मंगला गौरी व्रत में क्या खाना चाहिए? सावन के मंगलवार को किसकी पूजा करनी चाहिए, sawan mangalwar vrat hindi 2022

sawan mangalwar vrat hindi 2022: सावन के महीने में सोमवार की तरह ही मंगलवार का भी विशेष महत्व है। मंगलवार के दिन महिलाएं अपने पति के दीर्घायु होने के लिए मां मंगलागौरी की पूजा करती हैं। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि इस बार कितने मंगलवार पड़ेंगे? मंगलवार का व्रत कैसे करें? मंगला गौरी की पूजा और व्रत कैसे करें? sawan mangalwar vrat hindi 2022, सावन में मंगलवार की पूजा का क्या महत्व है? इन सारे सवालों का जवाब इस आर्टिकल में आपको मिल जाएगा। तो फिर देर किस बात की चलिए शुरू करते हैं। और हां दोस्तों, इस जरूरी जानकारी को शेयर जरूर कर दीजिएगा।

दोस्तों, सावन में भगवान शिव की अराधना होती है। सोमवार को भगवान शिव की अराधना के लिए सबसे बेहतर दिन माना जाता है लेकिन उसके अगले दिन यानी मंगलवार को मां पार्वती की अराधना होती है। शिव की पत्नी मां पार्वती को गौरी भी कहते हैं। चूंकि पार्वती मंगलदायिनी हैं इसलिए उन्हें मंगला भी कहते हैं। मंगल को गौर की पूजा होने के कारण इसे मंगलागौरी भी कहते हैं।

सावन के हर मंगलवार को सभी को खासकर महिलाओं को मां मंगलागौरी की पूजा और संभव हो तो इस दिन व्रत भी जरूर करना चाहिए। हम नीचे आपको बताएंगे कि सावन के मंगलवार का व्रत करने से क्या फायदा होता है। सबसे पहले जान लीजिए कि मंगलागौरी की पूजा कैसे करें। इस व्रत को कैसे करें। sawan mangalwar vrat hindi 2022 के तहत पहले जानिए कि पूजा विधि क्या है।

sawan mangalwar puja vidhi in hindi  सावन के मंगलवार को मंगलागौरी की पूजा कैसे करें

श्रावण माह यानी सावन के महीने में जितने भी मंगलवार आएं, उन दिनों व्रत करके मंगलागौरी का पूजन करना चाहिए।

  • प्रातः नहा-धोकर एक चौकी पर लाल व सफेद कपड़ा बिछाना चाहिए।
  • सफेद वस्त्र पर चावल से नौ ग्रह बना कर तथा लाल वस्त्र पर गेहूँ से षोडश माता बनाकर पूजा करनी चाहिए।
  • चौकी के एक तरफ चावल व फूल रख कर गणेश जी की स्थापना करनी चाहिए।
  • एक तरफ थोड़ा गेहूँ रख कर कलश स्थापित करना चाहिए।
  • आटे का चौमुखी दिया बना कर १६-१६ तार की चार बत्तियाँ डाल कर जलाना चाहिए।
  • सबसे पहले गणेश जी का पूजन करना चाहिए। पूजन करके जल, रोली, मोली, चन्दन, पान, सुपारी आदि चढ़ाना करके सारा चाहिए।
  • फिर कलश का पूजन भी गणेश पूजन की भाँति करना चाहिए।
  • इसके बाद नौ ग्रह तथा षोडश माता की पूजा चढ़ावा ब्राह्मण को देना चाहिए।
  • इस सब के बाद गंगा जी की मिट्टी से मंगलागौरी बना कर उन्हें जल, दूध, दही आदि से स्नान करवा कर वस्त्र पहना कर रोली, चन्दन, सिंदूर, मेंहदी व काजल लगाना चाहिए।
  • १६ प्रकार के १६-१६ फूल, पत्ते, माला चढ़ानी चाहिए।
  • पाँच प्रकार के सोलह-सोलह मेवा, सुपारी, लौंग, मेंहदी, शीशा, कंघी व चूड़ियाँ चढ़ानी चाहिए।
  • कथा सुन कर सास के पाँव छूकर एक समय एक अन्न खाना चाहिए।
  • अगले दिन सुबह मंगलागौरी का विसर्जन करने के बाद ही भोजन करना चाहिए।
sawan mangalwar vrat hindi 2022

मंगला गौरी व्रत पूजन सामग्री  sawan mangalwar vrat hindi 2022

  • पूजा के लिए एक बड़ी चौकी, दो छोटी चौकी ( जरूरत के हिसाब से भगवान गणेश और शिव की प्रतिमा के लिए)
  • धूपबत्ती के साथ ही कपूर और माचिस
  • फूलमाला और कुछ फूल अलग से
  • सफेद और लाल रंग का कपड़ा जरूरी है
  • मां की प्रतिमा और भगवान शिव की प्रतिमा के लिए शुद्ध मिट्टी या रामराजी मिट्टी
  • गोल बत्ती
  • कुमकुम चावल के साथ ही पूजा की हर सामग्री
  • अभिषेक के लिए गाय का दूध अनिवार्य है।
  • लाल रोली मां के लिए
  • मां के श्रृंगार का सारा समान
  • मां की पूजा के लिए विशेष आसान

