November 21, 2024
Surname Ka Matlab Kya Hota Hai

सरनेम का मतलब क्या है | सरनेम में क्या लिखते हैं | नाम और सरनेम में क्या अंतर है | Surname Ka Matlab Kya Hota Hai | उपनाम शब्द कहां से आया है? लास्ट नेम का मतलब सरनेम होता है?

दोस्तों, आप कोई भी फॉर्म भरते हैं तो वहां तुरंत सरनेम भरना पड़ता है। क्या आप जानते हैं कि सरनेम क्या होता है? Surname Ka Matlab Kya Hota Hai? फॉर्म भरते समय आपके मन में यह बात जरूर आती होगी कि आखिर ये सरनेम होता क्या है। जब भी सरनेम पूछा जाता है तो पहला सवाल यही होता है कि आखिर इसका इसका मतलब क्या है? कुछ लोग यह भी जानना चाहते हैं कि नाम और सरनेम में क्या अंतर है? क्या लास्ट नेम का मतलब ही सरनेम होता है? इस तरह के जितने भी सवाल आपके दिमाग में आते हैं, हम उसका जवाब यहां देने की कोशिश कर रहे हैं।

दोस्तों, सबसे पहले तो आपके लिए यह जानना जरूरी है कि नाम और सरनेम एक नहीं होते हैं। दोनों में अंतर है। तो फिर आप पूछेंगे कि अंतर क्या है तो वह तो हम नीचे बताएंगे ही, पहले तो आपको यह जान लेना है कि आखिर इस सरनेम का मतलब क्या है? क्यों हर फॉर्म में सरनेम भरना अनिवार्य होता है। सरनेम शब्द आखिर आया कहां से है? तो चलिए दोस्तों, बिना किसी देरी किए आपके हर सवाल का जवाब शुरू करते हैं।

सरनेम क्या है हिंदी में | Surname Ka Matlab Kya Hota Hai

सरनेम को हिंदी में उपनाम कहते हैं। अब आप समझ ही गए होंगे। नाम के बाद आने वाला नाम ही उपनाम है यानी सरनेम है। उदाहरण से समझिए- क्रिकेटर विराट कोहली के नाम में विराट तो नाम है लेकिन कोहली जो है वह सरनेम है। यानी नाम के बाद जो लगा है वही सरनेम है। रोहित शर्मा का सरनेम शर्मा है। ऋषभ पंत का सरनेम पंत है। मतलब आप समझ ही गए होंगे कि जो नाम के बाद लगा है वही सरनेम है यानी उपनाम है।

कई लोग इसे जाति से भी जोड़ते हैं। यह इसलिए क्योंकि अधिकांश उपनाम पूर्वजों या फिर हमारे जातियों से ही जुड़ा हुआ होता है। जैसे- दीपक मिश्रा में मिश्रा तो जाति है और यही दीपक मिश्रा का उपनाम भी है। जैसे अरविंद केजरीवाल या नरेंद्र मोदी के नाम में देख लीजिए। नाम तो नरेंद्र है लेकिन मोदी उपनाम है जो कि उनकी जाति है।

लेकिन कई जगह पर उपनाम सिर्फ एक नाम भी हो सकता है। जैसे कई लोग बिहार में आपको मिल जाएंगे जिनका दो दो नाम होता है। जैसे- पवन प्रकाश। अब इसमें पवन तो नाम हो गया और प्रकाश जो बाद में आया वही सरनेम यानी उपनाम हो गया। अब इसमें आप यह नहीं कह सकते कि सरनेम कहां है। यानी जरूरी नहीं कि सरनेम कोई जाति ही हो। नाम के बाद जो भी आएगा वह सरनेम है।

जैसे कई लोग अपने नाम के साथ कुछ भी जोड़ लेते हैं जिसका कोई शाब्दिक अर्थ नहीं होता लेकिन उन्होंने जोड़ रखा है। उदाहरण के लिए अकबर इलाहाबादी। वे इलाहाबाद से थे तो इलाहाबादी जोड़ लिया। तो यही उनका सरनेम हो गया। अब इसमें आप मिश्रा, शुक्ला या पांडे नहीं खोज सकते हैं क्योंकि हर किसी का सरनेम उसकी जाति हो ऐसा जरूरी नहीं है।

