कंप्यूटर के क्षेत्र में generation का मतलब, टेक्नोलॉजी का बदलाव होता है। Computer के अविष्कार से लेकर अब तक कंप्यूटर में जो भी बदलाव हुए है उसे generation of Computer in hindi में बांटा गया है। शुरुआत में कंप्यूटर के हार्डवेयर में ही बदलाव होने पर generation में बांटा जाता था। मगर बाद में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों में मुख्य (major) बदलाव को ध्यान में रख के इसे अलग अलग जनरेशन में बाँटा गया ।
कंप्यूटर को 5 generation में बाँटा गया है।
- First Generation Computer (1946 से 1959)
- Second Generation Computer (1959 से 1965)
- Third Generation Computer (1965 से 1971)
- Fourth Generation Computer (1971 से 1980)
- Fifth Generation of Computer in hindi(1980 से अब तक)
First Generation of Computer in Hindi
1946 से 1959 तक का दौर (period) कंप्यूटर का पहला पीढ़ी (Generation) था। इस जनरेशन के कंप्यूटर में CPU (Central Processing Unit), memory , और circuit के लिए वैक्यूम ट्यूब (Vacuum Tube ) का इस्तेमाल होता था। ये ट्यूब बिजली के बल्ब कि तरह, बहुत अधिक गर्मी उतपन्न (generate) करता था, इसलिए ये अक्सर फ्यूज हो जाता था। यह बहुत महंगा होता था। और केवल बड़े कंपनी ही इसे खरीद सकते थे।
इस जनरेशन में, मुख्य रूप से बैच प्रोसेसिंग ऑपरेटिंग सिस्टम (Batch processing operating system) का उपयोग किया गया था। इनपुट और आउटपुट डिवाइस के लिए पंच कार्ड्स (Punch Cards), पेपर टेप (Paper Tape) और मैग्नेटिक टेप (Magnetic Tape) का उपयोग होता था। प्रोग्रामिंग लैंग्वेज (Programming Language) के लिए मशीन कोड (Machine Code) का उपयोग होता था।
First Generation के फीचर्स (Features) को पॉइंट में समझे
- यह वैक्यूम ट्यूब बेस्ड था
- यह unreliable यानी भरोसेमंद नहीं था
- ये सिर्फ मशीन लैंग्वेज को ही सपोर्ट करता था
- इनपुट और आउटपुट डिवाइस बहुत स्लो होता था
- यह बहुत ज़्यादा गर्म होता था
- इस कंप्यूटर के लिए AC कि ज़रूरत पड़ती थी
- यह बहुत बड़े आकार का होता था
- यह नॉन पोर्टेबल था, यानी एक जगह से दूसरे जगह नहीं ले जाय जा सकता था
- बहुत ही ज़्यादा बिजली खपत करता था
First Generation कंप्यूटर के नाम
- ENIAC
- EDVAC
- UNIVAC
- IBM-701
- IBM – 650
Second Generation of Computer in hindi
सेकंड जनरेशन कंप्यूटर कि अवधि (Time Period) 1959 से 1965 तक था। इस जनरेशन में ट्रांसिस्टर्स (Transistors) का उपयोग होता था। जो कि First Generation कि तुलना में सस्ता, आकार में छोटा, ज़्यादा भरोसेमंद (Reliable) और ज़्यादा तेज़ था। और यह बिजली कि खपत भी कम करता था। इस जनरेशन में प्राइमरी मेमोरी के लिए मैग्नेटिक कोर्स (Magnetic Cores) और सेकेंडरी मेमोरी के लिए मैग्नेटिक टेप्स (Magnetic Tapes)और मगेंटिक डिस्क (Magnetic Disk) का उपयोग होता था।
इस जनरेशन में, असेंबली लैंग्वेज (Assembly Language)और हाई लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज (High Level Programming Language) FORTRON, COBOL का उपयोग होता था। इस जनरेशन का कंप्यूटर बैच प्रोसेसिंग (Batch Processing) और मल्टीप्रोग्रम्मिंग ऑपरेटिंग सिस्टम (Multi Programming Operating System) को सपोर्ट करता था।
Second Generation के मुख्य फीचर्स को पॉइंट में समझे
- यह ट्रांसिस्टर्स बेस्ड था
- यह फर्स्ट जनरेशन कि तुलना में ज़्यादा भरोसेमंद (Reliable) था
- इस जनरेशन में कंप्यूटर का साइज पहले से छोटा हुआ करता था
- कंप्यूटर में गर्मी पहले से कम उतपन्न होती थी
- बिजली कि खपत कम होती थी
- पहले से ज़्यादा स्पीड में काम करता था
- फर्स्ट जनरेशन कि तुलना में यह सस्ता था, मगर फिर भी महंगा था
- इसके लिए AC अनिवार्य (Compulsary) था
- यह मशीन लैंग्वेज और असेंबली लैंग्वेज दोनों को सपोर्ट करता था
Second Generation कंप्यूटर के नाम
- IBM 1620
- IBM 7094
- CDC 1604
- CDC 3600
- UNIVAC 1108
Third Generation of Computer in hindi
