क्या ए डी एच डी रोग वंशानुगत है | कैसे अतिसक्रिय बच्चे का इलाज करें | एडी एचडी कौन सी बीमारी है | ADHD meaning in Hindi

दोस्तों, क्या आप जानते हैं कि ADHD kya hai hindi। बच्चों में ADHD कारण, लक्षण, निदान और उपचार के बारे में आप जानना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं। यहां पर आपको बच्चों की इस मनोवैज्ञानिक बीमारी के बारे में पूरा विस्तार से बताएंगे। आखिर इस बीमारी का कारण क्या है।

ADHD वाले बच्चे को ठीक कैसे कर सकते हैं। इन बच्चों का उपचार संभव है या नहीं। आज के समय में यह बीमारी इतनी अधिक क्यों बढ़ रही है। बच्चों क्यों इसका शिकार हो रहे हैं। इन सभी सवालों का जवाब आपको इस आर्टिकल में मिल जाएगा।

कई लोग सवाल करते हैं कि क्या ए डी एच डी रोग वंशानुगत है? कुछ लोग पूछते हैं कि इसका इलाज संभव है या नहीं। कुछ लोग यह जानना चाहते हैं कि अगर उनके बच्चे अतिसक्रिय हैं यानी हाईपर एक्टिव हैं तो उनके साथ कैसे विहेब करें। इस तरह से आपके मन में जितने भी सवाल हैं, उसका जवाब मैं इस आर्टिकल में देने की कोशिश करूंगा। तो चलिए शुरू करते हैं दोस्तों, यहां आने के लिए लव यू रहेगा।

ADHD kya hai hindi

ADHD kya hai hindi जानने के लिए सबसे पहले तो इसका फुलफॉर्म जान लीजिए। यह है- अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर। यह बच्चों में पाई जाने वाली एक मनोवैज्ञानिक विकार है। यानी मनोवैज्ञानिक बीमारी कहेंगे। इस तरह के बच्चों हाईपर ऐक्टिव होते हैं। ऐसे बच्चे आपके किसी भी बात पर ध्यान नहीं देंगे। यहां तक कि आप उनका नाम भी पुकारेंगे तो वह रिस्पॉन्स नहीं देंगे। कई बार घर पर पैरेंट्स समझ नहीं पाते हैं लेकिन जब प्री स्कूल या केजी में ये बच्चे स्कूल जाते हैं तो इनका विहेबियर सामने दिखने लगता है और टीचर्स के शिकायत पर पैरेंट्स का ध्यान इन पर जाता है तब वे इन्हें लेकर डॉक्टर के पास भागते हैं।

कब होता है ADHD | ADHD kya hai hindi

दोस्तों, इसकी कोई नियत तिथि नहीं है। ऐसा नहीं है कि कोई साफ-साफ जवाब दे पाए कि उनके बच्चे में यह बीमारी कब हो सकती है। हां, इतना जरूर है कि कुछ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि 2 से 3 साल में आपके बच्चे के लक्षण बताने लगते हैं कि आपका बच्चा ADHD की तरफ जा रहा है। शुरू में ध्यान नहीं जाता है लेकिन यही बच्चे जब 3 साल के होने पर स्कूल जाते हैं तो वहां अन्य बच्चों के साथ इनका विहेबियर सामने आने लगता है और फिर आपको पता चल जाता है। यानी 3 साल तक इन बच्चों के बारे में इसका पूरा लक्षण दिखने लगेगा।

ADHD का लक्षण क्या है | कैसे जानें कि मेरे बच्चे को ADHD है

दोस्तों, आज के समय में ज्यादातर बच्चे ADHD का शिकार हो रहे हैं। यह इसलिए भी हो रहा है कि पैरेंट्स आजकल इतना बिजी हैं कि वे अपने बच्चों को समय नहीं दे पा रहे और उन्हें मोबाइल पकड़ा दे रहे हैं। बच्चा जन्म के साथ ही लोगों से कट जा रहा है और सिर्फ मोबाइल को ही दुनिया समझ ले रहा है और यहीं से चीजें खराब हो जा रही हैं। चलिए हम आपको लक्षण बता देते हैं, देख लीजिए कि कहीं ये लक्षण आपके बच्चे में तो नहीं है।

  • कहीं आपका बच्चा बहुत ही हाईपर एक्टिव तो नहीं है यानी अतिसक्रिय होना। उदाहरण के लिए- लगातार इधर-उधर दौड़े और एक जगह टिककर न बैठे।
  • एकाग्रता ना हो उसमें। किसी चीज में मन ना लगाए।
  • याददाश्त कमजोर है। कोई बात याद नहीं रख पाता है।
  • अपने में मगन रहता है आपके किसी भी बात पर रिस्पॉन्स नहीं करता है।
  • बातूनी खूब होगा, इधर-उधऱ की बातें करेगा।
  • ऐसे बच्चे दिन में सपने देखते हैं और अचानक डर कर उठ जाएंगे।
  • पार्क में ले जाएंगे तो वह इतना एक्टिव दिखेगा कि आपको कई बार उसे देखकर डर लगेगा।
  • आप कितना भी उसका नाम पुकारेंगे वह जल्दी रिस्पॉन्स नहीं देगा।

