December 22, 2024
up pradhan kya hota hai

उप प्रधान के कार्य, उप प्रधान कौन होता है, उप प्रधान का चुनाव कैसे होता है? up pradhan kya hota hai, up pradhan kise kahate hain

up pradhan kise kahate hain: दोस्तों, kyahotahai.com पर आज एक नई जानकारी आपके लिए लााए हैं, up pradhan kise kahate hain यानी उप प्रधान कौन होता है? प्रधान के बारे में तो सभी जानते हैं लेकिन उप प्रधान के बारे में कम लोग ही जानते हैं। अगर आपको भी उप प्रधान के बारे में नहीं पता है तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है। इस आर्टिकल में हम बताएंगे कि up pradhan kise kahate hain? उप प्रधान के कार्य क्या हैं? उप प्रधान की सैलरी क्या है? प्रधान और उप प्रधान में अंतर क्या है? तो चलिए शुरू करते हैं। इस जरूर जानकारी को शेयर जरूर कर दीजिएगा।

दोस्तों, जिस तरह से ग्राम प्रधान होता है वैसे ही किसी भी ग्राम पंचायत के लिए बहुत ही जरूरी पद है उप प्रधान। इसे कई जगह उप ग्राम प्रधान भी कहते हैं। यह भी ग्राम पंचायत का अहम सदस्य होता है और इसकी जिम्मेदारी भी काफी बड़ी होती है। ग्राम प्रधान के समकक्ष ही इसे भी माना जाता है।

उप प्रधान के होने से मुख्य ग्राम प्रधान का भार काफी हद तक कम हो जाता है। जैसे देश के प्रधानमंत्री होते हैं और एक उप प्रधानमंत्री होते हैं। हालांकि अब उप प्रधानमंत्री का कोई पद नहीं है। गृह मंत्री को ही उप प्रधानमंत्री मान लिया जाता है। हालांकि अगर आपको याद हो तो अटल जी प्रधानमंत्री रहते लाल कृष्ण आडवाणी उप प्रधानमंत्री थे। यह पद अटलजी ने ही आडवाणी जी के लिए ईजाद किया था।

इसी तरह से ग्राम प्रधान के साथ उप प्रधान होते हैं जो कि सबसे अहम व्यक्ति होते हैै और हर निर्णय में उनकी भी भागीदारी होती है। इनकी सैलरी भी जबरदस्त होती है नीचे हम इसके बारे में आपको बताएंगे। उप प्रधान के बारे में जानने से पहले आपको ग्राम पंचायत के बारे में जानना बेहद आवश्यक है और तभी आप सही से समझ पाएंगे कि उप प्रधान क्या काम करता है और कौन होता है तो चलिए पहले जानिए कि ग्राम पंचायत क्या है। up pradhan kya hota hai के तहत जानिए ग्राम पंचायत क्या है।

ग्राम पंचायत क्या होती है | up pradhan kya hota hai

200 या उससे अधिक जनसंख्या वाली आबादी को गांव कहते हैं। इसका एक प्रधान होता है जिसे गांव का मुखिया बोला जाता है। इसी गांव की जो पंचायत होती है, जिसे मुखिया लीड करते हैं उसे ही ग्राम पंचायत के नाम से जानते हैं। गांव के हर इंसान की तरक्की के लिए ग्राम पंचायत पूरी तरह से जिम्मेदार होता है। गांव के विकास का सारा काम इसी ग्राम पंचायत के तहत होता है।

इस ग्राम पंचायत के प्रभारी को ग्राम प्रधान कहते हैं। कई जगह ग्राम प्रधान की भूमिका जनसंख्या के हिसाब से अलग अलग होती है। जैसे यूपी के गांवों में कम जनसंख्या पर एक या दो गांवोंं को मिलकार ही एक ग्राम प्रधान होते हैं लेकिन वहीं आप बिहार जाएंगे तो कई गांवों को मिलाकर करीब 3000 या 4000 की आबादी पर एक मुखिया होते हैं। इन्हें मुखिया के नाम से ही जाना जाता है। जबकि यूपी में छोटे-छोटे गांव के प्रमुख प्रधान के रूप में जाने जाते हैं।

ग्राम सभी की बैठक बुलाने का अधिकार ग्राम प्रधान का होता है। ग्राम प्रधान ही सर्वेसर्वा होता है। वैसे गांव के सभी बुद्धिजीवी लोग इसका हिस्सा होते हैं। अब तो गांवों के बीडीसी सदस्य भी इसका हिस्सा हो गए हैं। इस ग्रामसभा की साल में कम से कम दो बार बैठक होती है और सभी जरूरी कदम इसी में उठाए जाते हैं।