इस जनरेशन कि अवधि 1965 से 1971 तक का रहा। इसमें ट्रांसिस्टर्स के बदले Integrated Circuits (ICs) का इस्तेमाल होता था। एक ICs में बहुत से ट्रांसिस्टर्स, रेसिस्टर्स (Resistors) और कैपेसिटर्स (Capacitors) होते थे। ICs का खोज जैक किल्बी (Jack Kilby) ने किया था।
इस जनरेशन में कंप्यूटर का आकार पहले से और भी ज़्यादा छोटा हो गया था। इस जनरेशन में रिमोट प्रोसेसिंग (Remote Processing), टाइम शेयरिंग (Time Sharing), मल्टीप्रोग्रम्मिंग ऑपरेटिंग सिस्टम (Multiprogramming Operating System) का इस्तेमाल होता था। FORTRON-II, COBOL, PASCAL, BASIC जैसे हाई लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज भी इस जनरेशन में use होते थे।
Third Generation के मुख्य फीचर्स को पॉइंट में समझे
- यह Integrated Circuits (ICs) बेस्ड था
- यह पहले के जनरेशन कि तुलना में ज़्यादा भरोसेमदं (Reliable) था
- साइज में बहुत छोटा था
- बहुत कम गर्मी उतपन्न करता था
- यह पहले कि तुलना में तेज़ काम करता था
- इसमें मेंटेनेंस कम होता था
- यह भी महंगा होता था
- इसे चलाने के लिए AC कि ज़रूरत पड़ती थी
- बिजली कि खपत कम होती थी
- हाई लेवल लैंग्वेज को सपोर्ट करता था
Third Generation कंप्यूटर के नाम
- IBM-360 series
- Honeywell-6000 series
- PDP (Personal Data Processor)
- IBM-370/168
- TDC-316
Fourth Generation of Computer in hindi
1971 से 1980 का दशक कंप्यूटर का चौथा पीढ़ी (Fourth Generation) कहलाता है। इस पीढ़ी के कंप्यूटर में VLSI (Very Large Scale Integrated) सर्किट्स का इस्तेमाल होता था। इसी पीढ़ी में इंटरनेट भी आया था। इस पीढ़ी का कंप्यूटर बहुत ज़्यादा शक्तिशाली (Powerful), भरोसेमंद (Reliable) और सस्ता था। जिस की वजह से पर्सनल कंप्यूटर (PC) का उदय हुआ। इस पीढ़ी में, टाइम शेयरिंग, रियल टाइम नेटवर्क्स (Real Time Networks), डिस्ट्रिब्यूटेड ऑपरेटिंग (Distributed Operating) सिस्टम का इस्तेमाल होता था। C, C++, DBASE जैसे हाई लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का इस्तेमाल इस पीढ़ी के कंप्यूटर में होता था।
Fourth Generation के मुख्य फीचर्स को पॉइंट में समझे
- यह VLSI (Very Large Scale Integrated) सर्किट पर आधारित था
- यह बहुत सस्ता था
- ये Portable यानी एक जगह से दूसरे जगह ले जाया जा सकता था
- यह Reliable यानी भरोसेमंद कंप्यूटर था
- PCs (Personal Computer) का इस्तेमाल होता था
- कंप्यूटर का साइज बहुत छोटा होता था
- Pipeling Process होता था
- AC की ज़रूरत नहीं पड़ती थी
- इंटरनेट का concept इसी पीढ़ी में आया
- यह कंप्यूटर आसानी से हर जगह उपलब्ध होने लगा था
Fourth Generation कंप्यूटर के नाम
DEC 20
STAR 1000
PDP 11
CRAY – 1 (SuperComputer)
CRAY – X – MP (Super Computer)
Fifth Generation of Computer in hindi
1980 से अब तक का कंप्यूटर पांचवी पीढ़ी के अंतर्गत आता है। इस पीढ़ी में ULSI (Ultra Large Scale Integrated) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है।
इसी पीढ़ी में आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) का भी कांसेप्ट आया। आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का मतलब कंप्यूटर को आदमी के तरह बनाना है। यानी कंप्यूटर आदमी के तरह सोंच सके, चल सके। रोबोट, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का एक उदाहरण है
इस पीढ़ी में C , C ++, Java , .Net , PHP जैसे हाई लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का इस्तेमाल होता है।
Fifth Generation के मुख्य फीचर्स को पॉइंट में समझे
- यह ULSI (Ultra Large Scale Integrated) पर आधारित है
- इसमें true आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) का डेवलपमेंट हुआ
- नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (Natural Language Processing) का डेवलपमेंट हुआ
- पैरेलल प्रोसेसिंग (Parallel Processing) को और ज़्यादा एडवांस बनाया गया
- इसका इंटरफ़ेस यूजर फ्रेंडली है
- इसमें मल्टीमीडिया फीचर्स है
- यह बहुत सस्ता में उपलब्ध हो जाता है
- यह portable भी है
Fifth Generation कंप्यूटर के नाम
- Desktop
- Laptop
- Note Book
- Chrome Book