नाम और सरनेम में क्या अंतर है | name aur sarname me kya antar hai

दोस्तों, अक्सर लोग यह सवाल करते हैं कि नाम और सरनेम में क्या अंतर है? अभी तक के आर्टिकल से आप समझ ही गए होंगे कि किसी के भी नाम में पहला जो शब्द है वह नाम है और नाम के बाद जो शब्द है वह है उपनाम। तो अंतर यही है कि नाम पहले आएगा और सरनेम यानी उपनाम बाद में आएगा। Surname Ka Matlab Kya Hota Hai जानने की जो भी कोशिश करते हैं कि उन्हें नाम और सरनेम में अंतर जानना जरूरी है।

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उदाहरण के लिए अनुष्का शर्मा में नाम अनुष्का है और शर्मा जो है वह सरनेम है जो कि उनकी जाति है। भारत में ही यह होता है कि यहां पर सरनेम को ज्यादातर लोगों की जाति के रूप में ही जाना जाता है। अपने देश में कोई सरनेम पूछ रहा है तो इसका मतलब है कि वह आपसे आपकी जाति पूछ रहा है। आप सतर्क हो जाइए। समझ जाइए कि यह इंसान आपकी जाति जानना चाहता है इसलिए सरनेम पूछ रहा है।

जबकि विदेशों में खासकर यूरोप और अमेरिका जैसे देशों में ऐसा नहीं है। पश्चिमी संस्कृति में आप देखेंगे कि इंसान का उपनाम उसी के परिवार का किसी का नाम है। वे लोग सरनेम में परिवार या किसी जगह का नाम डालना पसंद करते हैं।

जैसे अभी प्रियंका चोपड़ा की बेटी पैदा हुई तो उन्होंने उसका सरनेम चोपड़ा नहीं रखते हुए अपने पति, अपनी मां और अपने सास का नाम उसके साथ जोड़ा। उन्होंने अपनी बेटी का नाम रखा, मालती मैरी चोपड़ा जोनस। आप देख सकते हैं कि इस संस्कृति में नाम के बाद उपनाम में जाति ही हावी नहीं है बल्कि सभी का नाम जुड़ा हुआ है।

नाम में कई शब्द हों तो सरनेम कौन सा होगा

यह अच्छा सवाल है। कुछ लोगों के नाम में कई शब्द होते हैं जैसे प्रियंका चोपड़ा के ही बेटी का नाम ले लेते हैं। उनका नाम है मालती मैरी चोपड़ा जोनस। अब कई लोग कंफ्यूज हो जाएंगे। पूछेंगे कि यार इसमें तो चोपड़ा भी आ गया, फिर उससे पहले मैरी भी है सबसे अंत में जोनस भी है। अब इसमें सरनेम यानी उपनाम क्या है?

दोस्तों, इसमें उपनाम है जोनस। यानी जो शब्द आपके नाम में सबसे अंतिम में आएगा वही आपका सरनेम माना जाएगा। चाहें आपके नाम में 50 शब्द ही क्यों ना आएं, जो सबसे अंत में आएगा उसे हम सरनेम बोलेंगे। आपने देखा होगा कि फॉर्म में first name, middle name aur last name पूछता है। Surname Ka Matlab Kya Hota Hai इसे खोजते हुए लोग यह भी पूछते हैं कि नाम में कई नाम हों तो फिर सरनेम कौन सा होगा।

तो कई लोगों के नाम में तीन शब्द होते हैं जैसे लक्ष्मी शंकर मिश्रा। मेरा नाम है तो मेरे नाम का पहला शब्द हो गया लक्ष्मी और मिडिल नेम हो गया शंकर और अंतिम शब्द हो गया मिश्रा। तो मिश्रा ही मेरा सरनेम हो गया। आप लोग समझ गए होंगे कि नाम में जितने भी शब्द आएंगे उसमें अंतिम शब्द ही आपका सरनेम होगा। Surname Ka Matlab Kya Hota Hai इसे खोजते हुए लोग यह भी पूछते हैं कि लास्ट नेम का मतलब क्या सरनेम होता है तो चलिए वह भी जान लीजिए।

लास्ट नेम का मतलब सरनेम होता है?

