राष्ट्रपति चुनाव में वोट देने का अधिकार किसे होता है? राष्ट्रपति की salary कितनी होती है? rashtrapati chunav kaise hota hai hindi? राष्ट्रपति का कार्यकाल कितने वर्ष का होता है?
rashtrapati chunav kaise hota hai hindi: दोस्तों जैसा कि आप सभी जानते हैं कि अपने देश का सर्वोच्च पद राष्ट्रपति का होता है। राष्ट्रपति ही देश का प्रथम नागरिक माना जाता है। यही वजह है कि अक्सर लोग गूगल में सवाल पूछते हैं कि राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है इसके अधिकार एवं शक्तियां बताइए? भारत के राष्ट्रपति का क्या कार्य है? भारत के राष्ट्रपति को कितनी बार चुना जा सकता है? इस आर्टिकल में हम आपको इन सारे सवालों का जवाब देने जा रहे हैं। तो अंत तक इस आर्टिकल को पढ़िएगा और इस शेयर कर दीजिएगा ताकि यह जरूरी जानकारी सभी लोगों तक पहुंचे।
भारत में राष्ट्रपति चुनाव बेहद ही जटिल प्रक्रिया है। अन्य चुनावों से इतर इसमें मतदान की प्रक्रिया काफी अलग और जटिल है। भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है ऐसे में इस देश के प्रथम नागरिक का चुनाव करना इतना आसान काम नहीं है। यह प्रक्रिया थोड़ी जटिल इसलिए भी हो जाती है क्योंकि यहां राष्ट्रपति का चुनाव सीधे जनता के वोटों से तो होता नहीं है। बल्कि जनता जिन सांसदों और विधायकों को चुनती है उनके वोटों से इनका चुनाव होता है। इसीलिए इसे अप्रत्यक्ष निर्वाचन प्रक्रिया भी मानते हैं।
तो चलिए आपको आसान भाषा में बताते हैं कि राष्ट्रपति कौन हो सकता है और उसके चुनाव की प्रक्रिया क्या है। सबसे पहले जान लेते हैं कि राष्ट्रपति कौन होता है? rashtrapati chunav kaise hota hai hindi
राष्ट्रपति के लिए योग्यता | president eligibility in india in hindi
- भारत का नागरिक होना अनिवार्य शर्त है
- कम से कम 35 वर्ष की उम्र को पार कर गया हो
- किसी भी तरह के लाभ के पद पर ना हो
- लोकसभा का सदस्य निर्वाचित होने के योग्य हों
राष्ट्रपति कौन होता है | who is president of india in hindi
जैसा कि आप सब जानते हैं कि भारत देश एक लोकतांत्रिक या प्रजातांत्रिक गणराज्य है। अर्थात भारत देश में ऐसी शासन प्रणाली है जिसमें जनहित सर्वोपरि है। इस प्रजातांत्रिक गणराज्य का मुखिया राष्ट्रपति होता है। चूंकि भारत के राष्ट्रपति भारत गणराज्य के कार्यपालिका अध्यक्ष होता है।
संघ के जितने भी कार्यपालक कार्य होते हैं, उनके ही नाम से किए जाते है। जैसा कि अनुच्छेद _53 में वर्णित भी है कि संघ की कार्यपालक शक्ति उनमें निहिंत है। इसके साथ ही वह भारतीय सशस्त्र सेनाओं के सर्वोच्च सेनानायक भी है।
हमारे देश के राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया एक अनूठी प्रक्रिया है और यह सबसे अच्छा संवैधानिक तरीका भी है। हमारे देश के राष्ट्रपति चुनाव की खास बात, जो इसे अनूठा बनती है ,वह यह है कि इसमें विभिन्न देशों में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के तरीकों की अच्छी अच्छी बातों को शामिल किया गया है।
हमारे देश के राष्ट्रपति के चुनाव में आम जनता के वोटों से राष्ट्रपति का चुनाव नहीं होता है। इसके लिए संविधान में अलग से नियम बनाए गए है। हमारे संविधान की खास बात यह है कि इसमें विभिन्न देशों के संविधान से अच्छी अच्छी बातों को लिया गया है। सभी चुनाव के भांति ही राष्ट्रपति चुनाव भी इलेक्शन कमीशन की देख रेख में ही होता है।
भारत में राष्ट्रपति कि जो प्रक्रिया है वह थोड़ा जटिल है। भारत देश में राष्ट्रपति direct जनता द्वारा नहीं चुना जाता बल्कि जनता जिस प्रत्याशी का चुनाव करती है उन्हीं वोटों से राष्ट्रपति चुना जाता है। इसका मतलब है कि संसद और विधायक ही उसे चुन सकते हैं। राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने का अधिकार संसद में नामित सदस्य और परिषद के सदस्य को नहीं होता चूंकि इनका चुनाव सीधे जनता द्वारा नहीं होता है। rashtrapati chunav kaise hota hai hindi के तहत अब जानिए कि वोट देने का अधिकार किसे है।
राष्ट्रपति के चुनाव में सभी विधानसभाओं के elected मेंबर और लोकसभा तथा राज्यसभा में चुनकर आए सांसद वोट डालते है। राष्ट्रपति का चुनाव सिंगल ट्रांसफरेबल वोट के सिस्टम के माध्यम से होता है। मतलब यह है कि वोटर एक ही वोट डालता है,लेकिन वह तमाम कैंडिडेट्स में अपनी प्राथमिकता तय कर देता है। यानी वह बैलेट पेपर पर यह स्पष्ट कर देता है कि उसकी पहली ,दूसरी और तीसरी पसंद कौन है?
