December 22, 2024
prithvi ke tukde tukde ho jane par kya hoga

यदि पृथ्वी नहीं घूमती तो क्या होता? इस धरती के नीचे क्या है? prithvi ke tukde tukde ho jane par kya hoga 2022, पृथ्वी 1 सेकंड में कितना घूमती है

prithvi ke tukde tukde ho jane par kya hoga 2022: आकाश और पृथ्वी के रहस्यों के बारे में कभी-कभी सोचने बैठिए तो जी चकरा जाता है। मन में कई सारे सवाल आते हैं। कुछ सवाल ऐसे होते हैं जो बहुत वाजिब भी हैं। ऐसे ही कुछ सवाल हैं जैसे- अगर पृथ्वी के टुकड़े-टुकड़े हो जाएं तो क्या होगा? धरती कब दो टुकड़ों में बंटेगी? धरती पर प्रलय कब होगा? कई बार कुछ वैज्ञानिक इसका डर दिखा चुके हैं। ऐसे में हम बहुत रिसर्च करने के बाद इसका जवाब आपके लिए लेकर आए हैं। और कहीं भी इसका सही जवाब नहीं मिलेगा। तो इस आर्टिकल को अंत तक पढ़िएगा और शेयर जरूर करिएगा। तो चलिए शुरू करते हैं….

दोस्तों, आप सभी जानते हैं कि धरती की उत्पत्ति भी अचानक से नहीं हुई है और ना ही वह कोई ठोस पदार्थ है। वह भी कई सारे टुकड़े टुकड़े बंटे हुए छोटे-छोटे कणों से ही मिलकर बनी है। करोड़़ों वर्षों के प्रोसेस के बाद धरती बनी है। अगर आपको नहीं पता कि धरती कैसे बनी है तो चलिए पहले इस आर्टिकल में हम आपको यही बता देते हैं कि धरती बनी कैसे। इससे आप समझ जाएंगे कि धरती में भी विस्फोट हो सकता है और वह भी कई टुकड़ों में बंट सकती है।

तो चलिए सबसे पहले इस आर्टिकल में जान लेते हैं कि धरती कैसे बनी। उसके बाद यह जानते हैं कि अगर धरती के टुकड़े हो गए तो फिर क्या होगा। क्या वह सारे टुकड़े सूर्य का चक्कर लगाएंगे या फिर पूरा ब्रह्मांड खत्म हो जाएगा। इन सभी सवालों के जवाब आपको इस आर्टिकल में मिल जाएंगे। पहले जानते हैं कि धरती कैसे बनी?

धरती कैसे बनी । prithvi ke tukde tukde ho jane par kya hoga 2022

धरती कैसे बनी इसे जानने के लिए हमें यह भी जानना होगा कि सूर्य कैसे बने और चंद्रमा कैसे बने। क्योंकि इनके अस्तित्व के साथ ही धरती का अस्तित्व है। आपको यह जानकार हैरानी होगी कि करीब 13.8 अरब साल पहले अन्तरिक्ष में कई गैसों के मिश्रण से एक बहुत ही जोरदार धमाका हुआ था। इसी धमाके से एक बहुत ही बड़ा आग का गोला बना था जिसे हम सभी सूर्य के नाम से जानते हैं।

इसी धमाके के बाद इसके चारों ओर धूल के कण फैले। उसके बाद गुरुत्वाकर्षण की शक्ति के कारण ये धूल के कण छोटे-छोटे पत्थर के टुकड़ों में बदले। बाद में धीरे-धीरे ये टुकड़े गुरुत्वाकर्षण की शक्ति के कारण आपस में टकराकर एक दूसरे के साथ जुड़ गए। और तब हमारे सौर मंडल का अस्तित्व साने आया।

