December 21, 2024

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दोस्तों, आज वर्ल्ड अर्थ डे है। यानी विश्व पृथ्वी दिवस। हर साल 22 अप्रैल को इसे मनाते हैं। सिर्फ अपना देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर के तमाम देशों में इसे मनाया जाता है। करीब 195 देश इसे मनाते हैं। आखिर जिस धऱती पर हम रहते हैं, उसे बचाने की भी जिम्मेदारी भी तो हमारी ही है। तो एक दिन इसी संकल्प के साथ एक साथ मनाया जाता है ताकि इस खूबसूरत पृथ्वी को सभी के सहयोग से और खूबसूरत बनाए रखा जा सके। तो चलिए आज इस पर विस्तार से बात करते हैं। क्या महत्व है, कब शुरुआत हुई और सबकुछ।

world earth day is very important day of our live. we have to teach our children and others about importance of earth and environment. without earth we can not survive. so today is very crucial day.

विश्व पृथ्वी दिवस क्यों मनाते हैं? prithvi divas kyo manaya jata hai

दोस्तों, धरती हमारी माता है। भारत में तो यही संस्कृति है। हम लोग धरती को मां मानते हैं। होना भी चाहिए ऐसा क्योंकि आज जो भी कुछ भी हमारा अस्तित्व है वह इसी धरती मां के कारण है। इसलिए उन्हें सुरक्षित बनाए रखने के लिए, पृथ्वी के महत्व के बारे में लोगों को बताने के लिए आज का दिन मनाया जाता है।

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पृथ्वी दिवस का क्या है महत्व। importance of earth day in hindi

दोस्तों, इस दिन का महत्व है कि पृथ्वी को बचाने के लिए लोगों को जागरूक करना। तो पृथ्वी कैसे बचेगी। जब पर्यावरण बचेगा। पृथ्वी पर हर चीज का संतुलन स्थापित होगा। जब यहां रहने वाले लोगों में शांति सद्भाव बनेगी। तो हर तरह से पृथ्वी को संरक्षण देने के लिए हर इंसान का सहयोग प्राप्त हो, इसी कोशिश के तहत इस दिवस का महत्व रेखांकित किया गया है।

इन दिक्कतों से आज जूझ रही है पृथ्वी। vishwa prithvi divas ke bare me bataye

दोस्तों, हमारी सुंदर पृथ्वी जिसके बििना हमारी जिंदगी की कल्पना भी नहीं है, वह आज तमाम तरह की दिक्कतों से जूझ रही है. एक तरफ ग्लोबल व़ॉर्मिंग है तो दूसरी तरफ पॉलिथीन है। ग्रीन हाउस गैस हैं तो करोड़ों गाड़ियों और फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुए हैं। यह सब पृथ्वी को नुकसान पहुंचा रहे हैं। लगातार पृथ्वी गर्म हो रही है और इसका दुष्परिणाम समय-समय पर हम सबको झेलना ही पड़ रहा है।

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मौसम बदलते जा रहा है, हम सुविधाभोगी होते जा रहे हैं

हर घर में एसी लग गया है। हर घर में गाड़ियों की संख्या बढ़ रही है। जंगलों को काटकर कंक्रीट के शहर बस रहे हैं। आबादी बढती जा रही है। उसी हिसाब से प्रकृति का दोहन हो रहा है। ये सिलसिला लंबा चलेगा तो फिर दिक्कत होगी। पृथ्वी ही नहीं बचेगी तो हम कैसे बचेंगे। इसलिए इस दिन का महत्व है और हमें सुविधाभोगी होने वाले रवैये से बाहर आना होगा। पृथ्वी और खुद को बचाना होगा। अगर हम अब नहीं चेते तो प्रलय तय है। प्रलय किसी खास दिन नहीं आता, हर रोज जो प्राकृतिक आपदाएं आ रही हैं वे प्रलय ही तो हैं। एक दिन ऐसे ही सबकुछ खत्म हो जाएगा।

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