ग्राम सभा में करीब 3000 या उससे अधिक आबादी पर ग्राम पंचायत के 15 सदस्य होते हैं. उससे कम आबादी पर 10 सदस्य होते हैं। ये सदस्य गांव के ही बुद्धीजीवी लोग होते हैं जिनके जरिए गांवों के विकास की रूपरेखा तैयार होती है। इन्हीं सदस्यों के जरिए ही उप प्रधान का चुनाव होता है जिसके बारे में हम नीचे आपको बताने जा रहे हैं। तो चलिए अब जानिए कि उप प्रधान क्या होता है। up pradhan kya hota hai के तहत जानिए उप प्रधान का मतलब क्या है।

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उप प्रधान क्या होता है | up pradhan kya hota hai

किसी भी गांव के विकास के लिए पूरी तरह से ग्राम प्रधान जिम्मेदार होता है लेकिन आज के समय में ग्राम प्रधान के पास बहुत सारा काम होता है। ऐसे में ग्राम पंचायत सदस्य मिलकर तय करते हैं कि ग्राम प्रधान को सहयोग करने के लिए एक इंसान का होना जरूरी है। ऐसे में एक तिहाई सदस्य जिस नाम पर मुहर लगा देते हैं, उसे सर्वसम्मति से उप प्रधान चुन लिया जाता है।

उप प्रधान का पद इसी वजह से महत्वपूर्ण है। प्रधान की अनुपस्थिति में सारा काम उप प्रधान का होता है। या यूं कहें कि जब प्रधान नहीं होते तो उप प्रधान ही गांव का प्रधान हो जाता है। वही सारी जिम्मेदारी उठाता है। जैसे प्रधानमंत्री के विदेश जाने या छुट्टी पर जाने पर उप प्रधानमंत्री सारा जिम्मा उठा लेता है वैसे ही यहां उप प्रधान उठा लेते हैं।

उप प्रधान के होने से गांव का विकास भी तेजी से होता है। जिन गांवों में उप प्रधान नहीं होते हैं वे विकास में पीछे रह जाते हैं। कारण यह है कि पूरा दबाव और भार अकेले प्रधान पर आ जाता है और वह अकेले सबकुछ नहीं कर पाता है। ऐसे में समय-समय पर नई कार्ययोजना बनाना या फिर उसे क्रियान्वित करना सबकुछ कठिन हो जाता है।

यही वजह है कि अक्सर उप प्रधान की मांग उठती रहती है और उप प्रधान की जरूरत भी ग्राम पंचायतों में महसूस की जाती है। लेकिन वर्तमान समय में यह पद अपनी उपयोगिता खत्म कर चुका है। आपको कहीं भी उप प्रधान पद जल्दी नहीं मिलेगा। यूपी, बिहार जैसे राज्यों में तो नहीं ही मिलेगा। यहां पर अब बीडीसी सदस्य को ही प्रधान के बाद कामकाज का एक प्रमुख जिम्मेदार व्यक्ति मान लिया गया है। up pradhan kya hota hai के तहत जानिए उप प्रधान कौन होता है।

उप प्रधान कौन होता है | up pradhan kya hota hai

उप प्रधान प्रधान के बाद गांव का दूसरा सबसे प्रमुख व्यक्ति होता है। इसे कुछ जगह उप मुखिया या उप सरपंच भी कहते हैं। अपने देश में कई ऐसे गांव हैं जहां मुखिया को सरपंच कहा जाता है। खासकर हरियाणा की तरफ सरपंच होते हैं। तो उन सरपंचों का जो सपोर्ट करता है वही उप सरपंच यानी उप प्रधान होता है।

गांव के पंच ही मिलकर उप सरपंच यानी उप प्रधान का चुनाव करते हैं। यह व्यक्ति प्रधान के बाद दूसरे नंबर पर सबसे अहम भूमिका निभाता है। अगर गांव के शब्दों में बात करें तो किसी भी गांव का दूसरा व्यक्ति उप प्रधान होता है। किसी भी गांव का पहला व्यक्ति प्रधान होता है और दूसरा व्यक्ति उप प्रधान होता है। up pradhan kya hota hai के तहत जानिए कितना पैसा आता है।

ग्राम पंचायत के लिए कितना पैसा आता है | up pradhan kya hota hai

देश के हर ग्राम पंचायत का अलग-अलग बजट है। कौन सा गांव कितना बड़ा है। उसकी आबादी कितनी बड़ी है। उसका कितना विकास हुआ है और क्या-क्या विकास करना है। इन सारे मानकों के हिसाब से बजट तय होता है। फिर भी मानकर चलिए कि 1500 तक आबादी किसी गांव की है तो एक प्रधान के कार्यकाल में करीब 3-5 करोड़ तक का बजट आ जाता है।

आजकल तो काफी बजट आ रहा है। प्रधान लोगों का काम और रुतबा भी काफी बढ़ा है। ग्राम प्रधान बनने के लिए इसीलिए इतनी मारामारी रहती है। एक गांव में चुनाव होता है तो 10 लोग खड़े हो जाते हैं। हर कोई चाहता है कि एक बार वह ग्राम प्रधान बन जाए।