यदि पहली पसंद वाले वोटों से विजेता का फैसला नहीं हो सका ,तो उम्मीदवार के खाते में वोटर की दूसरी पसंद को नए सिंगल वोट की तरह ट्रांसफर किया जाता है। जिन्हें पहली ही गिनती में सबसे कम वोट प्राप्त होता है वह उम्मीदवार रेस से बाहर हो जाता है, लेकिन उसे मिले वोटों में से उसकी दूसरी पसंद के कितने वोट किस उम्मीदवार को मिले यह ध्यान देना जरूरी है।
अब दूसरे पसंद के जो भी वोट है, वह बचे उम्मीदवार के खाते में ट्रांसफर हो जाते है। यदि यह वोट प्राप्त कर उम्मीदवार तय वोट की संख्या तक पहुंच जाए तो वह उम्मीदवार विजयी माना जाएगा अन्यथा दूसरे दौड़ में सबसे कम वोट वाला उमीदवार रेस से बाहर हो जाएगा और यह process पुनः repeat की जाएगी।
इस प्रकार वोटर का सिंगल वोट ही ट्रांसफर होता है। यानी इस process में जरूरी नहीं है कि पार्टी को लोकसभा और राज्यसभा का बहुमत प्राप्त हो ,वहीं विजयी हो। विधायकों का भी वोट महत्व रखता है।
यदि अंत तक किसी भी उम्मीदवार को तय संख्या तक वोट ना मिले तो भी इस process में उम्मीदवार बारी बारी से बाहर होते रहते है और अंत में जिसे भी सबसे अधिक वोट प्राप्त होता है वहीं विजयी होगा। हर विधायक और सांसद के वोटों की कीमत होती है। अभी की बात करें तो देश के राज्यों के सभी विधायकों के वोट का वैल्यू 5 लाख 43 हजार 231 है। वहीं, लोकसभा के सांसदों का कुल वैल्यू 5 लाख 43 हजार 200 है। rashtrapati chunav kaise hota hai hindi के तहत अब जानिए की राष्ट्रपति की सैलरी कितनी होती है.
भारत के राष्ट्रपति की सैलरी कितनी होती है
भारत के president की salary 5 लाख रुपए प्रति माह होती है। सबसे खास बात यह कि इस सैलरी पर उन्हें कोई टैक्स नहीं देना होता है। इसके अलावा भी राष्ट्रपति को कई तरह के भत्ते मिलते है। इसमें राष्ट्रपति भवन में होने वाला खर्च करीब सलाना 22.5 मिलियन तक होता है।
वहीं. राष्ट्रपति को रिटायरमेंट के बाद 1.5 लाख रुपये महीने का पेंशन भी मिलता है। आजीवन एक बंगला मिल जाता है। दो मुफ्त लैंडलाइन और एक मोबाइल फोन जीवन भर के लिए। किसी एक व्यक्ति के साथ जीवन भर के लिए हवाई यात्रा मुफ्त। ट्रेन की यात्रा भी मुफ्त। rashtrapati chunav kaise hota hai hindi के तहत अब जानिए कि इनका कार्यकाल कितने दिन का होता है।
भारत के राष्ट्रपति का कार्यकाल कितने वर्ष का होता है?
भारत का राष्ट्रपति देश का प्रथम नागरिक और मुखिया होता है। भारत के राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्षों का होता है। rashtrapati chunav kaise hota hai hindi के तहत अब जानिए कि राष्ट्रपति को कितनी बार चुन सकते हैं।
भारत के राष्ट्रपति को कितनी बार चुना जा सकता है?
