आजकल शेयर मार्केट का जमाना है। हर कोई शेयर बाजार में निवेश कर रहा है और मोटी कमाई कर रहा है। इस बाजार में जब आप भी आएंगे तो दो चीजों से टकराएं। वे हैं SENSEX और NIFTY।
आज इन दोनों शब्दों के बारे में विस्तार से जान लीजिए।
बेंचमार्क इंडेक्स
अगर आपको मार्केटिंग के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है तो आसान शब्दों में बस इतना जान लीजिए कि ये दोनों ही बेंचमार्क इंडेक्स है। एक तरफ जहां सेंसेक्स BSE का बेंचमार्क इंडेक्स है तो वहीं निफ्टी NSE का बेंचमार्क इंडेक्स है।
अब चलिए दोनों को अलग-अलग जान लेते हैं।
सेंसेक्स (SENSEX)
सेंसेक्स में 30 कंपनियां शामिल हैं। चूंकि यह बीएससी के अंतर्गत है यानी बॉम्बे स्टॉक एक्सजेंट के। वही इसे मॉनिटर करेगा। लेकिन BOMBAY STOCK EXCHANGE में कंपनियां हैं 5000। तो हर कंपनी को मॉनिटर करना तो संभव नहीं है। ऐसे में इन 30 बड़ी कंपनियों के आधार पर इनडेक्ट निकाल दिया जात है। यही SENSEX है।
दरअसल, सभी कंपनियों का सही सूचकांक प्राप्त करने के उद्देश्य से ही 1986 में सेंसेक्स की शुरूआत की गई थी।
इस शख्स ने दिया नाम
कहा जाता है कि सेंसेक्स टर्म को पहली बार स्टॉक मार्केट ऐनालिस्ट दीपक मोहोनी ने ही यूज किया और फिर यह शब्द आम बोलचाल मे भी आ गया।
ऐसे करता है सेंसेक्स काम
सेंसेक्स, BSE में लिस्टिड कंपनियों में से टॉप 30 कंपनियों के मार्केट कैप के हिसाब से इंडेक्स करता है। अब आपको यह भी बता दें कि इन 30 कंपनियों को चुनने के लिए भी एक कमैटी होती है। ऐसा नहीं है कि हमेशा एक ही 30 कंपनियां रहेंगी। अगर आप लगातार खराब प्रदर्शन करेंगे तो आपको इस लिस्ट से बाहर भी कर दिया जाएगा।
सेंसेक्स के लाल होने का मतलब
सेंसेक्स में रंगों का भी बेहद महत्व है। हरा रंग है तो समझ लीजिए बाजार अच्छा कर रहा है और निवेश कीजिए। अगर लाल रंग है तो रुक जाइए। बाजार
तो चलिए अब सेंसेक्स के बाद निफ्टी को भी समझ लेते हैं। आखिर यह क्या बला है।
निफ्टी (NIFTY)
निफ्टी को हमने पहले ही आर्टिकल में बताया था कि यह NSE यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का बेंचमार्क इंडेक्स है। आपको बता दें कि इसमें 50 कंपनियां शामिल है। यहां भी वही कंपनियां शामिल होंगी जो बाजार में खूब अच्छा कर रही होंगी। यह नहीं कि कोई भी शामिल हो जाए।
ऐसे काम करता है NIFTY
अब सेंसेक्स की तरह ही NIFTY भी काम करता है। वहां 30 तो यहां 50 कंपनियों के आधार पर सूचकांक जारी होता है।
कब हुई थी शुरुआत
निफ्टी की शुरूआत 1996 में हुई थी।
अलग-अलग सेक्टर्स की होती हैं कंपनियां
अब आप पूछेंगे कि इसमें कैसी कंपनियां हो सकती हैं। तो आपको बता दें कि इन 50 कंपनियों में अलग-अलग सेक्टर की कंपनियां होती हैं। कोशिश होती है कि हर सेक्टर को कवर किया जाए ताकि ग्राहकों को निवेश करने में अपने मनपसंद की आजादी हो।
इनका महत्व क्या है
सीधी सी बात है कि अगर ये कंपनियों का हाल नहीं बताएंगी तो फिर निवेशक तो परेशान हो जाएंगे। वे कैसे जानेंगे कि कौन सी कंपनी बेहतर कर रही है। कहां वे पैसा लगाएंगे तो मुनाफा होगा और कहां पैसा डूब जाएगा। ऐसे में इनका बहुत महत्व है।