खुला मतदान क्या होता है, Postal Ballot kya hai, बैलेट पेपर क्या होता है
दोस्तों, आज हम फिर से आपके लिए बहुत ही रोचक जानकारी लेकर आए हैं, Postal Ballot kya hai या फिर dak matdan ki prakriya. अपने देश में दो तरह से चुनाव होता है एक ईवीएम के जरिए और दूसरा पोस्टल बैलेट के जरिए। ईवीएम के बारे में तो सभी जानते हैं लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि डाक मतदान क्या होता है? dak matdan ki prakriya क्या है या फिर खुला मतदान क्या होता है? तो आज इस आर्टिकल में आपको इस बारे में पूरी जानकारी हम देने जा रहे हैं। अंत तक पढ़िएगा और शेयर जरूर करिएगा। लव यू…।
जैसा कि आप सब जानते है कि हमारा भारत देश लोकतांत्रिक गणराज्य है। हमारे देश में जनता उसकी पसंद का नेता चुनने का पूर्ण अधिकार है ।इसके लिए देश में मतदान प्रणाली की व्यवस्था की गई है।जिसके द्वारा जनता मतदान करके अपना नेता चुन सके।किन्तु यहां सोचने की बात यह है कि जो व्यक्ति अपने मतदान क्षेत्र से दूर किसी अन्य क्षेत्र में है तो वो किस प्रकार मतदान करेगा? इस समस्या का भी हाल है और वो है डाक मतदान।
तो चलिए सबसे पहले जान लेते हैं कि डाक मतदान क्या होता है | Postal Ballot kya hai
डाक मतदान क्या होता है | Postal Ballot kya hai
जैसा आप सब जानते हैं कि वोट करना हमारा अधिकार है। किन्तु कुछ लोग जो अपने मतदान क्षेत्र से दूर अन्य क्षेत्र में है ,जैसे सैनिक जो अपने घरों से दूर अन्य क्षेत्र में है, चुनाव ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों और देश के बाहर कार्यरत सरकारी अधिकारी चुनाव में मतदान नी कर पाते है।
इस समस्या के समाधान के लिए चुनाव आयोग ने चुनाव नियमावली ,1961 के नियम 23 में संशोधन करके इन सभी लोगों को चुनाव में मतदान करने के लिए डाक मतदान की व्यवस्था की है। डाक मतदान का प्रयोग करने का अधिकार बुजुर्ग और दिव्यांग को भी है। आज डाक मतदान के ही कारण हर चुनाव में ज्यादा से ज्यादा मतदान हो रहा है ।अर्थात कोई भी वोटर छूट नी रहा। Postal Ballot kya hai के तहत अब जानिए कि इसकी शुरुआत कब हुई।
कब से हुई डाक मतदान की शुरुआत?
डाक मतदान की शुरुआत सर्वप्रथम 1877 में पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया हुई थी और इसका उपयोग इटली , जर्मनी, स्पेन ,स्विट्ज़रलैंड और united kingdom जैसी कई देशों में होता है।बशर्ते हर देश में इसके नाम जरूर अलग अलग होते है।
भारत में इसकी शुरुआत 21 अक्टूबर 2016 में हुई । भारतीय चुनाव आयोग ने चुनाव नियमावली ,1961 के नियम 23 में संशोधन करके डाक मतदान कि व्यवस्था की । वोटों की गणना करते समय सबसे पहले postal ballet की गिनती शुरू होती है। Postal Ballot kya hai के तहत अब जानिए कि इसका इस्तेमाल कौन नहीं कर सकता है।
डाक मतदान का इस्तेमाल कौन कर सकता है?
डाक मतदान उन लोगों के लिए है जो अपने राष्ट्र से दूर है अथवा बीमार या कमजोर है। इन लोगों का विवरण इस प्रकार है_
1- सैनिक
2- चुनाव ड्यूटी में तैनात कर्मचारी
3- प्रिवेंटिव डिटेंशन में रहने वाले लोग
4- देश से बाहर कार्यरत अधिकारी
5- 80 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति
6- दिव्यांग व्यक्ति
Postal ballet का इस्तेमाल कौन नहीं कर सकता?
Postal ballet का इस्तेमाल कैदियों द्वारा नहीं किया जा सकता । डाक मतदान वो लोग भी नहीं कर सकते जिसने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। Postal Ballot kya hai के तहत अब जानिए कि इसकी प्रक्रिया क्या है।
क्या है प्रक्रिया | dak matdan ki prakriya
चुनाव आयोग पहले से ही हर चुनावी क्षेत्र में डाक मतदान करने वालों की संख्या निर्धारित कर देता है। इस प्रक्रिया में सर्वप्रथम खाली डाक मतपत्र इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से मतदाता तक पहुंचाया जाता है।
यदि किसी कारणवश इलेक्ट्रॉनिक तरीका कार्य नहीं कर पाता तो डाक सेवा के द्वारा मतपत्र मतदाता तक पहुंचाया जाता है। यदि किसी वजह से मतदाता इस मतपत्र का प्रयोग नहीं कर पाता तो यह मतपत्र लौट आया है। Postal Ballot kya hai के तहत अब जानिए कि भारत में डाक मतदान का इतिहास क्या है।
भारत में डाक मतदान
भारत में पोस्टल वोटिंग केवल भारत के चुनाव आयोग के electronicali ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट पेपर ( ईटीपीबी) सिस्टम के माध्यम से। किजती है,जहां मतपत्र केवल उन्हीं मतदाताओं को वितरित किए जाते है,जिनका रजिस्ट्रेशन हो चुका होता है और वे डाक द्वारा वोट लौटाते है। जब वोटों कि गिनती आरंभ होती है तो सबसे पहले डाक मतों को ही गिनती की जाती है। Postal Ballot kya hai के तहत अब कुछ तथ्य और जान लीजिए।
कुछ प्रमुख तथ्य
- फिनलैंड ने 2019 में स्थाई रूप से विदेश में रहने वाले पात्र मतदाताओं के लिए डाक मतदान की शुरुआत की।
- जर्मनी में डाक मतदान आम है, 2017 के आम चुनाव में 29% मतदाताओं ने डाक द्वारा मतदान किया।
- आस्ट्रिया ने 2007 में आस्ट्रिया के संविधान के अनुच्छेद 26 में संशोधन करके डाक मतदान को सक्षम किया।
(दोस्तों, उम्मीद है कि आपको Postal Ballot kya hai, के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। अगर आपके मन में कोई सवाल है या किसी अन्य टॉपिक पर पढ़ना चाहते हैं तो तुरंत कमेंट में बताएं, हम उसका जवाब देने की कोशिश करेंगे। आपके सहयोग से ही हमें आगे बढ़ना है। इसलिए आप kyahotahai.com को गूगल पर सर्च करते रहिए और अपने पसंद का आर्टिकल पढ़ते रहिए। लव यू रहेगा।