कंप्यूटर क्या है ( Computer kya hai ) what is the computer in hindi , कंप्यूटर कैसे काम करता है (Computer Kaise Kaam karta hai), कंप्यूटर का अविष्कार कब हुआ? अगर आप इन सवालो के जवाब ढूँढ रहे हो तो आप घबराये नहीं, बल्कि आपका इंतज़ार ख़त्म हुआ। आप सही जगह पे आ चुके हो। हम आपको ये सभी सवालो के जवाब इस पोस्ट में सरल भाषा में समझाएंगे ताकि आपको दुबारा कही और इंटरनेट पर ढूंढने की ज़रूरत नहीं पड़े। तो चलिए शुरू करते है –

कंप्यूटर क्या है – (What is the Computer in Hindi)

कंप्यूटर एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक मशीन है, जो हमारे कामो को बहुत आसान बनाता है। कंप्यूटर बिल्कुल मानव की तरह होता है। जिस तरह से मानव का निर्माण शरीर और आत्मा से हुआ है। उसी प्रकार कंप्यूटर भी दो चीज़ो से मिल के बना है, पहला हार्डवेयर और दूसरा सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर जिसे हम छू सकते है देख सकते है, मगर सॉफ्टवेयर को हम न छू सकते है न ही देख सकते है। हार्डवेयर कंप्यूटर का शरीर होता है और सॉफ्टवेयर आत्मा कहलाता है।

कंप्यूटर को हिंदी में (संगणक) SANGANAK कहते है

यह वही काम करता है जो उसे कमांड दिया जाता है। क्यू की कंप्यूटर न तो सोंच सकता है और नहीं कुछ महसूस कर सकता है। उदाहरण के लिए अगर हम कंप्यूटर में कोई गाना सुनना चाहते है तो उस के लिए उस के अंदर गाना प्ले करने के लिए मीडिया प्लेयर सॉफ्टवेयर का इनस्टॉल होना ज़रूरी होता है। नहीं तो कंप्यूटर उसे प्ले नहीं कर सकता। यानी कंप्यूटर सिर्फ उसी कमांड को प्रोसेस करता है जो उसके अंदर पहले से सॉफ्टवेयर के रूप में डाला या installed रहता है।

कंप्यूटर कैसे काम करता है (How computer works) –

सबसे पहले हम एक उदाहरण से समझेंगे। मान लीजिये के आपकी माताजी आप को बाजार से सब्ज़ी लाने को बोलती है, तो आप सब्ज़ी लाने के लिए निकल पड़ते है। आपकी माताजी ने आपसे जो भी बाते कहा वो आपके लिए इनपुट (Input) हुआ, और आप उस इनपुट को ध्यान में रख कर बाजार से उन्हें सब्ज़ी ला कर दिए। तो आपका सब्ज़ी लेकर उनको देना उनके लिए आउटपुट (Output) कहलाया, यानी के आपने इनपुट का पालन किया।

ठीक उसी तरह कंप्यूटर भी हमसे यानी यूजर से इनपुट (Input) के रूप में डाटा लेता है वो डाटा हम कीबोर्ड के ज़रिये देते है, हम कीबोर्ड से कुछ भी टाइप करते है तो वो कंप्यूटर के लिए इनपुट कहलाता है। हम कीबोर्ड के अलावा भी और डिवाइस से इनपुट दे सकते है, (जो मैं बाद में बताऊंगा इनपुट डिवाइस वाले टॉपिक में)। तो अब कंप्यूटर उस इनपुट को प्रोसेस (Process) करता है। फिर उसका आउटपुट (Output) हमे मॉनिटर पर डिस्प्ले कर देता है, या प्रिंटर के ज़रिये प्रिंट कर के दे देता है। तो basically कंप्यूटर ऐसे ही वर्क करता है, चाहे आप कोई भी काम हो आप पहले इनपुट डालेंगे।

