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आजकल बुलडोजर शब्द खूब प्रचलन में है। पहले बुलडोजर यूपी में चला। फिर मध्य प्रदेश में चला और अब दिल्ली के जहांगीरपुरी में चला है। बुलडोजर चलना सही है या गलत, हम यहां इस पचड़े में नहीं पड़ने जा रहे हैं। हम आपको बुलडोजर के बारे में वे अनोखी बातें बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में आपको और कहीं भी जानकारी नहीं मिलेगी। तो चलिए दोस्तों, समय नहीं गंवाते हैं सीधे प्वाइंट पर आते हैं।

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बुलडोजर क्या है। bulldozer kya hai hindi me bataye

दोस्तों, बुलडोजर को आसान शब्दों समझना है तो जान लीजिए कि यह एक हैवी यानी भारी मशीन है। यह सचल यंत्र है यानी चलने वाली मशीन है। जिसका काम मिट्टी खोदने से लेकर कोई निर्माणाधीन मकान या अतिक्रमण आदि को गिराने में किया जाता है। है तो यह मशीन ही आप चाहें जिस रूप में इसका यूज कर लें।


बुलडोजर नाम कैसे पड़ा? bulldozer kaha chalta hai

कुछ लोगों के मन में सवाल यही आता है कि आखिर इसका नाम बुलडोजर क्यों पड़ा। यह सवाल अच्छा है। दोस्तों आपने बुल को देखा है यानी सांढ़ को। कैसे मस्तमौला होकर चलता है और अपने सामने आने वाली चीजों पर अगर बिगड़ गया तो उसका समूल नाश कर देता है। कुछ ऐसा ही यह मशीन है। इसका उपयोग अगर गलत तरीके से किया गया तो यह विनाश मचा देता है। ध्वस्त करना इसका काम ही है। इसीलिए अगर सांढ़ से आप जोड़ दें तो आपको समझ आ जाएगा कि इसका नाम बुल डोजर क्यों पड़ा। इसमें दो शब्द हैं बुल और डोजर।

सबसे पहले बुलडोजर कहां चला। bulldozer ka kya kam hai

दोस्तों इसे जानने के लिए आपको बुलडोजर के इतिहास में चलना पड़ेगा। इसके इतिहास की शुरुआत होती है, 1880 में। लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि तब यह सांढ़ जैसा बुलडोजर बकरी के बराबर का था। यानी बकरी जितनी बड़ी मशीन। अगर बड़े बुलडोजर की बात करें तो यह 1904 में पहली बार कैलिफोर्निया में चला और इसे देखने के लिए सड़कों पर भीड़ उमड़ पड़ी थी। यह बुलडोजर सड़क पर और फिर खेत के काम में चला था। पहली बार लोगों को किसी एक भारी भरकम मशीन के बारे में पता चला जो पल भर में सबकुछ मिटाने् की क्षमता रखती थी।

सबसे पहला बुलडोजर किसान ने बनाया था। bulldozer ke bare me bataye

दोस्तों , क्या ही इत्तेफाक है ना कि पहला बुलडोजर बेंजामिन होल्ट नामक किसान बनाता है। सोचिए इसका मतलब साफ था कि इसका यूज खेती के लिए, जमीन को समतल करने के लिए किया जाना था और शुरू में यही किया गया लेकिन बाद में लोगों ने इसका बेजा इस्तेमाल शुरू किया। हालांकि आज भी कई जगह मिट्टी को समतल करने और मिट्टी खोदकर पाइप लाइन बिछाने आदि सरकारी योजनाओं में भी इसका इस्तेमाल होता है।

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अमेरिका समझ गया था बुलडोजर का महत्व और कर दिया यह काम

दोस्तों, अमेरिका आगे क्योें है। वह इसलिए क्योंकि वह जान जाता है कि आने वाले समय में कौन सी चीज दुनिया पर राज करेगी। हथियार उसने इसीलिए बनाए और बुलडोजर भी बनाया। बुलडोजर को व्यावासायिक रूप से मार्केट में उतारने का काम अमेरिका से ही हुआ। 1923 में अमेरिका के आयोवा में इसका विधिवत निर्माण कार्य शुरू हुआ। हालांकि तब भी किसान ही आगे आए। कहा जाता है कि आयोवा के किसान जेम्स कमिंग्स ने ही आजकल दिखने वाले आधुनिक बुलडोजर की कल्पना की थी।

क्या जेसीबी और बुलडोजर एक ही है। JCB AUR bulldozer ME KYA ANTAR HAI


दोस्तों, कई लोगों को इसे लेकर भ्रम है। वे जेसीबी या बुलडोजर को देखकर समझते हैं कि ये दोनों तो एक ही हैं। नहीं, ये दोनों में अंतर है। चलिए आपको इस अंतर के बारे में स्पष्ट कर देते हैं। दोस्तों, जेसीबी मशीन का ज्यादातर काम भारी सामान को उठाने में किया जाता है। हालांकि कई जगह यानी अपने देश में खुदाई के लिए भी इसका इस्तेमाल होता है। खनन में भी जेसीबी को ही इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन इन कामों के लिए आप बुलडोजर का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। वहीं बुलडोजर की बात करें तो यह समतल करने, ध्वस्त करने जैसे कामों में ज्यादा प्रयोग लिया जाता है। हालांकि कहीं कहीं बुलडोजर का काम जेसीबी से भी होता है और जेसीबी का काम बुलडोजर भी चला देता है।

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बुलडोजर पीला ही क्यों होता है?

बुलडोजर को आपने देखा होगा तो आपको वह अक्सर पीले रंग में ही दिखता है। आखिर क्या वजह है। आपके मन में भी सवाल आता है। इसके पीछे कई तर्क दिए जाते हैं। पहला तर्क तो यही है कि चूंकि इसका काम कंस्ट्रक्शन से जुड़ा हुआ है और कंस्ट्रक्शन साइट पर पीले रंग का ही प्रयोग अधिक होता है इसलिए इसका रंग भी पीला कर दिया गया है। दूसरा तर्क है कि पीला चमकदार रंग है जो दूर से ही पहचाना जाता है। जेसीबी भारी मशीन है दूसरे से ही पहचान में आए इसलिए भी पीला रंग दिया गया है।

बुलडोजर कितने प्रकार का होता है?

दोस्तों बुलडोजर दो प्रकार का होता है। पहला है ब्लेड बुलडोजर और दूसरा है रिपर बुलडोजर। ब्लेड बुलडोजर का फर्क यह है कि इसमें आगे की तरफ ब्लेडनुमा एक लोहे का प्लेट लगा होता है। आपने देखा होगा कि इसमें यह बड़ी संख्या में कचरा या कोई भी सामान उठा लेता है। उसी तरह से रिपर बुलडोजर में आगे पंजे जैसा नुकीलापन दिया गया होता है, जिससे यह खुदाई करने में आसान होता है।

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(दोस्तों, उम्मीद है कि आपको बुलडोजर के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। अगर ये स्टोरी पसंद आई तो नीचे कमेंट जरूर करिएगा और शेयर करिएगा)

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