श्रावण के बाद कौन सा महीना आता है? भादो महीने का महत्व, भाद्रपद महीना कौन सा है? Sawan ke baad kya karna chahiye

Sawan ke baad kya karna chahiye: सावन का महीना 22 अगस्त को खत्म हो जाएगा। इसके बाद भाद्रपद यानी भादो महीने की शुरुआत 23 से हो जाएगी। पूरे एक महीने तक भगवान शिव के सावन के पूजन अर्चन के बाद अब अब लोग जानना चाहते हैं कि सावन के बाद क्या करें? सावन के बाद क्या करना चाहिए? सावन के बाद किसकी पूजा करें? इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि सावन के बाद आपको क्या करना चाहिए? भाद्रपद महीने में आप क्या-क्या कर सकते हैं? Sawan ke baad kya karna chahiye, भाद्रपद महीने में किस भगवान की पूजा होती है? भाद्रपद महीना कब आता है और इसका क्या महत्व है?

भगवान शिव का पवित्र सावन महीना 22 अगस्त को समाप्त हो रहा है। सावन के महीने में हर कोई लहसून और प्याज छोड़कर पूरी सात्विक ढंग से पूजा और व्रत करता है। भगवान शिव की अराधना के लिए लोग पूरे एक महीने तक मांस से भी दूर रहते हैं। लेकिन सावन खत्म होते ही लोग अचानक से फिर से मांस पर टूट पड़ते हैं। कई सारे लोग तो ऐसा करते हैं जैसे मानो किसी मजबूरी में एक महीने तक कैसे भी मांस से यानी चिकन और मटन से दूर रहे थे।

प्लीज ऐसा मत कीजिए। सावन के महीने के खत्म होने का इंतजार सिर्फ इसलिए मत करिए कि उसके खत्म होते ही आप तुरंत मांस खाना शुरू कर देंगे। अगर ऐसा है तो आप सावन में भी खाइए। यह मजबूरी से नहीं दिल से भक्ति का मामला है। अपने मन में आप मांस के लिए लालच करते रहिए और भगवान का ध्यान भी कीजिए यह गलत है। यह कभी मत मानिए कि सावन के महीने में किसी भी तरह से बस एक महीना गुजार दें और फिर तुरंत मांस पर टूट पड़ें। यह गलत सोच है और यह आपको संपूर्ण विनाश कर सकता है।

याद रखिए सावन के महीने के बाद भी आपको कम से कम एक महीने तक मांसाहार से दूर रहना है। यानी पूरा भाद्रपद तक मांस से दूर रहिए। अगर वास्तव में आप सात्विक तरीके से पूरे महीने सावन में भगवान शिव की अराधना किए हैं तो फिर अगले एक महीने तक आपको मांस से दूर रहना ही होगा। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो फिर आपको सावन के पूजा अर्चन का कोई लाभ नहीं मिलेगा।

ऐसे में यह सोचना कि सावन के बाद क्या करना चाहिए वह सिर्फ आपके मांस खाने की छूट नहीं देता है। यह नहीं कि चलिए भाई अब सावन खत्म हो गया अब चिकन दबाते हैं या फिर मटन का दावत उड़ाते हैं। अगर आप इतने ही तुच्छ भक्त हैं तो फिर अच्छा यह रहेगा कि आप भोले बाबा की पूजा मत कीजिए। आखिर आप यह क्यों सोच रहे हैं कि बस सावन खत्म हो और आप मांस पर टूट पड़ें। अरे कुछ दिन क्या और सब्र नहीं कर सकते हैं। इसलिए चलिए आपको बताते हैं कि सावन के बाद आपको क्या करना चाहिए। Sawan ke baad kya karna chahiye अब जान लीजिए।

सावन के बाद आपको क्या करना चाहिए । Sawan ke baad kya karna chahiye

  • सावन के बाद अब आपको भाद्रपद की तैयारी करनी चाहिए।
  • लहसून और प्याज जो आपने छोड़ा है उसे भादो के महीने में शुरू कर सकते हैं।
  • वैसे सावन के खत्म होने के अगले सोमवार तक लहसून और प्याज न खाएं तो अच्छा रहेगा।
  • सावन खत्म होने के बाद भादो का जो पहला सोमवार पड़े उसमें भगवान शिव की अराधना के बाद लहसून और प्याज शुरू करें।
  • अब सावन खत्म होते ही आपको मांस पर नहीं टूट पड़ना है बल्कि अच्छा रहेगा कि आप एक एक महीने और मांस से दूर रहें।
  • कहने का मतलब यह है कि अगर आपने सावन में सात्विक रहकर पूजा की है तो तुरंत आप मांस खाना शुरू ना करें बल्कि अगले एक महीने तक मांस से दूर रहें।
  • भादो भगवान कृष्ण का महीना है। ऐसे में आपको इस महीने में भी मांस से दूर रहना चाहिए।
  • अगर इस महीने में भी लहसून और प्याज छोड़ दें तो काफी लाभ होगा लेकिन कोई दबाव नहीं है।
  • भादो का यह महीना चतुर्मास का दूसरा महीना माना जाता है। ऐसे में इस महीने में आपको भगवान कृष्ण के साथ भगवान गणेश की भी पूजा करनी चाहिए।
  • जहां भगवान कृष्ण आपके दांपत्य जीवन को अच्छा बनाएंगे वहीं भगवान गणेश आपको बल बुद्धि,विवेक और समृद्धि देंगे।
  • भादो मास में रोजाना सुबह श्रीकृष्ण के लिए माखन का भोग लगाएं और उसमें तुलसी दल अर्पित करें तो आपकी हर मनोकामना पूरी होगी।
  • इस महीने में दान पुण्य का बहुत महत्व होता है।
  • इस महीने में गंगा स्नान का भी बहुत अधिक महत्व है।
Sawan ke baad kya karna chahiye