ADHD का कारण क्या है | ADHD kya hai hindi

दोस्तों, अक्सर लोग पूछते हैं कि आखिर हमसे ऐसी क्या गलती हो गई कि हमारे बच्चे को ADHD हो गया। आखिर इसकी वजह क्या है। क्या हम बच्चे को कंसीव करने से पहले इससे बच नहीं सकते हैं। तो नीचे मैं इसके कारण बता रहा हूं जान लीजिए कि आखिर क्या वजह होती है।

  • कई बार अनुवांशिक होता है। अगर आपके यहां पैरेंट्स में या बच्चों में किसी को है तो आने वाले बच्चे में इसका चांस बढ़ जाता है।
  • कम उम्र से ही मोबाइल में बच्चे को रमा देना। आजकल के पैरेंट्स यह गलती बहुत कर रहे हैं।
  • एकल फैमिली के कारण भी बच्चों में यह दिक्कत हो रही है जहां पैरेंट्स अपने बच्चों को ध्यान नहीं दे पा रहे हैं।
  • मस्तिष्क पर कोई चोट लग जाए तो भी यह बीमारी होती है।
  • दिमाग में किसी तरह का परिवर्तन हो जाए तो भी यह विकार होता है।
  • गर्भावस्था के दौरान खान-पान सही से ना हो तो भी दिक्कत हो सकती है।

ADHD का इलाज संभव है?

दोस्तों, ADHD kya hai hindi के तहत यह जान लीजिए कि इसका कोई मेडिकल इलाज नहीं है। यानी ऐसी कोई दवा नहीं है जिसे खिला दें तो ऐसे बच्चे ठीक हो जाएं। इसे विहेवियर थेरेपी के जरिए ही सही कर सकते हैं. इसे मनोचिकित्सक और स्पेशल थेरेपी के एक्सपर्ट के जरिए ठीक कर सकते हैं। इसके लिए पैरेंट्स को भी अपने बच्चों को अधिक से अधिक ध्यान देना होगा। चलिए बताते हैं कि कैसे ठीक करें। इन बच्चों के लिए साइकोथेरेपी,स्पेशल एजुकेशन या स्पेशल ट्रेनिंग की व्यवस्था रहती है। इसके लिए मनोचिकित्सक से मिलें। इसके अलावा यह भी करें जो नीचे हम बता रहे हैं।

  • बच्चों को अधिक से अधिक ध्यान देना शुरू करेंं। उन्हें अपने पास बैठाकर उनका मन एकाग्र करें।
  • मोबाइल से तुरंत ऐसे बच्चों को दूर करें और खिलौनो में उनका मन लगाएं।
  • उनकी क्रिएटिविटि को बढ़ाने की कोशिश करें। जैसे- पेंटिंग या डांसिंग जिसमें भी उनका मन लगता है उसमें उनकी दिलचस्पी बढ़ाएं ताकि वह एक जगह बैठकर या अपना मन एकाग्र कर वह काम करे।
  • हो सके तो उसे लेकर गांव चले जाइए। दादा दादी नाना नानी के पास रहेगा और गांव के बच्चों के साथ घूमेगा तो अपने आप उसमें बहुत बदलाव आएगा।
  • गांव नहीं जा पा रहे हैं तो कोई थेरेपी शुरू करिए। लेकिन थेरेपी से अधिक उसे आपकी जरूरत है इसलिए घर पर आप पूरा ध्यान दीजिए।
  • उसे अपने में ना खोने दें। हर वक्त उसे किसी ना किसी काम में व्यस्त रखने की कोशिश करें।
  • कई ऐसे खेल आते हैं जो बच्चों के दिमाग को एकाग्र करने का काम करता है बच्चों को उसमें लगाएं तो फायदा मिलेगा।
  • बच्चों को बच्चों के साथ डालें। अकेले रहने पर उसका दिमाग नहीं खुलेगा। आसपास बच्चे हों तो उनके साथ उन्हें जोड़ दें। उनके पास आधे घंटे के लिए ही सही ले जाएं।
  • इन बच्चों को हर काम पर प्रोत्साहित करें उन्हें अच्छा लगता है और उनका मन भी उस काम में लगता है। जैसे कोई टॉस्क दें और वह पूरा कर दे तो ताली बजाएं। उसे टॉफी दें तो उसे अच्छा लगेगा।

ADHD बच्चों को कैसे संभालें

दोस्तों, आपको जानना चाहिए कि ये बच्चे अन्य बच्चों से अलग हैं। ऐसे में इन्हेंं अधिक ध्यान देने की जरूरत है ताकि जल्द से जल्द उन्हें भी सामान्य बच्चों की तरह हम बना सकें। ADHD kya hai hindi के तहत नीचे हम बता रहे हैं कि आपको क्या -क्या करना है।