उसे लगता है कि इसमें पैसा भी है और रुतबा भी है। इसलिए पैसे और रुतबे के कारण लोग ग्राम प्रधान बनने के लिए लालायित रहते हैं। इसमें कुछ लोग गलत भी कर जाते हैं और गांव का विकास तो नहीं होता है लेकिन प्रधान का विकास हो जाता है। up pradhan kya hota hai के तहत जानिए उसके कार्य क्या हैं।

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उप प्रधान के कार्य | up pradhan kya hota hai

  • गांव के विकास की रूपरेखा तैयार करते समय प्रधान को सहयोग करना
  • प्रधान की अनुपस्थिति में पूरे गांव की जिम्मेदारी देखना
  • गांव के लोगों से विकास कार्यों को लेकर लगातार समीक्षा करते रहना
  • गांव के लोगों को विकास के कार्यों में भागीदारी बनाने के लिए उन्हें जागरूक करना
  • प्रधान के कार्यों का बंटवारा कर उनका भार कम करना
  • प्रधान के बनाए कार्यों को सही तरीके से गांव के लोगों तक पहुंचाना
  • प्रधान और गांव के लोगों के बीच एक ब्रिज यानी पुल के रूप में काम करना
  • गांव में कृषि संबंधी कार्यों और किसानों को समय पर बीज, खाद उपलब्ध हो इसकी निगरानी करना
  • गांव के प्राथमिक स्कूलों की प्रधान के साथ निगरानी और निरीक्षण करते रहना
  • गांव में शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं को लेकर अधिकारियों से संपर्क करना और उसे पूरा करवाना
  • गांव में नाली, सड़क आदि ग्राम प्रधान के कार्यों में सहयोग करना
  • गांव के युवाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना
  • गांव में एकता और शांति स्थापित करने के लिए लोगों के बीच आपसी सद्भाव बनाना

उप प्रधान की सैलरी | up pradhan kya hota hai

प्रधान की तरह की उप प्रधान की सैलरी भी कोई बहुत अधिक नहीं होती है। कई राज्यों में प्रधान की सैलरी 5000 रुपये ही है। वहीं उप प्रधान की सैलरी इसी के आसापस होती है। हालांकि उन्हें कई तरह के भत्ते मिलते हैं। इसके अलावा तमाम तरह के विकास कार्यों के लिए वे सीधे उत्तरदायी हैं। इसलिए उन्हें सैलरी की ज्यादा जरूरत नहीं पड़ती है।

अगर भत्तो वगैरह को जोड़ दें तो एक ग्राम प्रधान आसानी से 20-25 हजार रुपये तो सिर्फ सैलरी निकाल लेता है। हालांकि कई ग्राम प्रधान लाखों में कमाते हैं लेकिन उसे गलत तरीका माना जाएगा। क्योंकि वे विकास कार्यों से पैसा अपने लिए बचाकर मोटी कमाई करते हैं। इसीलिए आप देखते हैं कि हर चुनाव में प्रधान बनने के लिए कितनी मारामारी रहती है। up pradhan kya hota hai के तहत जानिए ग्राम पंचायत के मुखिया कौन होते हैं।

ग्राम पंचायत के मुखिया को क्या कहते हैं | up pradhan kya hota hai

ग्राम पंचायत के मुखिया को सरपंच कहते हैं। इन्हें ही कई जगह पर प्रधान कहा जाता है। कुछ राज्यों में इन्हें मुखिया कहा जाता है। ये पूरे गांव के पहले व्यक्ति होते हैं और गांव के विकास की सारी जिम्मेदारी इन्हीं की होती है। ये ही गांव के विकास की रूपरेखा तैयार करते हैं और उसके हिसाब से गांव आगे बढ़ता है।

ये गांव के लोगों को जोड़कर आगे बढ़ते हैं। गांव के प्रतिनिधि सदस्यों से लगातार संपर्क में रहकर गांव में कैसे विकास किया जाए और कैसे सरकारी योजनाओं का लाभ गांव के हर व्यक्ति तक पहुंचे, इसकी पूरी कार्ययोजना तैयार करते हैं। up pradhan kya hota hai के तहत अब जानिए आज आपने क्या सीखा।

आज आप क्या सीखकर जा रहे हैं

दोस्तों, आज आपने जाना कि up pradhan kya hota hai यानी उप प्रधान क्या होता है। आपके मन में इसे लेकर जो भी सवाल है उसे नीचे कमेंट में पूछें। हमें जवाब देकर खुशी होगी। आपका सहयोग चाहिए , प्लीज हमारे वेबसाइट kyahotahai.com को गूगल पर जरूर सर्च करें। यहां आते रहने के लिए लव यू रहेगा…।

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