दोस्तों, bhooto ki kahaniya का सीरीज हम आपके लिए लाए हैं। यह कहीं और नहीं मिलेगा। bhooto ki kahaniya जो आपका दिल जीत लेंगी। इस खजाने की तलाश अगर आपको है और भूतों की कहानियों में दिलचस्पी है तो रोज इस वेबसाइट पर आइए और भूतों की नई-नई कहानियां पढ़िए। तो चलिए आज आपको भूतहा कहानियों की पहली सीरीज से मिलवा रहे हैं। यह कहानी एक भूत और एक लड़की के बीच की प्रेम कहानी है।

1991 की वह रात थी जब आम चुनने गई थी जंगल

दोस्तों, इस कहानी की शुरुआत होती है 1991 की उस रात से जिस रात गांव की सभी लड़कियां अचानक आंधी आने पर आम तोड़ने के लिए उस जंगल में गई थीं जो जंगल गांव से सटा हुआ था। यह यूपी के देवरिया जिले की सच्ची घटना है। हालांकि कुछ लोग इससे वास्ता नहीं रखते लेकिन उस लड़की के लिए आज भी वह भूत सबसे खूबसूरत भूत है। तो चलिए bhooto ki kahaniya का आनंद लीजिए।

आंधी आई और पुष्पा जंगल की तरफ दौड़ पड़ी

अपनी सहेलियों के साथ पुष्पा भी आम बिनने के लिए गई थी। तेज आंधी में आम टूटते थे तो गांव का गांव जंगल में उमड़ पड़ता था। बोरे भरकर लोग आम लेकर घरों को लौटते थे। रात के कोई 12 बजे के करीब आंधी शुरू हुई और गांव के लोग चिल्लाते हुए जंगल की तरफ भागे की आज तो खूब आम मिलेगा। पुष्पा भी घर के बाहर ही सोई थी। उसने अपनी सहेलियों के घर जाकर उन्हें भी जगाया और साथ में बोरे लेकर निकल पड़ी। पुष्पा की बुआ भी साथ गई थीं और उसके चाचा भी। आम बीनते-बीनते पुष्पा कब जंगल के बीच में चली गई उसे पता ही नहीं चला।

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वह पीठ थपथपा रहा था…भूत देख उड़ गए पुष्पा के होश

आम खूब गिर रहे थे तो उसका मन ललचाया जा रहा था। इस बीच वह अपने लोगों से दूर हो गई और एक किनारे पेड़ों की तरफ चली गई। तभी उसे लगा कि पीछे से कोई उसके पीठ पर थपकी दे रहा है। उसे लगा कि कोई सहेली होगी। लेकिन पीछे मुड़ते ही उसकी हालत खराब हो गई। सामने एक कोई चार फुट का बेढंगा इंसान। पूरा शरीर बालों से लिपटा हुआ। नाखून एक एक फीट लंबे। दो दांत बाहर निकले हुए। आंखें सूर्ख लाल। और नाक जैसे दो फीट आगे और चेहरा बिल्कुल चिपटा। वह चिल्लाना चाहती थी लेकिन उसे लगा जैसे किसी ने उसके मुंह पर टेप चिपका रखा हो।

भूत ने उसके पूरे शरीर को सूंघना शुरू कर दिया

अब वो कुछ नहीं कर पा रही थी। वहीं मूर्ति बनकर खड़ी रही। अब वह समझ गई थी कि यह वही भूत है जिसके बारे में उसकी सहेलियां बताती थीं। लेकिन वह मानती नहीं थी कि भूत भी होता है। अब भूत ने उसे सूंघना शुरू कर दिया था। वह उसके गालों को सहलाने लगा और बालों को अपनी नाक से सूंघने लगा। पुष्पा को लगा कि अब तो वह बच नहीं पाएगी। क्योंकि उसकी आवाज लोगों तक जा नहीं रही है और कोई उसकी तरफ आ नहीं रहा। उसने खुद को अब भूत के हवाले कर दिया था। उसके पास कोई विकल्प नहीं था। bhooto ki kahaniya अब उसके समझ में आ चुकी थी। उसे पता चल चुका था कि भूत की कहानियां जो सुनती थी वह हकीकत भी हो सकती हैं।