उदाहरण के लिए अगर आपको कंप्यूटर पर मूवी देखनी हो तो आप, कोई भी इनपुट डिवाइस, जैसे कीबोर्ड या माउस से कंप्यूटर में मूवी के फाइल को ओपन करेंगे। फिर उस के बाद आपका काम खत्म अब कंप्यूटर उस फाइल यानी कि उस इनपुट को प्रोसेस करेगा और मूवी चलना शुरू कर देगा।

Input/Ouput और Process क्या होता है

Input:- कोई भी रॉ डाटा या इनफार्मेशन जो कंप्यूटर को देते है वो Input कहलाता है।

Process:- Input द्वारा लिए गए डाटा को Ouput देने के लिए Instruction फॉलो कर के प्रोसेसिंग की जाती है। ये internally होता है, हम इसे देख नहीं सकते हैं।

Output:- Input डाटा को प्रोसेस करने के बाद कंप्यूटर एक रिजल्ट दिखाता है जिसे हम आउटपुट कहते है। उस आउटपुट को हम save कर सकते है, print कर सकते है।

कंप्यूटर का अविष्कार कब और क्यूँ हुआ – (When Computer invented and Why in Hindi)

कंप्यूटर शब्द Latin के शब्द Computare से लिया गया है, इसका मतलब गणना (Calculation) करना होता है। हम तर्क दे सकते हैं कि पहला कंप्यूटर एबेकस (Abacus) या उसका वंशज था। लेकिन आज की आधुनिक मशीनों से मिलता-जुलता पहला कंप्यूटर एनालिटिकल इंजन (Analytyical Engine) था, एक डिवाइस जिसकी कल्पना और डिजाइन 1833 से 1871 के बीच ब्रिटिश गणितज्ञ चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage) ने किया था। इसीलिए Charles Babbage को फादर ऑफ़ कंप्यूटर (Father of Computer) भी कहा जाता है।

बैबेज के आने से पहले, एक “कंप्यूटर” एक व्यक्ति था। कोई ऐसा व्यक्ति जो पूरे दिन आस-पास बैठा रहता, संख्याओं को जोड़ना और घटाना और परिणामों को तालिकाओं में दर्ज करना। इसलिए अन्य लोग उन्हें कार्यों को पूरा करने के लिए उपयोग कर सकते थे। जैसे कि तोपखाने के गोले को सही ढंग से लॉन्च करना या टैक्स की गणना करना। जिसमें गणना भी शामिल थी रोजमर्रा (daily) के गणित के अलावा। वे अधिक उन्नत प्रकार (High level) के अंकगणित और एल्गोरिथ्म (Algorithm) की गणना करते थे। उस वक़्त उनके पास समय भी रहता था, मगर आज के 99% लोग ये काम नहीं कर सकते।

इसीलिए फादर ऑफ़ कंप्यूटर चार्ल्स बैबेज ने ऐसा कंप्यूटर का इन्वेंशन किया जो इन सभी कामो को आसान बना दिया। इसे फर्स्ट जनरेशन कंप्यूटर भी कहते है, इस कंप्यूटर में माउस, स्क्रीन, कीबोर्ड नहीं होते थे। CPU का साइज लगभग एक रूम के इतना बड़ा था।

कंप्यूटर के कंपोनेंट्स (Components of computer )

MotherBoard:-

मदरबोर्ड


ऊपर जो चित्र देख रहे है उसे मदरबोर्ड कहते है, मदरबोर्ड ही कंप्यूटर के सभी हिस्सों को एक साथ जोड़ता है। यह सीपीयू (CPU), मेमोरी (Memory/RAM), हार्ड ड्राइव (Hard Drive), ऑप्टिकल ड्राइव (Optical Drive), वीडियो कार्ड (Video Card), साउंड कार्ड (Sound Card), और दूसरे पोर्ट्स और एक्सपेंशन कार्ड (Expansion Card) को सीधे या केबलों के माध्यम से जोड़ता है। इसे कंप्यूटर की रीढ़ कहते है।

