Category: व्रत कथा

रक्षा बन्धन( श्रावण शुक्ल पूर्णिमा) कब मनाते है और क्यों मनाई जाती है

यह पर्व दो त्यौहारों का अनूठा समन्वय है। (१) रक्षा बन्धन (२) श्रावण-कर्म । इन दोनों का अलग-अलग वर्णन इस प्रकार (१) रक्षा-बन्धन -श्रावण शुक्ला पूर्णिमा से दो दिन पूर्व…

हनुमान जयन्ती (चैत्र शुक्ल पूर्णिमा) कब मनाते है

शास्त्रों में मतैक्य न होने पर भी चैत्र शुक्ला पूर्णिमा को हनुमान जी का जन्मदिवस मनाया जाता है। इस पुण्यतिथि को माता अंजना के गर्भ से पवनसुत हनुमान जी का…

बुधवार व्रत कथा और बुधवार व्रत कैसे करें? पूजा विधि भी जानें

बुधवार के व्रत (budhwar vrat) का शास्त्रों में बहुत ही बड़ा महत्व है। इस दिन मां बुद्धादेवी का पूजन महिलाएं करती हैं। भगवान गणेश (ganesh bhagwan) को प्रसन्न करने के…

संक्रान्ति व्रत क्यों करना चाहिए ?

जिस समय सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है उस समय को ‘संक्रान्ति’ कहते हैं। किसी भी संक्रान्ति का जिस दिन संक्रमण हो उस दिन प्रातःकाल स्नानादि…

सूर्य षष्ठी (भाद्रपद शुक्ल षष्ठी)

प्रायः प्रत्येक महीने के शुक्ल पक्ष में सप्तमी युक्त षष्ठी को भगवान सूर्य का व्रत किया जाता है। इसलिए महीने के अधिपति का रूप और नाम में परिवर्तन होता है।…

आखिर क्यों मनाते है मकर-संक्रान्ति (माघ कृष्ण प्रतिपदा)

जितने लम्बे समय में पृथ्वी सूर्य के चारों ओर एक चक्र लगाती है, उसे ‘सौर वर्ष’ कहते हैं। पृथ्वी का गोलाई में सूर्य के चारों ओर घूमना ‘क्रान्ति चक्र’ कहलाता…

आमला नवमी (इच्छा नवमी) (कार्तिक शुक्ल नवमी) क्या होता है | आमला नवमी क्यों मनाते है

इस व्रत के करने से व्रत, पूजा-तर्पण, आदि का फल अक्षय हो जाता है। इसलिए इसे ‘अक्षय नवमी’ भी कहते हैं। इस दिन गाय पृथ्वी, स्वर्ण तथा वस्त्राभूषणादि का देने…