November 21, 2024
monsoon kya hai hindi

Monsoon क्या है, उत्पति और कैसे बनता है | monsoon kya hai hindi | भारत में कितने प्रकार के मानसून हैं | मानसून क्या है | भारत में मानसून कब आता है

दोस्तों, मानसून क्या है (monsoon kya hai hindi) हर कोई जानना चाहता है। भीषण गर्मी के बाद मानसून ही है जिसके आने का इंतजार हम सबको रहता है। मानसून आ जाए तो मजा आ जाता है। लेकिन क्या आपको मालूम है कि मानसून है क्या और इसकी उत्पत्ति कैसे होती है। क्या आप जानते हैं कि भारत में कितने तरह का मानसून होता है। मानसून की प्रकृति क्या है और मानसून कैसे बनता है। जी हां, दोस्तों, आपके इन सभी सवालों का जवाब आज इस आर्टिकल में आपको मिल जाएगा। तो दोस्तों, आर्टिकल पूरा पढ़िएगा और नीचे कमेंट में बताइएगा कि यह कैसा लगा। तो चलिए शुरू करते हैं।

monsoon kya hai hindi 2022

आजकल अप्रैल और मई के महीने से ही भीषण गर्मी पड़़ने लगती है। जून आते-आते लोग त्राहिमाम करने लगते हैं। हर किसी की नजर सिर्फ बादलों की तरफ होती है। सभी चाहते हैं कि मानसून आ जाए। विकीपीडिया पर देखेंगे तो पता चलेगा कि मानसून का मतलब हिन्द महासागर और अरब सागर की ओर से भारत के दक्षिण-पश्चिम तट पर आनी वाली हवाओं से हैं जो भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश में बारिश करते हैं। मतलब monsoon का अर्थ ऐसी मौसमी हवा से है जो बारिश करती है। विस्तरा से कहें तो यह ऐसी मौसमी हवा होती है जो दक्षिण एशिया क्षेत्र में जून से लेकर सितंबर तक सक्रिय होती है और इसके कारण से बारिश होती है।

What is Monsoon in Hindi | monsoon kya hai hindi

दोस्तों, monsoon kya hai hindi आप सर्च करेंगे तो आपको इसके कई अर्थ मिलेंगे। व्यापक अर्थ में अगर कहें तो मानसून अरबी भाषा का का एक शब्द है। सबसे पहला इस शब्द का प्रयोग सागर में चलने वाले मल्लाहों ने किया था। जी हां, चौंकिए नहीं। दरअसल, अरब सागर में बहने वाली मौसमी हवाओं को देखते हुए उसमें चलने वाले मल्लाहों ने इसे मानसून शब्द दिया था जो कि वहां की भाषा के मौसुमी से लिया गया। यानी मल्लाहों ने इसे मौसुमी कहा जो बाद में मानसून के रूप में प्रयोग में लिया जाने लगा।

मानसून के प्रकार

दोस्तों मानसून के दो प्रकार हैं। दक्षिण पश्चिम मानसून। इसे ग्रीष्म कालीन मानसून भी कहते हैं। यह मानसून अपने देश में जून से अक्टूबर तक सक्रिय रहता है।

दूसरा है उत्तर पूर्वी मानसून। इसे शीतकालीन मानसून के नाम से भी जाना जाता है। यह नवंबर से जनवरी तक सक्रिय रहता है। इसके कारण ही ठंड भी पड़ती है।

मानसून की उत्पत्ति  | मानसून कैसे बनता है

ग्रीष्मकालीन मानसून

दोस्तों, | monsoon kya hai hindi ये अच्छा सवाल किया है आपने। हम आपको दोनों मानसून के बारे में बताते हैं कि उनकी उत्पत्ति कैसे होती है। पहले आपको ग्रीष्मकालीन मानसून के बारे में बता देते हैं। जैसा कि हमने ऊपर बताया कि भारत सहित एशिया और यूरोप का भी कुछ हिस्सा गर्मियों में बहुत गरम होने लगता है। इससे इस हिस्से के ऊपर जो भी हवा गर्म होकर बहने लगती है वह बाहर की तरफ जाने लगती है। इस क्षेत्र में वायुदाब कम हो जाता और यह उच्च वायुदाब वाले क्षेत्रों से हवा को आकर्षित करना शुरू करता है। अधिक वायुदाब वाला बड़ा क्षेत्र भारत या एशिया को घेरने वाले महासागरों के ऊपर होता है।