सावन के मंगलवार का व्रत कैसे करें  sawan mangalwar vrat hindi 2022

  • सावन के मंगलवार का व्रत करने के लिए आपको एक दिन पहले से ही प्याज लहसून खाना छोड़ देना चाहिए। संभव हो तो पूरे सावन के लिए लहसून प्याज छोड़ दीजिए।
  • सुबह उठकर स्नान कीजिए और सबसे पहले मंदिर जाइए।
  • भगवान शिव और पार्वती की अराधना कीजिए। पूरे मन से दोनों की पूजा कीजिए।
  • अभी आपको कुछ भी ग्रहण नहीं करना है। अगर ज्यादा गर्मी है तो सिर्फ पानी पी सकती हैं।
  • अब घर आने के बाद मां मंगलागौरी की विधि विधान से पूजा करने की तैयारी कीजिए।
  • छोटी चौकी पर लाल कपड़ा डालकर उसी पर मां गौरी की प्रतिमा रखिए। बगल में भगवान शिव की प्रतिमा भी रखिए।
  • मां गौरी की पूजा से पहले भगवान गणेश की पूजा जरूरी है।
  • हर पूजा में सबसे पहले गणेश जी की ही पूजा होती है। इससे मां गौरी भी खुश होती हैं।
  • अब अपने पति की दीर्घायु की कामना करते हुए मां गौरी की विधि विधान से पूजा शुरू कीजिए।
  • अब मंगलागौरी की आरती कीजिए। इसके बाद भगवान शिव की भी आरती कीजिए।
  • अब आरती पूरे घर में घुमाइए और सबको आऱती दीजिए।
  • अब सभी लोग भोग ग्रहण करेगे लेकिन आप नहीं करेंगी।
  • आप व्रत हैं। आपको अब मन है तो चाय पी सकती हैं। या फिर किसी फल का सेवन कर सकती हैं।
  • फलाहारी खाना खा सकती हैं।
  • सेंधा नमक का प्रयोग करिए।
  • शाम को भी आपको सेंधा नमके के साथ फलाहारी ही लेना है।
  • अगले दिन सुबह भगवान शिव मां गौरी और गणेश जी की पूजा के बाद व्रत खोलिए।

मंगला गौरी व्रत क्यों किया जाता है  sawan mangalwar vrat hindi 2022

  • सावन के हर मंगलवार को मंगलागौरी की पूजा होती है। मंगला गौरी हर तरह से जीवन में मंगल करती हैं। महिलाएं यह व्रत अपने पति के दीर्घायु की कामना को लेकर करती हैं।
  • संतान के सुख की कामना हो तो भी मंगलागौरी का व्रत करना चाहिए।
  • घर पर कोई विघ्न बाधा हो तो सावन के हर मंगलवार को मां मंगलागौरी की पूजा करनी चाहिए।
  • घर में शांति चाहिए तो भी यह पूजा अनिवार्य है।
  • पति पत्नी के बीच प्रेम बना रहे इसलिए भी यह व्रत करते हैं।
  • अखंड सुहाग के लिए भी महिलाएं इस व्रत को करती हैं।
  • लड़कियों की शादी नहीं हो रही है तो भी वे इस व्रत को कर सकती हैं।
  • अपने पसंदीदा वर को प्राप्त करने के लिए भी मंगलागौरी की पूजा की जाती है।

मंगला गौरी का उद्यापन कैसे किया जाता है  sawan mangalwar vrat hindi 2022

  • सावन माह के सोलह या बीस मंगलवारों का व्रत करने के बाद इसका उद्यापन करना चाहिए।
  • उद्यापन के दिन कुछ भी नहीं खाना चाहिए। मेंहदी लगाकर पूजा करनी चाहिए।
  • पूजा चार ब्राह्मणों से करानी चाहिए। एक चौकी के चार कोनों पर केले के चार थम्ब बांधने चाहिए।
  • मण्डप पर एक ओढ़नी ओढ़ानी चाहिए। कलश पर कटोरी रख कर उसमें मंगलागौरी की स्थापना करनी चाहिए।
  • साड़ी, नथ व सुहाग की सभी वस्तुएँ वहाँ चढ़ानी चाहिए। हवन आदि के उपरान्त कथा सुन कर आरती करनी चाहिए।
  • चाँदी के बर्तन में आटे के सोलह लड्डू, रुपया व साड़ी सास जी के पाँव छू कर देनी चाहिए।
  • पूजा करवाने वाले पंडितों को भोजन करा कर, धोती, अंगोछा आदि देना चाहिए।
  • अगले दिन सोलह ब्राह्मण व सोलह ब्राह्मणियों को भोजन करा कर ब्राह्मणों को धोती, अंगोछा तथा ब्राह्मणियों को सुहाग- पिटारी देनी चाहिए।
  • सुहाग-पिटारी में सुहाग का सारा सामान तथा साड़ी होती है। सास को भी पांव छू कर सुहाग पिटारी देनी चाहिए। सभी को भोजन कराकर बाद में स्वयं भोजन करना चाहिए ।