CPU/Processor:-
इसका फुल फॉर्म Central Processing Unit होता है। CPU को कंप्यूटर का दिमाग (ब्रेन) कहते है। CPU ही सभी प्रकार के डाटा प्रोसेसिंग करता है। CPU ही कंप्यूटर के सभी प्रकार के गतिविधि(Operation) को कण्ट्रोल करता है यानी देख रेख करता है। किसी भी डाटा के प्रोसेसिंग का स्पीड CPU पर ही निर्भर(depend) करता है।

Hard Drive (Secondary Memory):-
हार्ड ड्राइव सेकेंडरी मेमोरी होता है, जो कि प्राइमरी मेमोरी (Primary Memory) यानी RAM/ROM से slow होता है। हार्ड ड्राइव का use डाटा को परमानेंटली (permanently) स्टोर करने के लिए होता है। कंप्यूटर में हम कोई भी फाइल (document), सांग (song), मूवी (movie) जो सेव (save) करते है, वो इसी हार्ड ड्राइव में सेव होता है। CPU कभी भी हार्ड ड्राइव यानी के सेकेंडरी मेमोरी को डायरेक्ट एक्सेस नहीं करता है। हार्ड ड्राइव से डाटा RAM में ट्रांसफर होता है फिर CPU उस डाटा को RAM से एक्सेस करता है। हम अलग से भी हार्ड ड्राइव (एक्सटर्नल हार्ड drive) कंप्यूटर में लगा सकते है।

RAM (Primary Memory):-
RAM (Random Access Memory) एक sort term मेमोरी होता है। यानी CPU कोई भी टास्क करता है तो उसका रिजल्ट RAM में ही स्टोर करता है, यह एक रीड / राइट मेमोरी है जो computer के चालू रहने तक data स्टोर करता है। जैसे ही कंप्यूटर को स्विच ऑफ किया जाता है, डेटा डिलीट हो जाता है। इसी लिए इसे वोलेटाइल(Volatile) मेमोरी भी कहते है, यानी जैसे ही कंप्यूटर ऑफ या पावर कट होता है तो इस मेमोरी का डाटा भी डिलीट हो जाता है।

इसी लिए हम डेस्कटॉप के लिए पावर बैकअप यूपीएस (Uninterruptible Power System ) हमेशा use करते है। ताकि अचानक से बिजली जाने के केस में हमारा डाटा बचा रहे और हम उसे अपने हार्ड ड्राइव में सेव कर सके। RAM का फिजिकल साइज और स्टोरेज साइज दोनों ही छोटा होता है।

उदाहरण से समझिये, हम नोटपैड पर कुछ भी लिखते है और उसे सेव नहीं करते है, तो वो डाटा RAM में ही रहता है और उस डाटा को बिना सेव किये कंप्यूटर बंद हो जाता है तो वो डाटा डिलीट हो जाता है, लेकिन कंप्यूटर बंद होने से पहले हम नोटपैड पर लिखे हुए डाटा को ctrl +S से सेव करते है तो वो डाटा RAM से अब हार्ड ड्राइव में हमेशा के लिए सेव हो जाता है। फिर कंप्यूटर बंद होने से भी वो डाटा डिलीट नहीं होता है।

Power Supply:-
पावर सप्लाई कंप्यूटर के दूसरे कम्पोनेंट्स तक ज़रूरत के अनुसार पावर पहुंचाता है।

Wireless Adapter:-
वायरलेस एडेप्टर कंप्यूटर को तारों का उपयोग किए बिना इंटरनेट और अन्य कंप्यूटर से कनेक्ट करता हैं। यह रेडियो तरंगों (Radio Wave) के माध्यम से डेटा को राउटर में भेजते हैं जो इसे ब्रॉडबैंड मॉडेम या आंतरिक नेटवर्क पर भेजते हैं।

इनपुट आउटपुट डिवाइस – Input/Output devices

जिस डिवाइस के माध्यम से हम कंप्यूटर को डाटा भेजते है या इंस्ट्रक्शन देते है। इनपुट डिवाइस कहलाता है।