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पुष्पा को टच करता रहा, पुष्पा मूर्ति बनी रही

भूत ने उसे टच किया। उसके सारे अंगों को छुआ। अब पुष्पा को एक भीनी-भीनी खुशबू मिलनी शुरू हुई। पुष्पा ने देखा कि भूुत का रूप बदलता जा रहा है कुछ ही देर में वह भूत एक युवा का रूप ले चुका था जो बेहद ही खूबसूरत था। उसने अपने आगोश में पुष्पा को भर लिया था। पुष्पा को कुछ-कुछ याद आ रहा था कि अरे ये तो वही नितिन है ना जिसकी तालाब में डूबकर मौत हो गई थी। भूत हंसा और पुष्पा भी अब मुस्कराई, जान गई कि…उसने धीरे से कहा, नितिन। वो भूत मुस्कुराया। हंसते हुए उसने कहा- पुष्पा क्या तुम्हें मैं याद हूं। पुष्पा की आंखें भर आईं। पुष्पा को याद आया वह दिन जिस दिन छुपमछुआई खेलते हुए नितिन ने उसे पीछे से पहली बार छुआ था। अरे हां, ये तो नितिन का ही स्पर्श है। अब तो पुष्पा खुश थी। लेकिन उसने कभी नहीं सोचा था कि वह नितिन को एक भूत के रूप में देखेगी। भूत ने कहा, आई हेट टियर्स पुष्पा और पुष्पा हंस पड़ीनितिन ने बताया कि उसके घरवालों ने उसका दाह संस्कार सही से नहीं किया। पुष्पा की आंखों में आंसू आ गए। लेकिन नितिन खुश था। उसने कहा- पुष्पा आई हेट टियर्स…पुष्पा भी हंस पड़ी। नितिन ने कहा, चलो इसी बहाने एक भूत से मिलने तो जंगल में आओगी। इंसान रहते तो गांव वाले हमें मिलने नहीं देते अब भूत हूं तो किसी को शक भी नहीं होगा। पुष्पा उससे लिपटकर रोने लगी। भूत के रूप में नितिन ने कहा, कल फिर आंधी आएगी, कल फिर आना।

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अब पुष्पा की शादी होने वाली थी…भूत ने…

हंसते हुए पुष्पा ने कहा, जरूर आऊंगी। लेकिन आंधी आएगी तुम्हें कैसे पता। नितिन ने कहा, अबे पगली मैं भूत हूं। सबकुछ जानता हूं। पुष्पा भी हंस पड़ी। पुष्पा को उसे अब तक का सबसे हैंडसम भूत मिल गया था। अब हर रात हवा चलते ही पुष्पा दौड़ पड़ती जंगल की ओर। नितिन से उसने प्रॉमिस किया था कि वह दुनिया में किसी को नहीं बताएगी कि तुम अभी यहां ऐसे ही घूम रहे हो। पुष्पा जब भी जंगल में पहुंचती उसकी खुशबू से नितिन उसके पास पहुंच जाता। पुष्पा आम बीनती, नितिन उसे बीनता। भूत के साथ प्रेम की यह कहानी तब तक चली जब तक पुष्पा उस गांव में रही।

और एक रोज पुष्पा फिर लौटी…। गांव में फिर आंधी आई…। पुष्पा फिर जंगल की ओर दौड़ी…लेकिन,…

(दोस्तों अगर आपको यह कहानी पसंद आई है तो नीचे कमेंट कीजिए तो मैं कहानी की अगली किश्त लिखूंगा। अगर आपके पास भी कोई भूतहा कहानी है तो हमारे साथ शेयर कीजिए। हमें मेल कीजिए- laxmithedude@gmail.com)

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