भारत में कोई भी व्यक्ति दो बार राष्ट्रपति बन सकता है। चाहें वह लगातार दो बार राष्ट्रपति रहे या फिर अपने जीवन में कभी भी दो बार राष्ट्रपति बन सकता है। rashtrapati chunav kaise hota hai hindi के तहत अब जानिए की राष्ट्रपति पद का क्या महत्व है।
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राष्ट्रपति पद का क्या महत्व है?
भारत का राष्ट्रपति देश का मुखिया होता है। साथ ही संविधान का प्रधान होता है । राष्ट्रपति किसी दल का नेता ना होकर पूरे देश का प्रतिनिधि होता है। इसीलिए इसका निर्वाचन परोक्ष रूप से एक निर्वाचक मंडल द्वारा होता है ,जिसमें लोकसभा वा राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य तथा विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होते है। rashtrapati chunav kaise hota hai hindi के तहत अब जानिए की राष्ट्रपति का कार्य क्या क्या है।
भारत के राष्ट्रपति का क्या कार्य है?
नियुक्ति के संबंध में
- देश के पीएम की नियुक्ति करना
- पीएम की सलाह पर मंत्रिमंडल के सदस्यों की नियुक्ति
- सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति
- राज्यों के बीच समन्वय स्थापित करने की व्यवस्था बनाना
- मृत्यु दंड मिले व्यक्ति को अंतिम रूप से माफ करने का अधिकार
- भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की नियुक्ति राष्ट्रपति ही करता है
- राज्यों के राज्यपाल की नियुक्ति करता है
- मुख्य चुनाव आयोग की नियुक्ति
- संघीय लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति
- भाषा आयोग के सदस्यों की नियुक्ति
- वित्त आयोग के सदस्यों की नियुक्ति
- तीनों सेनाओं को समय-समय पर उचित निर्देश
- भारत के राजदूतों की नियुक्ति
- अल्पसंख्यक आयोग के सदस्यों की नियुक्ति
विधायी शक्तियां
- संसद के मानसून सत्र का आह्वान
- सदन के दोनों सदनों का अभिभाषण
- संसद में पारित कोई भी विधेयक राष्ट्रपति के मुहर लगने के बाद ही कानून बनता है
- नए राज्यों के निर्माण संबंधी विधेयक पर भी कोई भी अंतिम निर्णय राष्ट्रपति लेते हैं
- किसी विधेयक पर अगर दोनों सदन सहमत नहीं हैं तो राष्ट्रपति संयुक्त बैठक (दोनों सदनों की)बुला सकते हैं
सैन्य शक्ति
तीनों सेनाओं का सेनाध्यक्ष होने के कारण किसी भी स्थिति में वह सेनाओं को उचित निर्देश दे सकते हैं आदेश दे सकते हैं। हालांकि यह बहुत कम ही भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में होता है।
राजनैतिक शक्ति
किसी भी देश के साथ किसी भी तरह की संधि या कोई भी नया कदम देश के राष्ट्रपति के नाम से होता है। वह उचित दखल दे सकते हैं। विदेशों के लिए भारतीय राजदूत की नियुक्ति भी वही करता है।
आपातकालीन शक्ति
देश में किसी भी तरह की आपात स्थिति में जब देश की एकता और अखंडता पर सवाल हो तो राष्ट्रपति अपने अधिकार का प्रयोग कर किसी भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा सकता है। हालांकि इसके लिए वह मंत्रिपरिषद का भी परामर्श लेते हैं ताकि सबकुछ लोकतांत्रिक तरीके से हो।
क्षमादान की शक्ति
किसी दोषी व्यक्ति को कोई कठोर सजा हुई है जैसे मृत्युदंड तो उस स्थिति में राष्ट्रपति के पास क्षमादान की याचिका जाती है। राष्ट्रपति के पास उसे क्षमा करने का अधिकार होता है हालांकि वह सबकुछ देखकर उचित निर्णय लेते हैं।
आज आप क्या सीखकर जा रहे हैं
दोस्तों, आज आपने जाना कि भारत जैसे सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है और राष्ट्रपति का कार्य क्या होता है। कौन से लोग राष्ट्रपति पद के योग्य होते हैं। अगर आपके मन में इससे जुड़ा कोई सवाल है तो नीचे कमेंट कीजिए। इसके अलावा हमारे वेबसाइट को गूगल में सर्च करते रहिए। वहां टाइप कीजिए kyahotahai.com. आपके इसी सहयोग से हम आगे बढ़ेंगे। लव यू रहेगा, यहां आने के लिए…। जय हिंद