चूंकि सागर मैदानी भागों की अपेक्षा कम गर्म होता है। ऐसे में उस पर वायु का घनत्व अधिक होता है। ऐसे में उच्च दबाव वाले सागर की मानसूनी हवाएं कम दबाव वाले क्षेत्र की तरफ बहने लगती हैं। अब इस स्थिति में सागर में होने वाले वाष्पीकरण की वजह से नमी मौजूद होती है और यही नमी भरी हवा ही दक्षिण पश्चिमी मानसून के नाम से जाना जाता है जो बाद में बारिश करता है और सबको तर कर देता है। अगर कम शब्दों में कहें तो मानसून पूरी तरह से हवाओं की दिशा पर ही निर्भर होता है। यानी ग्रीष्मकालीन मानसून की बात करें तो जब भी हवा ठंडे से गर्म इलाके में आती है तो इन हवाओं में नमी की मात्रा बढ़ जाती है जिससे खूब बारिश होती है।

शीतकालीन मानसून

दोस्तों, अब चलिए आपको शीतकालीन मासून के बारे में बता दें। आपको पहले ही बता दिए हैं यह ठंडियों के समय का मानसून है जो कि नवंबर से सक्रिय होता है और जनवरी तक रहता है। दरअसल, सर्दियों में मैदानी हिस्सा जो होता है वह सागर की सतहों की अपेक्षा जल्दी ठंडा हो जाता है। ऐसे में इस भूभाग के ऊपर बना उच्च वायुदाब के कारण हवा सागर में कम वायुदाब वाले क्षेत्र की तरफ यानी उत्तर पूर्वी मानसून के रूप में बहती है। यह मानसून भारत के स्थल और जल भागों को अपने आगोश में ले लेता है। इस समय एशिया के पूरे हिस्से का तापमान न्यून होता है। इस समय खुला आसमान जो होता है वह कम आर्द्रता और हल्की उत्तरी हवाओं के कारण अपने देश में एक एक शानदार मौसम प्रदान करती है। इसी वजह से इसमें वर्षा की संभावना बेहद कम होती है। आपने देखा कि सर्दियों में बारिश ना के बराबर होती है।

मानसून से बारिश कैसे होती है हिंदी में | monsoon kya hai hindi

दोस्तों इसमें पर्वतों का भी अहम रोल होता है। मानसून सीधे बारिश नहीं कराता है बल्कि उसमें कई चीजों का योगदान होता है। दक्षिण पश्चिम मानसून में काफी मात्रा में नमी होती है। जब यह भारत में प्रवेश करता है और यह यहां उच्च पर्वतमालाओं से टकराता है तो फिर बारिश होती है। इन पर्वत श्रृंखलाओं से टकराने के बाद जिस समय बारिश होती है, उसे वर्षा ऋतु के नाम सभी आप लोग जानते हैं।

मानसून आगे पीछे क्यों हो रहा है | monsoon kya hai hindi

दोस्तों, बहुत ही अच्छा सवाल आपने किया है। आजकल आपने देखा होगा कि अपने देश में मानसून बहुत आगे पीछे हो रहा है। कभी बहुत जल्दी बारिश हो जाती है तो कभी बारिश ही नहीं होती है। कभी ठंड खूब पड़ेगी तो कभी चरम गर्मी से आप झुलस जाएंगे. इन सबके पीछे बड़ा कारण है ग्लोबल वॉर्मिंग। लगातार बढ़ते प्रदूषण के कारण ग्लोबल वॉर्मिंग का खतरा बढ़ता जा रहा है और इससे मानसून को भी नुकसान हो रहा है। आप देख ही रहे हैं ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण किस तरह से मानसून अक्सर देरी से अपने देश में पहुंच रहा है।

भारत में मानसून कब आता है | monsoon kya hai hindi

भारत में जून के महीने में मानसून आ जाता है। कभी-कभी मानसून लेट भी होता है लेकिन जून अंत तक तो वह भारत को भीगा ही जाता है। हालांकि कभी कभी वह पहले भी आ जाता है। जैसे इस बार यानी 2022 में मानसून 16 मई को ही दस्तक दे चुका है। यानी इस बार वह काफी पहले आ चुका है। इसका मतलब यह हुआ कि अगर मानसून समय से है तो मई मध्य तक भारत में प्रवेश कर जाएगा और अगर लेट है तो फिर जून तक आ जाता है।