इसके बाद करोड़ों वर्षों तक गुरुत्वाकर्षण शक्ति ऐसे पत्थरों और चट्टानों को धरती बनाने के लिए आपस में एक दूसरे को जोड़ती रही। इन चट्टानों के आपस में टकराने के कारण धरती शुरू में एक आग के गोले के रूप में थी। आप सहज अंदाजा लगाइए कि शुरू में धरती का तापमान करीब 1200 डिग्री सेल्सियस था। यह भी एक आग का गोला ही था।

prithvi ke tukde tukde ho jane par kya hoga

चांद कैसे बना । prithvi ke tukde tukde ho jane par kya hoga 2022

बताया जाता है कि इसी बीच एक नया ग्रह जिसका नाम थिया था वह धरती की तरफ बढ़ने लगा। जब यह धरती की सतह से टकराया तो एक बहुत बड़ा धमाका हुआ। इस धमाके में कई ट्रिलियन कचड़ा धरती से बाहर निकल गया और वह ग्रह धरती में ही विलीन हो गया।

यही जो टुकड़े निकले थे वही गुरुत्वाकर्षण के कारण से धरती के चारों तरफ इकट्ठा होने लगे। इन्हीं टुकड़ों के चक्कर से एक गेंद जैसी चीज का निर्माण हो गया। इसे ही हम आज चांद के नाम से जानते हैं। सोचिए कि उस समय ये चांद धरती से सिर्फ 20 हजार किमी ही दूर था। हालांकि अब इसकी दूरी 4 लाख किमी से अधिक हो गया है।

धरती ठंडी कैसे हुई और कैसे बनी कठोर सतह । prithvi ke tukde tukde ho jane par kya hoga 2022

इस बीच धीरे-धीरे धरती का निर्माण चलता रहा। पृथ्वी पर अंतरिक्ष में जो चट्टान बच गए थे उनका हमला भी अब होने लगा। धऱती पर गिरने वाले इन्हीं उल्का पिंडों में भी एक क्रिस्टल भी था जिसे बाद में नमक के नाम से वैज्ञानिकों ने हमें परिचित कराया। कहते हैं कि करीब 20 मिलियन साल तक ये उल्का धरती पर गिरते रहे और इससे खारे पानी के समंदर का निर्माण हुआ जिसमें ये नमक पाए गए।

अब धरती पर पानी इकट्ठा होने लगा तो इसका सतह ठंडा होने लगा। इस कारण जो तप रही चट्टानें थीं वे ठंडा होने के साथ ही सख्त हो गईं। लेकिन जो लावा धरती के अंदर चला गया वह वैसे ही तपता रहा और आज भी होने वाले ज्वालामुखी विस्फोट उसी वजह से होते हैं। यानी नीचे धरती आज भी आग का गोला ही है।

धरती पर कैसे शुरू हुआ जीवन । prithvi ke tukde tukde ho jane par kya hoga 2022

लेकिन अभी यह धरती जीवन के योग्य नहीं बनी थी। क्योंकि एक तरफ लावा बह रहे थे और नए-नए द्वीपों का निर्माण हो रहा था। दूसरी तरफ चंद्रमा इतना नजदीक था कि उसके द्वारा लगने वाले गुरुत्वाकर्षण से धरती पर लगातार तूफान आते और धरती हिलने डुलने लगती थी। लेकिन धीरे-धीरे चांद धरती से दूर और बहुत दूर चला गया। इससे धरती पर तूफान आने बंद हुए और वह शांत होती गई। पानी की लहरें भी अब शांत हो गईं।

लेकिन लावा अब भी विनाशकारी रूप में था। लेकिन इस बीच धरती पर उल्का पिंडों की भी बारिश अंतरिक्ष से जारी थी। तो धरती पर इस समय नमक, पानी और उल्काओं की बारिश तीन चीजें हो रही थीं. उल्का अपने साथ कुछ ऐसे खनिज ला रहे थे जिनसे जीवन यहां संभव हो सकता था। ये खनिज थे कार्बन और एमिनो एसिड। आपको बता दें कि ये पौधे और जीव जंतुओं में पाए जाते हैं।

