आजकल 5G शब्द खूब सुनने को मिल रहा है। जल्द ही दुनिया में 5 जी आने वाला है। इसके साथ ही कहा जा रहा है कि पूरी दुनिया ही बदल जाएगी। जिस तरह से 4 जी ने क्रांति की और दुनिया में काफी कुछ बदल गया। उसी तरह 5G के आने के बाद टेक्नोलॉजी के दुनिया में तो बदलाव आएगा ही, साथ ही पूरी दुनिया भी व्यापक स्तर पर बदल जाएगी।
तो आइए आज 5G के बारे में विस्तार से जानते हैं। जानते हैं कि आखिर 5G में कितनी स्पीड मिलेगी जो 4 जी के मुकाबले कितना अधिक होगी और कैसे दुनिया को बदल देगी।
4 जी नेटवर्क पर स्पीड औसतन 45 एमबीपीएस (मेगाबिट्स पर सेकेंड) मिलती है। पर, जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी आगे बढ़ी है अब लोगों को यह स्पीड भी बेहद कम लगने लगा है।
अब लोग ज्यादा स्पीड चाहते हैं क्योंकि दुनिया बहुत फास्ट हो गई है। ऐसे में 4जी अब ओवरलोड का शिकार हो रहा है और वह उस मांग को पूरा नहीं कर पा रहा है। ऐसे में अब 5 जी की जरूरत पड़ रही है। कहा जा रहा है कि 5 जी नेटवर्क में इंटरनेट की स्पीड को 1,000 एबीपीएस तक होगी।
इसका मतलब है कि यह स्पीड 4 जी के मुकाबले 10 से 20 गुना ज्यादा होगी। ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि 5 जी के आने से किस कदर दुनिया की चाल बदल जाएगी।
5 जी को जनरेशन चेंज भी माना जा रहा है। इसमें सिर्फ स्पीड ही नहीं बल्कि पूरी जनरेशन बदलने की क्षमता होगी।
इसे पांच अलग अलग तकनीकों का संगम भी माना जा रहा है। इनमें मिलीमीटर वेब्स, स्मॉल सेल, मैसिव माइमो, बीमफॉर्मिंग और फुल डुप्लेक्स शामिल होंगे।
फिलहाल हमारे स्मार्टफोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज जैसे टीवी या वाई फाई 6 गीगाहर्ट्ज से नीचे की फ्रीक्वेंसी पर चलते हैं। ऐसे में अब मिलीमीटर वेब्स के जरिए 30 से 300 गीगाहर्ट्ज के खाली फ्रीक्वेंसी बैंड को इस्तेमाल की तैयारी है।
मशीनें भी आपस में बात करेंगी
5 जी के जरिए न सिर्फ लोग आपस में जुड़े होंगे बल्कि डिवाइसेज और मशीनें भी आपस में बात करेंगी। तकनीकी भाषा में वे भी एक-दूसरे से कनेक्ट होंगी। उदाहरण के लिए अगर आप फैन ऑन करके ही ऑफिस चले गए हैं तो फैन के पास मौजूद फ्रिज उसे अपने संदेश के जरिए बंद कर सकता है।
ऑफिस से घर का पंखा हो जाएगा बंद
इसी तरह से आप चाहें तो अपने घड़ी के जरिए घर पर चल रहे पंखे को बंद कर पाएंगे। 5 जी यह करामात भी करेगा। केवल आपको इंटरनेट की स्पीड अधिक नहीं मिलेगी बल्कि आपकी जिंदगी की स्पीड भी काफी बदल जाएगी।
अमेरिका का इंसान आपके सामने होगा
जी हां, 5 जी नेटवर्क में कहा जा रहा है कि वर्चुअल दुनिया में सबकुछ सिमट जाएगा। आपने हॉलीवुड फिल्मों दिखा होगा कि किस तरह से किसी और देश में रह रहे इंसान से बात करने के दौरान ऐसा लगता है कि वह सामने ही मौजूद है। 5 जी में ऐसा ही होगा। अमेरिका में रह रहे व्यक्ति से अगर आप इंडिया में बात करना चाहेंगे तो आमने-सामने आप बात कर सकेंगे बिल्कुल फिल्मी रूप में।
5G कैसे काम करेगा?
5जी तकनीक का जिक्र करते हुए अक्सर ही सब-6 (Sub-6) बैंड का नाम लिया जा रहा है। सब-6 बैंड में 450 मेगा हर्ट्ज से छह गीगा हर्ट्ज के फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल किया जा रहा है।
मिड-बैंड 5 जी में 2.5 से 3.7 गीगाहर्ट्ज के स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल किया जा सकता है। 25 गीगाहर्ट्ज़ से ऊपर के फ्रीक्वेंसी बैंड का इस्तेमाल होगा। इसमें मिलीमीटर वेव-बैंड (30 गीगाहर्ट्ज़ -300 गीगाहर्ट्ज़) की निचली सीमा भी शामिल है। तभी तो इसे मिलीमीटर वेव-बैंड भी कहा जा रहा है.
5 जी का नुकसान भी है क्या?
वेव-टॉवर लोगों के घरों के बेहद करीब लग सकते हैं, इसलिए इनसे होने वाले रेडिएशन से जीव-जंतुओं, पर्यावरण समेत इंसान पर असर पड़ने की चर्चा हो रही है। कैंसर सहित कई बीमारियों को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। हालांकि कई रिपोर्ट्स में इसे भ्रामक बताया गया है।