रामनवमी (चैत्र शुक्ल नवमी)

इस दिन पुनर्वसु नक्षत्र तथा कर्क लग्न में कौशल्या की कोख से भगवान राम ने अवतार लिया था। भारतीय जीवन में यह दिन पुण्य का पर्व माना जाता है। महाकवि…

गौरी जयन्ती (दुर्गाष्टमी) (चैत्र शुक्लाष्टमी)

इस दिन पर्वतराज कुमारी पार्वती ने अवतार लिया था। कुछ लोगों का मत है कि गौरी का जन्म ‘ज्येष्ठशुक्ला’ तृतीया को हुआ था। पार्वती जी ने पतिव्रत धर्म का आदर्श…

मत्स्य जयन्ती (चैत्र शुक्ल पंचमी)

इस दिन भगवान ने मत्स्य के रूप में प्रथम अवतार लिया था। इसी की स्मृति में मत्स्य जयन्ती मनाई जाती है। इस दिन प्रातःकाल स्नान आदि करके द्वार पर भगवान…

गनगौर (गौरी तृतीया) (चैत्र शुक्ल तृतीया)

हिंदू-स्त्री-समाज में यह दिन एक पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव ने पार्वती जी को तथा पार्वती जी ने समस्त स्त्री समाज को सौभाग्य का…

अरुन्धती व्रत (चैत्र शुक्ल तृतीया)

अरुन्धती महर्षि कर्दम की पुत्री तथा वशिष्ठ जी की पत्नी थीं। सप्त ऋषियों में वशिष्ठ जी के साथ अरुन्धती जी को भी विशेष स्थान प्राप्त है, इसलिए इन्हीं के नाम…

नव-संवत्सर- प्रतिपदा (चैत्र शुक्ल प्रतिपदा)

यह दिन विक्रमीय संवत् का प्रथम दिन माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन प्रजापति ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी तथा शेष देवताओं ने इसी दिन…

चैत्री अमावस्या (चैत्र-अमावस्या)

यह विक्रमीय संवत्सर की अन्तिम रात है। इस रात्रि के पश्चात् का प्रभात नये वर्ष का श्रीगणेश होता है। इस प्रभात बेला में नये साल के नये-नये संकल्प करने चाहिए।…