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मंगला गौरी के व्रत में क्या खाया जाता है  sawan mangalwar vrat hindi 2022

  • लड्डू
  • सूखे मेवे
  • फल का सेवन (केला और सेब खा सकते हैं)
  • चाय पी सकती हैं
  • फलाहारी आटा का बना हुआ खाद्य पदार्थ
  • फलाहारी चिप्स भी खा सकती हैं
  • चीनी और नींबू का शर्बत ले सकती हैं
  • सेंधा नमक खा सकती हैं
  • शुद्ध खोवा का सेवन भी कर सकती हैं
  • अनाज को हाथ नहीं लगाना है
  • व्रत अगले दिन ही खोलना है
  • रात में भी भोजन नहीं करना है
  • यानी पूरे दिन आपको व्रत रखना है

मंगला गौरी व्रत कब किया जाता है sawan mangalwar vrat hindi 2022

सावन के हर मंगलवार को यह व्रत किया जाता है। वैसे सबसे अधिक इस व्रत का फल सावन के पहले मंगलवार को मिलता है। इसलिए सावन शुरू होते ही पहले मंगलवार को विधि विधान से इसका व्रत करें और अपनी हर मनोकामना को पूर्ण करें। कुछ लोग जानना चाहते हैं कि क्या सावन के बाद भी मंगलागौरी की पूजा होती है।

इसका जवाब है बिल्कुल मंगलागौरी मां पार्वती ही हैं। इसलिए आप हर दिन मां पार्वती की पूजा कर सकती हैं और मां आपकी हर मनोकामना पूरी करेंगी।

मंगला गौरी व्रत कब है 2022  sawan mangalwar vrat hindi 2022

2022 में मंगला गौरी की व्रत 19 जुलाई को पड़ेगा। यानी सावन का पहला मंगलवार 19 जुलाई को ही पड़ रहा है। आपको मालूम ही है कि इस बार सावन की शुरुआत 14 जुलाई से ही रही है। ऐसे में 18 जुलाई को पहला सोमवार और 19 जुलाई को पहला मंगलवार पड़ेगा।

सावन का पहला सोमवार कब है 2022  sawan mangalwar vrat hindi 2022

सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई 2022 को है। इसलिए आपको इस दिन को नहीं भूलना है क्योंकि सावन के पहले सोमवार का ही सावन में सबसे अधिक महत्व होता है। भगवान शिव इस दिन की अराधना से हमेशा ही खुश होते हैं और आपकी हर मनोकामना पूरी करते हैं।

mangla gauri vrat katha hindi 2022

पौराणिक कथा यह है कि एक व्यापारी के पास बहुत सारा धन था। धरमपाल नाम के इस व्यापारी की पत्नी भी बेहद खूबसूरत थी लेकिन दोनों को कोई संतान नहीं थी। इसी कारण से वे दोनों दुखी रहा करते थे। काफी पूजा अर्चना के बाद उन्हें एक बेटे का सुख मिला लेकिन उसकी उम्र सिर्फ 16 साल ही थी। 16 साल के बाद सांप के काटने से उसकी मौत हो जानी थी।

लेकिन इसी बीच 15वें साल में ही उस बच्चे की शादी हो गई। उसकी पत्नी मां मंगलागौरी का व्रत करती थी। इस व्रत के कारण उसकी पति को दीर्घायु होने का आशीर्वाद मिल गया। अब मां पार्वती के आशीर्वाद को भला शिव कैसे काट सकते थे। ऐसे में वह अपने पति के साथ 100 साल तक सुखी पूर्वक जीवन व्यतीत की। इसके बाद ही पतियों के दीर्घायु होने के कामना के साथ मंगलागौरी की पूजा होने लगी।

आज आप क्या सीखकर जा रहे हैं

आज आपने सीखा कि sawan mangalwar vrat hindi 2022 के बारे में पूरी जानकारी ली। इस बारे में अगर कुछ और भी जानना है तो उसके बारे में आप पूछ सकती हैं। हमें जवाब देकर खुशी होगी। नीचे कमेंट करें। आपका एक सहयोग चाहिए। प्लीज एक बार हमारे वेबसाइट kyahotahai.com को गूगल में एक बास सर्च करके यहां आइए और अपना पसंदीदा कंटेंट पढ़िए। आपके इसी सहयोग से हम आगे बढ़ेंगे। प्लीज ऐसा कीजिए। यहां आने के लिए लव यू रहेगा…।

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