बिल्कुल। आपने सही कहा है कि लास्ट नेम का ही मतलब सरनेम होता है। अब लास्ट नेम क्या है वही नाम जो आपके नाम में सबसे अंत में आया है। उदाहरण के लिए अटल बिहारी बाजपेयी। अब इसमें तीन शब्द हैं तो पहला शब्द तो प्रथम नाम हो गया और दूसरा शब्द मिडिल नाम हो गया और अंतिम नाम है बाजपेयी तो इनका सरनेम बाजपेयी हो जाएगा।

इसी तरह से मुलायम सिंह यादव में यादव जो है वह सरनेम है। कुछ लोग अपना नाम सिर्फ दो रखते हैं जैसे राकेश रंजन। ऐसा बिहार में अधिक दिखेगा। अब इसमें सरनेम रंजन तो है नहीं, उसे मिडिल नेम माना जाता है। यही वजह है कि कई जगह फॉर्म में सरनेम अनिवार्य कर दिया है और ऐसे लोगों से कहा गया है कि वे अपना सरनेम जरूर लिखें। ऐसा इसलिए क्योंकि अपने देश की संस्कृति में यह नहीं है कि आप दो नाम जोड़ दें तो अंतिम नाम को आपका सरनेम मान लिया जाए।

जैसे- सुकेश रंजन, अगर आपका नाम है तो अपने देश में तो रंजन को उपनाम नहीं माना जाता है। यह तो दो नाम को जुड़ा हुआ माना जाएगा। ऐसे में कई विभाग चाहते हैं कि लोग अपना सरनेम बकायदा फॉर्म में भरें। Surname Ka Matlab Kya Hota Hai इसे खोजते हुए लोग यह भी पूछते हैं कि क्या सरनेम को बदला जा सकता है।

क्या सरनेम को बदला जा सकता है?

इसका जवाब है नहीं। आप अपना नाम तो बदल सकते हैं लेकिन अपना सरनेम कभी नहीं बदल सकते। यह आपके साथ हमेशा ही चला आया है और आपके मरने के साथ ही खत्म होगा। पहला नाम तो आपके माता-पिता आपको दिए हैं या कोई भी दे सकता है लेकिन जो सरनेम है वह स्थाई है।

सरनेम आपके कबीले, वंश, परंपरा, धर्म, जाति और संस्कृतिक का हिस्सा बन गया है। खासकर भारत जैसे देश में तो सरनेम का बहुत ही महत्व है। इसे बदलकर आपकी पहचान ही खत्म हो जाएगी। यहां सरनेम की लड़ाई सबसे बड़ी है। हालांकि कई जगह समय-समय पर यह बात भी उठती है कि क्यों नहीं जातियों वाले सरनेम को खत्म कर दिया जाए। लेकिन अभी इसे खत्म कर पाना इतना आसान नहीं है।

यह भारत की संस्कृति में रच बस गया है। ऐसे में यहां पर सरनेम का महत्व बहुत है। आपकी जाति, धर्म आपकी संस्कृति और आपकी पीढ़ियों की जानकारी आपके एक सरनेम से हो जाती है। ऐसे में सरनेम नहीं बदल सकते हैं। हां, अगर डॉक्यूमेंट में कुछ गड़बड़ी हुई है तो उसे ठीक कर सकते हैं लेकिन नाम की तरह अपने सरनेम को जब चाहें नहीं बदल सकते हैं।

(दोस्तों, उम्मीद है कि आपको इस बारे में पूरी जानकारी हो गई होगी कि सरनेम क्या होता है | Surname Ka Matlab Kya Hota Hai। क्या होता है से जुड़ी हर जानकारी के लिए हमारे वेबसाइट पर आते रहिए और प्यार लुटाते रहिए। स्टोरी पसंद आए तो इसे शेयर जरूर करिए। लव यू दोस्तों)

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