यही उल्का धीरे-धीरे पानी से होते हुए धरती में नीचे चले जाने लगे, जहां सूरज की रोशनी इन तक नहीं पहुंच सकती थी। यही उल्कापिंड अब ठंडे होत गए और जमते गए। कहते हैं कि इसी ने एक चिमनी का रूप लिया और इन ज्वालामुखी में बनी दरारों से जो पानी अंदर गया उससे पानी का एक केमिकल सूप जैसा कुछ बन गया। इन्हीं केमिकलों में रिएक्शन हुआ और फिर धरती पर माइक्रोस्कोपिक जीवन की शुरुआत हुई।

तो यह जानकारी थी कि धरती कैसे बनी और यहां पर जीवन की उत्पत्ति कैसे हुई अब चलिए जानते है कि अगर धरती टुकड़े टुकड़े में बंट जाए तो क्या होगा।

पृथ्वी के टुकड़े-टुकड़े हो जाने पर क्या होगा । prithvi ke tukde tukde ho jane par kya hoga 2022

दोस्तों, अब जानते ही हैं कि धरती खुद टुकड़ों से मिलकर बनी है ऐसे में संभव है कि कभी ऐसा हो कि ये टुकड़े कई और टुकड़े में बदल जाएं। हालांकि यह कब होगा और कैसे होगा इसके बारे में कोई कुछ भी नहीं बता सकता लेकिन यह हो सकता है, इसमें कोई संशय नहीं है। ऐसा हुआ तो फिर महाविनाश होगा। ब्रह्मांड कांप जाएगा। ऐसी विनाशलीला होगी कि उसके बारे में सोचकर भी आपकी रुह कांप जाएगी।

इतना जान लीजिए कि अगर आपको यह लगता है कि इसके टुकड़े होने पर पूरे धरती का अस्तित्व खत्म हो जाएगा तो आप गलत सोच रहे हैं। ऐसा कभी नहीं हो सकता। प्रलय आना अलग बात है लेकिन पूरे धरती ग्रह का टुकड़ों में बदल जाने के बाद अस्तित्तव खत्म हो जाना एक दूसरी बात है।

अगर पृथ्वी के टुकड़े हुए तो जितने भी टुकड़े होंगे वे गुरुत्वाकर्षण की शक्तियों के कारण अपना अलग-अलग अस्तित्व बना लेंगे और फिर वे भी सूर्य का चक्कर लगाएं जैसे अभी धरती लगा रही है। लेकिन ऐसा नहीं होगा कि वे गिर जाएंगे या कहीं खत्म हो जाएंगे।

इस तरह से संभव है कि कई सारे पृथ्वी हो जाएं, जिनके अलग-अलग नाम हो जाएं। उन्हें वैज्ञानिक कुछ और नाम दे दें। या फिर उनकी इस परिघटना के बाद उनका आकार बदल जाए लेकिन रहेंगे ये सभी इसी सौरमंडल में। ये अपने गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण खुद अपनी एक धूरी बना लेंगे और चक्कर लगाना शुरू कर देंगे।

ऐसे में आपको यह सोचना कि धरती के टुकड़े होते ही उसका अस्तित्व खत्म हो जाएगा ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। ऐसा होता तब तो कई बार तमाम तरह के विस्फोट हुए हैं लेकिन उन विस्फोटों ने सब कुछ खत्म नहीं किया है बल्कि अलग-अलग ग्रहों को जन्म दिया है। खुद धरती और चांद इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं।

उम्मीद है कि आप समझ गए होंगे कि धऱती का टुकड़ो में बदलना संभव है लेकिन उसका अस्तित्व खत्म हो जाए यह संभव नहीं है। अब हम आगे बताएंगे कि प्रलय में क्या होता है और प्रलय कब आएगा।

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