रामानुज जयन्ती (वैशाख शुक्ल षष्ठी)

आचार्य शंकर द्वारा चलाए गए अद्वैत मत के प्रचारक रामानुज का जन्म वैशाख शुक्ला षष्ठी को हुआ था। रामानुज दयालु व सहनशील थे। उनमें लोगों के मन में धर्म की…

श्री शंकर जयन्ती (वैशाख शुक्ल पंचमी)

कोचीन से पाँच-छः मील दूर कालटी ग्राम में भगवान शंकराचार्य का जन्म विक्रमी संवत् ८४५(845) को हुआ। ये प्रतिभा सम्पन्न बालक थे। तीन वर्ष की अवस्था में मलयालम का अच्छा…

बरूथिनी एकादशी (वैशाख कृष्ण एकादशी)

इस दिन व्रत करके जुआ खेलना, नींद, पान, दन्त-धावन, परनिंदा, क्षुद्रता, चोरी, हिंसा, रति, क्रोध तथा झूठ इन ग्यारह चीजों को त्यागने का महात्म्य है। ऐसा करने से मानसिक शांति…

आशामाई (वैशाख कृष्ण द्वितीया)

वैशाख कृष्ण द्वितीय को आशामाई का व्रत संतान की मंगलकामना व सौभाग्य के लिए किया जाता है। व्रत वाली स्त्री इस दिन पूजा के बाद दिन में एक बार बिना…

पजूनो पूनो व्रत (चैत्र शुक्ल पूर्णिमा)

इस दिन ‘पजूनकुमार’ के पूजन का विधान है, व्रत नहीं किया जाता। जिस घर में लड़का (लड़की नहीं) उत्पन्न हुआ हो, केवल उसी घर में यह पूजन होता है। इस…

चैत्र वारुणी (चैत्र शुक्ल त्रयोदशी)

इस दिन गंगा जी के स्नान तथा पूजन का विशेष माहात्म्य है। इस दिन सम्पूर्ण सामग्री जुटा कर विधिपूर्वक गंगा जी का पूजन करना चाहिए। इस दिन कच्चा कदली फल…

कामदा एकादशी (चैत्र शुक्ल एकादशी)

चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को ‘कामदा एकादशी’ कहते हैं। इस व्रत की कथा को सुनकर हमें ज्ञात होता है कि कभी-कभी छोटी-छोटी भूलों की बहुत बड़ी सजा…