इस दिन मौन रहकर भगवद् स्मरण तथा भोजन का विधान है। इस प्रकार भगवान की आराधना करने से मन शुद्ध होता है। व्यक्ति में सद्गुणों का समावेश होता है। इस दिन केवल फलाहार ही लिया जाता है। इससे शरीर हल्का तथा स्वस्थ रहता है। यह एकादशी पापों का नाश करने वाली कही गई है।

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