छोटी दिवाली पर क्या करें-क्या ना करें, छोटी दिवाली पर क्या करते हैं, Chhoti diwali par koi kya karta hai, छोटी दिवाली क्या होती है

Chhoti diwali par koi kya karta hai: दोस्तों, आज एक बार फिर आपके लिए बेहद जरूरी जानकारी हम लेकर आए हैं। दिवाली के बारे में तो सभी जानते हैं लेकिन छोटी दिवाली को लेकर अक्सर कई सारे सवाल होते हैं। छोटी दिवाली है क्या? इस दिन क्या करते हैं? छोटी दिवाली पर क्या नहीं करना चाहिए? छोटी दिवाली पर किसकी पूजा करें? छोटी दिवाली की कथा क्या है? इसका महत्व क्या है? इसे क्यों छोटी दिवाली कहते हैं? इस आर्टिकल में आपको इन सारे सवालों का जवाब मिल जाएगा। तो चलिए शुरू करते हैं।

दोस्तों, दिवाली से ठीक एक दिन पहले छोटी दिवाली होती है। छोटी दिवाली धनतेरस के अगले दिन होती है। यानी अगर आज धनतेरस है तो उसके बाद छोटी दिवाली होगी और फिर दिवाली होगी। इसका मतलब साफ है कि दिवाली के एक दिन पहले हम छोटी दिवाली मनाते हैं और फिर पूर्ण दिवाली यानी दीपावली का त्योहार मनाते हैं।

छोटी दिवासी को नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। चलिए सबसे पहले जान लेते हैं कि आखिर छोटी दिवाली मनाई क्यों जाती है।

 Chhoti diwali par koi kya karta hai

छोटी दिवाली क्यों मनाई जाती है

 छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी के साथ ही यम दिवाली भी कहते हैं। इसे काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है। एक पौराणिक कथा के अनुसार एक राज्य में नरकासुर नामक एक राक्षस रहता था. उसे उस समय सबसे बलशाली राजा माना जाता था। यहां तक कि उसने देवताओं के राजा इंद्र देव को भी पराजित कर दिया था।

यही नहीं इसने दुस्साहस करके देवी माता के कान की बालियां छीन लीं। इसके बाद तो उसका दुस्साहस और बढ़ गया और वह ऋषि मुनियों की बेटियों का अपहरण कर उनके साथ अय्याशी करने लगाा। वह उनके घर में बंधक बनाता और रंगरेलियां मनाता।

कहा जाता है कि नरकासुर ने करीब 16 हजार महिलाओं को बंधक बनाकर उनके साथ रंगरेलियां मनाईं। महिलाओं के साथ उसकी अय्याशी की प्रवृत्ति इतनी खतरनाक हो गई थी कि देवी सत्यभामा से यह सब देखा नहीं गया। उन्होंने तुरंत भगवान श्रीकृष्ण से अपील की कि वे उसे सजा दें।

लेकिन नरकासुर को एक वरदान प्राप्त था और वह यह कि उसकी हत्या सिर्फ और सिर्फ महिला के हाथ ही हो सकती थी। शायद इसी गुस्से के कारण वह महिलाओं को अपने अय्य़ाशी का शिकार बनाता था। लेकिन भगवान ने उसे अब मारने के लिए उपाय ठान लिया था।

भगवान ने सत्यभामा को साथ लिया और रथ पर बैठकर नकरासुर का वध करने पहुंचे। सत्यभामा और नरकासुर के बीच हुए युद्ध हुआ। कई दिन तक यह युद्ध चला जिसमें नरकासुर मारा गया।

लेकिन ये क्या जिन 16 हजार कन्याओं को उसने बंधक बनाया था उन्होंने श्रीकृष्ण से कहा कि अब हम कहा जाएंगी लोग हमारे आबरू पर सवाल उठा रहे हैं कि हम लोगों को नरकासुर ने बंधक बनाकर रखा न जाने क्या क्या किया होगा हमारे साथ। इस पर भगवान ने कहा, कोई बात नहीं मैं आप सभी लोगों को अपनी पत्नी आज और अभी से स्वीकार करता हूं। और तभी से भगवान श्रीकृष्ण की 16 हजार पत्नियां ये सभी हो गईं।

नरकासुर के मां के कहने पर मनाई जाती है छोटी दिवाली

नरकासुर के गंदी सोच से उसकी मां भी परेशान थीं. य़ही वजह है कि जब वह मरा तो धरती पर अगर कोई सबसे अधिक खुश था तो वह नरकासुर की खुद मां थीं। उन्होंने कहा कि नरकासुर मरा है तो य़हां शोक नहीं होगा बल्कि पूरी धरती पर आज उत्सव मनाया जाएगा। उन्होंने भगवान से अपील की कि ऐसा ही हो। यह दिन दिवाली के ठीक एक दिन पहले वाला दिन था। इसलिए नरकासुर की मौत पर तभी से उत्सवर के रूप में नरक चतुर्दशी मनाया जाने लगा। बाद में इसे धनतेरस भी कहा जाने लगा। दिवाली के एक दिन पहले होने के काऱण इसे छोटी दिवाली भी कहा गया।

छोटी दिवाली पर लोग क्या करते हैं

  • छोटी दिवाली के दिन सभी लोग यम देवता की पूजा करते हैं। इसके लिए उनके नाम का दीया अपने घर के बाहर दक्षिण दिशा में जलाना चाहिए।
  • आज के दिन भगवान यम की पूजा करने पर घर में सुख समृद्धि आती है।
  • इस दिन घर में पांच दीया जरूर जलाना चाहिए। एक किचेन में और एक पूजा पाठ वाले घर में। इसके अलावा चौखट पर एक और जहां पीने का पानी रखते हैं वहां एक जलाना चाहिए। एक दिया आज के दिन पीपल के पेड़ के नीचे जलाना चाहिए।
  • इस दिन भगवान कृष्ण, मां काली और हनुमान जी भी पूजा करनी चाहिए।
  • इस दिन भगवान कृष्ण की आरती जरूर करनी चाहिए।
  • हनुमान जी को इस दिन बेसन के लड्डू का भोग लगाना चाहिए।
  • इस दिन गरीबों में दान करना चाहिए।
  • कुछ जगहों पर इस दिन नरकासुर का पुतला दहन करके खुशियां मनाई जाती है और मिठाई बांटी जाती है.

छोटी दिवाली पर क्या नहीं करना चाहिए

  • काले रंग का कपड़ा नहीं पहनना चाहिए वरना यम आपको शिकार बना सकते हैं।
  • किसी से झूठ नहीं बोलना चाहिए।
  • किसी का अपमान नहीं करना चाहिए।
  • भगवान कृष्ण की पूजा नहीं भूलनी चाहिए।
  • किसी को नीचा नहीं दिखाना चाहिए।
  • सुबह की शुरुआत चाय से न करें।
  • किसी गरीब का मजाक न उड़ाएं।
  • अपनों का साथ न छोड़ें।
  • किसी भी गरीब को खाली हाथ लौटने ना दें।
  • किसी के लिए भी अपने् मन में गलत विचार न लाएं।
  • आज रात अगर संबंध पत्नी के साथ न बनाएं तो अच्छा रहेगा।

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