सावन के बाद क्या करें । Sawan ke baad kya karna chahiye

  • सावन के बाद भगवान कृष्ण की अराधना शुरू करें।
  • सावन के बाद भगवान गणेश की पूजा शुरू करें।
  • सावन में जो भी मनोकामना मांगे हैं उसे पूरा करने के लिए सावन के एक महीने बाद तक यानी भादो तक मांस और प्याज लहसून से दूर रहें।
  • सावन के बाद कहीं तीर्थयात्रा पर घूमने निकलें।
  • सावन के बाद अपने माता-पिता को कहीं किसी तीर्थ पर ले जाएं जैसे महाकाल का दर्शन कराने ले जाएं।
  • सावन के बाद एक बार गांव जरूर जाएं और गांव के देवी देवताओं का पूजन कराएं।
  • सावन के बाद गांव में भगवान कृष्ण और गणेश जी की पूजा कराएं।
  • किसी लग्न वाले काम के लिए कहीं बातचीत शुरू कर सकते हैं।
  • जैसे अगर आप अपनी बेटी की शादी तय करना चाहते हैं तो इस महीने यानी भादो महीने में बातचीत कर सकते हैं या फिर लड़का देखने जा सकते हैं।
  • सावन के महीने में आपने भगवान शिव की पूजा की है इसलिए सावन के बाद अब आपको किसी से भी झूठ नहीं बोलना है।
  • किसी को भी अपमानित नहीं करना है।
  • चोरी नहीं करनी है।
  • किसी के प्रति मन में द्वेष नहीं रखना है।

सावन के बाद क्या नहीं करना चाहिए । Sawan ke baad kya karna chahiye

  • सावन खत्म होते ही मांस पर टूट नहीं पड़ना चाहिए। यानी मटन और मछली या चिकेन खाना तुरंत नहीं शुरू करना चाहिए।
  • सावन खत्म होते ही झूठ बोलना नहीं शुरू करना चाहिए।
  • सावन खत्म होते ही भगवान भोले की पूजा नहीं बंद कर देनी चाहिए।
  • सावन खत्म होते ही तुरंत लहसून और प्याज खाना नहीं शुरू करना चाहिए।
  • सावन के बाद धार्मिक पूजा पाठ बंद नहीं करना चाहिए।
  • सावन के बाद किसी को भी दुख नहीं देना चाहिए।
  • सावन के बाद भादो के महीने में शहद और दही भात नहीं खाना चाहिए।
  • मूली और बैंगन भी भूलकर नहीं खाना चाहिए।
  • झूठ बोलना या किसी को धोखा नहीं देना चाहिए।

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सावन के बाद कौन सा महीना आता है । Sawan ke baad kya karna chahiye

सावन के बाद भाद्रपद यानी भादो का महीना आता है। इसे चतुर्मास का दूसरा महीना भी कहते हैं। यह सावन के तुरंत बाद पड़ता है। इस महीने में भी पूरे सृष्टि के नायक भगवान शिव ही होते हैं। भगवान विष्णु इस समय बैकुंठ में सोने के लिए चार महीने के लिए चले जाते हैं और भगवान शिव को सारी जिम्मेदारी दे देते हैं। भाद्रपद में भगवान कृष्ण और भगवान गणेश की विशेष अराधना करनी चाहिए।

भादो महीने में कौन-कौन से त्योहार आते हैं । Sawan ke baad kya karna chahiye

  • श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
  • गणेशोत्सव
  • ऋषि पंचमी
  • अनंत चतुर्दशी
  • पिठौरी अमावस्या
  • हरतालिका तीज
  • भादो मास शुक्ल पक्ष एकादशी
  • गोवत्स द्वादशी
  • देवझूलन एकादशी

भादो महीने का महत्व । Sawan ke baad kya karna chahiye

  • इस महीने में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी और गणेशोत्सव दोनों पड़ते हैं। ऐसे में भगवान कृष्ण और भगवान गणेश दोनो का आशीर्वाद मिलता है।
  • इस महीने में ऋषि पंचमी होने से इसे सबसे अच्छा महीना भी मानते हैं।
  • देवझूलन एकादशी होने के कारण सभी देवताओं का प्रताप इस महीने में आपको मिल जाता है।
  • गोवत्स द्वादशी होने के कारण गौ माता का आशीर्वाद भी आपको मिलता है।
  • इस महीने में भगवान कृष्ण की अराधना करने से आपका हर कष्ट दूर हो जाता है।
  • संतान सुख की मनोकामना के लिए भी इस महीने भगवान कृष्ण का व्रत करना चाहिए।
  • संतान गोपाल का पाठ अगर आप करा दें तो घर में बेटे का जन्म होना तय है।
  • भगवान गणेश की पूजा कर देंगे तो फिर आपके घर धन धान्य आ जाएगा।

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