पढ़ना चाहिए। जब भी आप इसे पढ़ने बैठे ध्यान में भगवान गणेश को रखें और मंत्रोच्चार करें। इस समय कोई व्यवधान नहीं होना चाहिए। ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात। इस व्रत को 101 बार बोलेंगे तो हर संकट दूर हो जाएगा।

गणेश जी का मंत्र कौन सा है?

ॐ गं गणपतये नमः’ यही गणेश जी का बीज मंत्र है। वैसे तो मंत्र कई हैं लेकिन आज के समय में जबकि लोगों के पास बहुत समय नहीं है आप सिर्फ इस छोटे मंत्र से सारी मनोकामना पूर्ण कर सकते हैं। बस शर्त इतना ही है कि इस मंत्र को पूरे सच्चे मन से करें और 101 बार करें।

बुधवार व्रत की पूजा विधि। budhwar puja vidhi

बुधवार व्रत की पूजा विधि आसान है। भगवान गणेश को प्रसन्न करना भी आसान है। सच्चे मन से अराधना करेंगे तो भगवान जरूर प्रसन्न होंगे। इस दिन सुबह जल्दी स्नान करें। इसके बाद पीला या हरा वस्त्र धारण करें। पूर्व या उत्तर की तरफ अपना चेहरा करके बैठ जाएं। अब भगवान गणेश को धूप, दीप दिखाएं। उन्हें मोदक चढ़ाएं। चंदन लगाएं। सूखे सिंदूर का तिलक लगाएं। भगवान गणेश को दूब जरूर चढ़ाएं, उससे जल्दी प्रसन्न होते हैं। इसके बाद भगवान गणेश की आरती करें। इसके बाद 10 मिनट तक के लिए खुद को एकांत करके भगवान गणेश जी के मंत्र का जाप करें। इसके बाद सभी को प्रसाद वितरित कर खुद भी प्रसाद ग्रहण करें।

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