पद्मा एकादशी (भाद्रपद शुक्ल एकादशी)

आषाढ़ माह से शेष- शैय्या पर निद्रा-मग्न भगवान विष्णु, भादों की शुक्ल पक्ष की एकादशी को करवट बदलते हैं। इस एकादशी को ‘पद्मा एकादशी’ या ‘वर्तमान एकादशी’ भी कहते हैं…

राधाष्टमी(भाद्रपद शुक्ल अष्टमी)

इस दिन श्रीकृष्ण की बालसहचरी तथा अह्लादिनी शक्ति राधा का जन्म हुआ था। राधा विश्व की प्रेमिका थीं। प्रेम के साम्राज्य की तो वो महारानी हुई हैं। राधा के बिना…

महाकाली महालक्ष्मी पूजन (भाद्रपद शुक्ल अष्टमी)

यह पूजन भादों शुक्ला अष्टमी से आरम्भ होकर आश्विन की कृष्णाष्टमी तक चलता है। स्त्रियाँ कच्चे सूत के गंडे बनवाती हैं। इसमें सोलह धागे होते हैं। इसमें सोलह गांठें लगाई…

दूर्वाष्टमी (भाद्रपद शुक्ल अष्टमी)

इस दिन सात प्रकार के फल, पुष्प, दूर्वा तथा नैवेद्यादि अर्पण करके पार्वती तथा शिवजी का पूजन एवं व्रत करने से सारी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।

सन्तान सप्तमी व्रत ( भाद्रपद शुक्ल सप्तमी)

यह व्रत पुत्र प्राप्ति, पुत्र रक्षा तथा पुत्र अभ्युदय के लिए किया जाता है। इस व्रत का विधान दोपहर तक रहता है। दोपहर को चौक पूर कर चंदन, अक्षत, धूप,…

ऋषि पंचमी (भाद्रपद शुक्ल पंचमी)

यह व्रत जाने-अनजाने हुए पापों के प्रक्षालन के लिए स्त्री तथा पुरुषों को अवश्य करना चाहिये। इस दिन गंगा स्नान करने का विशेष माहात्म्य है। यदि गंगा स्नान सुलभ न…

कपर्दि विनायक-व्रत (भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी )

श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से भाद्रपद शुक्ला चतुर्थी तक कपर्दि विनायक व्रत किया जाता है। जो मनुष्य एक मास तक एक समय भोजन करके कपर्दि गणेश का…

सिद्धि विनायक व्रत (भाद्रपद शुक्ला चतुर्थी)

वैसे तो प्रत्येक मास की कृष्णा चतुर्थी को गणेश व्रत होता है फिर भी माघ, श्रावण, भाद्रपद तथा मार्गशीर्ष में इस व्रत का विशेष माहात्म्य है। इस दिन काल सफेद…