भारतीय मानसून की प्रकृति | monsoon kya hai hindi

दोस्तों, कई लोग गूगल पर सर्च करते हैं कि भारतीय मानसून की प्रकृति क्या है। आपको हमने ऊपर ही बता दिया कि यह स्थिर नहीं है। इसमें बहुत ही बदलाव होता रहता है। खासकर ग्लोबल वॉर्मिंग जैसे-जैसे बढ़ा है वैसे-वैसे इसमें काफी परिवर्तन देखने को मिला है। चूंकि भारत तो कृषि प्रधान देश है और यहां किसान सिंचाई के लिए बारिश पर ही ज्यादा निर्भर रहते हैं। यही वजह है कि मानसून की प्रकृति अस्थाई होने के कारण उन्हें भी काफी नुकसान हो जाता है। कभी खूब बारिश होगी तो कभी सूखा हो जाएगा। कभी मानसून पहले ही आ जाएगा तो कभी काफी समय तक नहीं आता है। कभी ठंड में भी बारिश हो जाती है तो कभी भीषण गर्मी में भी इंतजार करना पड़ता है। इस प्रकृति के कारण ही मानसून को किसानों के लिए जुआ की तरह भी कहा गया है।

मानसून का महत्व हिंदी में | monsoon kya hai hindi

दोस्तों, मानसून का महत्व तो किसी से भी छिपा नहीं है। खासकर भारत जैसे देश में जहां 70 फीसदी किसान आज भी बारिश पर ही निर्भर हैं। यानी अपने देश के अन्न का एक बड़ा हिस्सा इसी मानसून पर ही निर्भर है। बारिश अच्छी होगी और समय से होगी तो अन्न का भंडार भरेगा। अन्न का भंडार भरेगा, प्रचूर मात्रा में फल और सब्जियों की खेती होगी तो महंगाई पर काबू रहेगा। इसके अलावा भीषण गर्मी से राहत पाना है तो भी आपको मानसून की जरूरत है। पानी की समस्या आजकल कितनी बढ़ रही है। पानी खरीदकर पीना पड़ रहा है। अच्छी बारिश होगी तो भूजल बढ़ेगा और पानी की दिक्कत दूर होगी। इंसानों के साथ-साथ पशु-पक्षियों सबके लिए पानी की जरूरत है।

मानसून विस्फोट क्या होता है | monsoon kya hai hindi

दोस्तों, यह एक सवाल बहुत किया जाता है कि मानसून विस्फोट क्या है। कई लोग गूगल पर इसे सर्च करते हैं. अगर आप भी इसे सर्च कर रहे हैं तो चलिए हम आपको विस्तार से इसके बारे में बता देते हैं। दरअसल, अरब सागर और हिंद महासागर के बीच से भारत में प्रवेश करने वाला मानसून जो कि भारत के दक्षिण और पश्चिम तट की तरफ से आता है उसे ही मानसून विस्फोट के नाम से जाना जाता है। इसे मानसून विस्फोट इसलिए कहते हैं क्योंकि इसमें भारी बारिश होती है। मतलब इतनी बारिश की कई बार लोग परेशान हो जाते हैं। आपने कई बार सुना होगा कि कुछ जगहों पर लगातार कई दिन तक बारिश हुई वह इसी कारण से होता है। मानसूनी विस्फोट जो है वह शब्द बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से चलने वाली बड़ी मौसमी हवाओं के लिए ही किया जाता है जो अपने साथ भारी बर्षा को लाती हैं। इसके कारण बहुत भयंकर बारिश होती है इसलिए इसे विस्फोट नाम दिया गया।

आज आप यहां से क्या ले जा रहे हैं

दोस्तों, उम्मीद है कि आप आज मानसून के बारे में पूरी जानकारी यहां से लेकर जा रहे हैं। इस तरह की यूनिक जानकारियों के लिए यहां आते रहिए। अपना प्यार लूटाते रहिए। जानकारी अच्छी लगे तो प्लीज शेयर कीजिए। लव यू दोस्तों

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