  • सबसे पहले कुछ दिन की छुट्टी लीजिए और अपने बच्चे को उनके दादा दादी या नाना नानी के यहां गांव ले जाइए। गांव के बच्चों के साथ घूमने दीजिए। गांव की मिट्टी में खेलने दीजिए।
  • बच्चों को डॉक्टरों के पास लेकर दौड़ने की जगह आप खुद पहले उसे अधिक से अधिक समय दीजिए।
  • मोबाइल से तुरंत दूर कीजिए। स्क्रीन टाइम जीरो कर दीजिए यानी बिल्कुल भी मोबाइल और टीवी नहीं दिखाना है।
  • इन बच्चों के साथ खुद भी बच्चा बन जाइए और इन्हें जो भी पसंद है उनके साथ वो करिए।
  • इन्हें एक्टिविटी वाले काम दीजिए। जैसे- रिंग में डालने वाला गेम हो या फिर अलग-अलग अल्फाबेट्स को जोड़ने वाला गेम हो या फिर पेंटिंग करना आदि।
  • इन बच्चों के साथ योगा करिए। इन्हें भी मन एकाग्र करने के लिए प्रेरित कीजिए। कुछ देर वह बैठेगा तो भी धीरे-धीरे उसकी एकाग्रता बढ़ेगी।
  • उसे कहानियां सुनाइए। उसे अधिक से अधिक चीजों को याद रखने के लिए प्रेरित करिए।
  • उसे कभी भी खुद में मत खोने दीजिए। हर वक्त उसे आपके साथ रहना है। उसका मन भटकने नहीं देना है।
  • यह ध्यान दीजिए कि उन्हें क्या पसंद है और उनकी शक्ति क्या है। उसके हिसाब से उन्हें आगे बढ़ने दीजिए।

क्या ए डी एच डी रोग वंशानुगत है

क्या ए डी एच डी रोग वंशानुगत है, यह सवाल खूब पूछा जाता है। ADHD kya hai hindi के तहत यह जान लीजिए कि इसे पूरी तरह से आप वंशानुगत नहीं मान सकते हैं। क्योंकि कई ऐसे घर हैं जहां पैरेंट्स या उनके किसी अन्य बच्चे में यह रोग नहीं है लेकिन एक बच्चे में यह हो जाता है तो फिर आप इसे वंशानुगत नहीं कह सकते हैं। हां, चांस रहता है। अगर घर में कोई पहले से सुपरएक्टिव यानी ए डी एच डी रोग से पीड़ित है तो 40 फीसदी चांस रहता है कि आने वाले बच्चे में यह हो सकता है। ऐसे में इसे वंशानुगत रोग तो है लेकिन सिर्फ यही एक कारण नहीं है। आज की भागमभाग वाली लाइफस्टाइल में पैरेंट्स गर्भावस्था से लेकर बच्चे के जन्म और परवरिश में इतनी गलतियां कर रही हैं कि यह बीमारी हो जा रही है।

एडी एचडी कौन सी बीमारी है | ADHD kya hai hindi

यह एक ऐसी बीमारी है जो बच्चों में दिखती है। 2 से 3 साल के वे बच्चे जो सुपर एक्टिव होते हैं, यानी समान्य बच्चों से कहीं ज्यादा सक्रिय होते हैं, वे एडी एचडी का शिकार होते हैं। ये बच्चे हर समय कूदते फांदते रहेंगे। एक जगह टिक कर नहीं बैठते हैं। ये बच्चे हर समय खुद में रहेंगे और किसी और की बात पर ध्यान नहीं देंगे। ऐसे बच्चों को हाईपर एक्टिव बच्चे कहेंगे। ये जिद्दी होते हैं और हर कीमत पर अपना जिद पूरा कराना चाहते हैं।

ADHD meaning in Hindi | ADHD kya hai hindi

ADHD meaning in Hindi अगर जानना है तो फिर आप यह जान लीजिए कि अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिस्ऑर्डर इसका फुलफॉर्म है। यानी ऐसे बच्चे जिनमें ध्यान की कमी रहती है और वे अत्यधिक सक्रियता होते हैं। हर समय कूदेंगे फांदेंगे। कई बार आंख से आंख मिलाकर नहीं देखेंगे। भीड़ में उन्हें अच्छा नहीं लगता है, कोई टच करे तो उन्हें दिक्कत होती है। वे खुद में रहने वाले बच्चे होते हैं। जिद्दी और चिड़चिड़ापन वाले बच्चे होते हैं। कहा जाता है कि जिन घरों में तनाव अधिक रहता है, वहां के बच्चे इस रोग से पीड़ित हो जाते हैं। ऐसे में इस तनाव के माहौल से दूर रहना होगा।



(दोस्तों उम्मीद है कि ADHD kya hai hindi के बारे में आप सबकुछ जान गए होंगे। ADHD kya hai hindi को लेकर आपकी तलाश अगर पूरी हो गई है तो नीचे कमेंट जरूर करें। आप इससे जुड़ी कोई भी जानकारी चाहते हैं तो नीचे लिखें। हमारे वेबसाइट पर आते रहें और प्यार लुटाते रहें। यहां आने के लिए लव यू रहेगा आप सभी लोगों को)

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