यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध का खतरा अब भी बना हुआ है। अमेरिका बार-बार कह रहा है कि रूस कभी भी यूक्रेन पर हमला कर सकता है। हालांकि रूस इससे इनकार कर रहा है। इस बीच जो शब्द सबसे तेजी से सामने आया है, वह है False Flag रणनीति।

इसी रणनीति के तहत यूक्रेन और रूस के माहौल को फिलहाल दुनिया भर में व्याख्या किया जा रहा है। ऐसे में आपके भी मन में यह सवाल कौंध रहा होगा कि आखिर ये रणनीति है क्या। तो चलिए इस पर विस्तार से बात करते हैं।

पहले तो यह जान लीजिए कि False Flag रणनीति का इस्तेमाल पहले भी कई मौकों यानी युद्धों के दौरान किया जा चुका है।

अगर सीधे तौर पर कहें तो False Flag रणनीति एक ऐसी सैन्य कार्रवाई होती है जहां पर एक देश छिपकर, जानबूझकर स्वयं की संपत्ति, इंसानी जान को नुकसान पहुंचाता है और उसका दोष अपने दुश्मन देश पर मढ़कर उस पर हमला बोल देता है।

कहने का मतलब यह है कि वह दुनिया को दिखाता है कि देखो किस तरह से सामने वाला देश मेरे देश के संसाधनों पर हमला कर रहा है। जबकि वह हमला खुद वह करा रहा होता है।

इसकी आड़ में वह दुनिया भर की सहानुभूति बटोर कर फिर अपने दुश्मन देश पर हमला कर देता है। यानी जवाबी कार्रवाई के नाम पर वह इसे हमला बताकर अपना उद्देस्य पूरा कर लेता है।

आसान शब्दों में कहें तो पहले आप अपने देश पर हमला होने का नाटक करें और फिर पूरी दुनिया के सामने उनसे सहानुभूति लेकर किसी दुश्मन देश पर आरोप मढ़ कर बदला ले लें।

साल 1939 में जर्मनी ने इसका फायदा उठाया था। उस समय पोलैंड संग जंग चल रही थी, तब जर्मनी ने अपने ही एक रेडियो टावर पर हमला करवा दिया था और यह संदेश दुनिया को दिया कि पोलैंड उसके टावर पर कब्जा कर रहा है। इसके बाद जवाबी कार्रवाई के तहत उसे युद्ध का मौका मिल गया।

साल 2014 में रूस पहले भी इस रणनीति का फायदा उठाया है। तब उसने क्रीमिया पर कब्जा किया। उसने क्रीमिया की सड़कों पर रूसी कपड़े पहनाकर कुछ लोगों को भेजा और वे वहां के लोग हैं जो रूस को समर्थन कर रहे हैं। इसके बाद उसने अपने कार्रवाई को अंजाम दे दिया।

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