गणेश चतुर्थी (भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी)

श्री गणेश जी विघ्न विनायक हैं। देवसमाज सर्वोपरि हैं। भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को मध्याह्न के समय गणेश जी जन्म हुआ था। गजानन गणेश बुद्धि के देवता हैं। गणेश का वाहन…

हरतालिका तीज (भाद्रपद शुक्ल तृतीया)

भाद्रपद की शुक्ला तृतीया को हस्त नक्षत्र होता है। इस दिन गौरी-शंकर का पूजन किया जाता है। इस व्रत को कुमारी तथा सौभाग्यवती स्त्रियाँ करती हैं। व्रत का विधान –…

गाज बीज पूजन (भाद्रपद शुक्ल द्वितीया)

यह कुल देव-पूजन का दिन होता है। इस दिन कच्ची रसोई बनाने का विधान है। कुल देव को भोग लगाकर प्रसाद एक ही कुलगोत्र के लोगों में बाँट दिया जाता…

ओक दुआस (वत्स द्वादशी) (भाद्रपद कृष्ण द्वादशी)

इसे ‘बलि दुआदसी’ अथवा ‘वत्स द्वादशी’ भी कहते हैं। यह पर्व भी बहुरा चौथ तथा ‘हरछठ’ की भांति पुत्र की मंगल कामना के लिए किया जाता है। इसे पुत्रवती स्त्रियाँ…

गंगा नवमी (भाद्रपद कृष्ण नवमी)

यह पर्व गंगा-पूजन के साथ मनाया जाता है। इस दिन गंगा स्नान करके जल गंगा जी किया जाता है। यह गंगा व्याधिनाशक तथा सुख सम्पत्तिदायक है। इस व्रत का विशेष…

कृष्ण जन्माष्टमी (भाद्रपद कृष्ण अष्टमी)

भाद्रपक्ष कृष्णा अष्टमी को रात के बारह बजे मथुरा नगरी के कारागार में वसुदेव जी की पत्नी देवकी के गर्भ से षोडश कलावतार भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लिया था।…

हल षष्ठी या हर छठ (भाद्रपद कृष्ण षष्ठी)

इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के अग्रज श्री बलराम जी का जन्म हुआ था। श्री बलराम जी का प्रधान शस्त्र हल तथा मूसल है। इसीलिए उन्हें हलधर कहते हैं। उन्हीं के…