इनपुट डिवाइस के लिस्ट – List of Input Device

Keyboard
Mouse
Joy Stick
Light pen
Track Ball
Scanner
Graphic Tablet
Microphone
Magnetic Ink Card Reader(MICR)
Optical Character Reader(OCR)
Bar Code Reader
Optical Mark Reader(OMR)

कंप्यूटर हमारे इनपुट डाटा को प्रोसेस करने के बाद रिजल्ट को जिस डिवाइस पर दिखाता या भेजता है उसे आउटपुट डिवाइस कहते है।

आउटपुट डिवाइस के लिस्ट – List of Output Device

Monitors
Graphic Plotter
Printer
Sound Box

Uses of Computers – कंप्यूटर के उपयोग

कंप्यूटर हमारे दैनिक जीवन में हर काम को आसान बना दिया है, आइये जानते है कंप्यूटर का उपयोग किस क्षेत्र में ज़्यादा होता है।

शिक्षा के क्षेत्र में कंप्यूटर का उपयोग:-

शिक्षा के क्षेत्र में कंप्यूटर का बहुत अहम् योगदान है, घर बैठे ऑनलाइन पढ़ाई करना, ऑनलाइन क्लास करना, ये सभी कंप्यूटर के होने के बाद ही संभव हो पाया है। अगर किसी भी स्टूडेंट को किसी भी सवाल का जवाब जानना होता है तो पल में इंटरनेट के माध्यम से सर्च कर के जानकारी हासिल कर लेता है। और ये बात सच है कि ऑनलाइन पढ़ाई करने से स्टूडेंट को चीज़े ज़्यादा समझ आती है।

स्वास्थ्य के क्षेत्र में कंप्यूटर का उपयोग:-

कंप्यूटर के अविष्कार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत ही ज़्यादा मदद मिला है। मरीज़ो का टेस्ट कंप्यूटर के ज़रिये आसानी से हो जाता है। मरीज की जानकारी को मैनेज करने और रिकॉर्ड करने के लिए डॉक्टर कंप्यूटर का उपयोग करते हैं, जिससे उन्हें अधिक एक्यूरेट दिअग्नॉसी करने में मदद मिल सकती है, खासकर अगर कई डॉक्टर एक ही रोगी के साथ काम कर रहे हों।

X-Ray, ईकेजी(EKGs), ऑक्सीजन के स्तर (Oxygen Level)और रक्तचाप (Blood Pressure) जैसे और भी बहुत नियमित स्वास्थ्य जांच करने के लिए computer का उपयोग करते हैं। फिर उस मरीज का रिकॉर्ड कंप्यूटर के डेटाबेस में ऑटोमेटिकली सेव हो जाता है। ताकि दूसरे स्टाफ उसी डाटा को आसानी से निकल के मरीज कि देख रेख करे।

व्यापर (Business) के क्षेत्र में:-

कंप्यूटर के अविष्कार के बाद बिज़नेस में काफी बढ़ावा आया है। और बिज़नेस में इसका इस्तेमाल कस्टमर के, स्टाफ के इनफार्मेशन स्टोर करने के लिए, बैंकिंग के लिए, ट्रेडिंग के लिए, रिटेल में और मार्केटिंग के लिए होता है। इ-कॉमर्स बहुत ही अच्छा उदाहरण है। ऑनलाइन पेमेंट करने में इसका इस्तेमाल होता है। जिससे बिज़नेस भी ग्लोबल हो गया है।

मनोरंजन (Entertainment) के क्षेत्र में:-

कंप्यूटर पर हर कोई आसानी से गेम खेल सकता है, मूवी देख सकता है, और song सुन सकता है। इसका इस्तेमाल फिल्म बनाने में ज़्यादा होता है। एनिमेटेड वीडियो बनाने में भी इसका खूब इस्तेमाल होता है। अगर देखा जाये तो ऐसा कोई भी जगह नहीं बचा है, जहा कंप्यूटर का इस्तेमाल नहीं होता है।

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