November 21, 2024

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दोस्तों, आजकल हिंदुत्व और हिंदू राष्ट्रवाद को लेकर खूब चर्चा है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने अखंड भारत की संकल्पना रखी है। इस बीच कुछ लोगों के सवाल यह भी सामने आ रहे हैं कि क्या भारत हिंदू राष्ट्र बन सकता है। इन सब बिंदुओं पर हम इस आर्टिकल में विस्तार से बात करेंगे। यहां बात होगी कि आखिर हिंदू राष्ट्रवाद क्या है? हिंदू राष्ट्रवाद और राष्ट्रवाद में क्या फर्क है? भारत हिंदू राष्ट्र है या नहीं और अगर नहीं है तो कैसे बन सकता है। तो चलिए इन सारे बिेंदुओं पर विस्तार से बात करते हैं।

चलिए समझते हैं कि राष्ट्रवाद क्या है? rashtravad kya hai in hindi

दोस्तों, मैं चलताऊ परिभाषा नहीं दूंगा कि राष्ट्रवाद ये है। मैं किसी को उद्धृत भी नहीं करूंगा। मैं कोई कोट नहीं दूंगा और इतिहास नहीं खंगालूंगा। क्योंकि हम और आप जिस समाज में रह रहे हैं, वहां के अनुरूप ही राष्ट्रवाद की परिभाषा को समझना होगा और उसी उदाहरण से समझाना होगा। तो सिंपल है दोस्तों अगर आप अपने राष्ट्र को यानी देश को समझते हैं। अपने लोगों का सम्मान करते हैं। देश को आगे ले जाने के लिए अपना योगदान देते हैंं। आप मानवतावादी हैं। आप सबको साथ लेकर आगे चलने की चाहत रखते हैं तो फिर आप राष्ट्रवाद को अच्छी तरह से समझ रहे हैं। राष्ट्रवाद की कोई भारी भरकम परिभाषा नहीं होती है। यह कोई वाद नहीं है। यह हमारे भीतर का देश के प्रति प्रेम है। अपने लोगों के प्रति प्रेम है। यही सही रूप में राष्ट्रवाद है। ऐसे तो आपको इस विषय पर तमाम लेख मिल जाएंगे लेकिन लेख को रटने की जगह, परिभाषाओं में उलझने की जगह प्रैक्टिकल होकर दिल खोलकर अपने देश के प्रति सम्मान प्रकट कीजिए, राष्ट्रवाद और कुछ नहीं है।

भारत में राष्ट्रवाद। bharat me rashtravad ke bare me bataye

दोस्तों, राष्ट्रवाद ऐसा कोई चीज नहीं है जो अचानक से आया हो। समाज और लोगों के रहन- सहन, आपसी एकता और सद्भाव ही राष्ट्रवाद की परिणति है। फिर भी यह माना जाता है कि अंग्रेजों के शासन के दौरान जुल्म को खत्म करने के दौरान जब देश के लोग इकट्ठा हुए और उस दौर में सभी एकता के सूत्र में बंधते हुए कंधे से कंधा मिलाकर ब्रिटिश से लोहा लिए तो वहां से आधुनिक राष्ट्रवाद की शुरुआत भारत में हुई। अपने देश के प्रति लोगों का जज्बा और प्रेम ही था, वह राष्ट्रवाद ही था जिसके दम पर हम आजाद हुए। और वे क्रांतिकारी राष्ट्रवादी कहे जाएंगे, जिन्होंने देश को आजाद कराने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।

हिंदू राष्ट्रवाद क्या है? hindu rashtawad kya hai hindi me

विकीपीडिया में कहा गया है कि हिंदू जो राष्ट्र के लिए समर्पित है, उसे हिंदू रााष्ट्रवाद कह सकते हैं। हालांकि यह एक छोटी सी परिभाषा हो गई। निश्चित रूप से हिंदू राष्ट्रवाद कोई अलग से भारी भरकम शब्द नहीं है। बल्कि इस देश के लोगों का अपने देश के प्रति प्रेम को ही प्रकट करने का एक शब्द है। देश के भीतर रह रहे हिंदुओं की देश के प्रति आस्था और प्रेम को ही हिंदू राष्ट्रवाद का आप नाम दे सकते हैं।


विकीपीडिया में एक जगह उल्लेख है-
1923 में हिन्दू राष्ट्रवादी विनायक दामोदर सावरकर द्वारा लोकप्रिय की गई अवधारणा हिन्दुत्व, भारत में हिन्दू राष्ट्रवाद का मुख्य रूप है।
यहां पढ़ें

राष्ट्रवाद और हिंदू राष्ट्रवाद में क्या अंतर है? rashtrawad aur hindu rashtrawad me kya antar hai

दोस्तों, ये टर्म तो सिर्फ माहौल बनाने के लिए यूज किए जाते रहे हैं या फिर कुछ लोग अपना हित साधने के लिए। इसमें अगर सही से देखा जाए तो कोई अंतर नहीं है। जो हिंदू राष्ट्रवादी है उसका राष्ट्रवाद अलग और किसी अन्य धर्म के लोगों का अलग ऐसा कुछ नहीं होता है। राष्ट्रवाद सबके लिए एक ही होता है। देश से प्रेम करने वालों की अवधारणा ही राष्ट्रवाद है। इसे आप हिंदू राष्ट्रवाद के साथ जोड़ें या फिर किसी अन्य राष्ट्रवाद के साथ। एक तरह से कहें तो हिंदू राष्ट्रवाद टर्म एक तरह से दुष्प्रचार भी है क्योंकि अपने देश के लोगों का एक ही टर्म हो सकता है और वह है भारतीय राष्ट्रवाद। क्योंकि अपने देश में हर तरह के धर्म के लोग रहते हैं और हर धर्म के लोग जो देश के प्रति निष्ठा रखते हैं, उनके राष्ट्रवाद को हम भारतीय राष्ट्रवादग ही कहेंगे। तो आगे से कोई आपको इन दो टर्म पर बांटने की कोशिश करे तो उसके बहकावे में मत आइए। उसे सीधे कहिए कि हमारा राष्ट्रवाद वही है जो हमारे देश के लोगों के हित के लिए है। फिर हमें किसी धर्म विशेष के राष्ट्रवाद में मत बांधिए। हम इन चीजों से ऊपर हैं और एक वाद पर विश्वास करते हैं भारतीय राष्ट्रवाद।

हिंदू राष्ट्रवाद और मुस्लिम राष्ट्रवाद में क्या अंतर है?

दोस्तों, हम फिर कह रहे हैं कि यह एक गढ़ा हुआ शब्द है। ऐसा कुछ भी नहीं है कि धर्म के आधार पर राष्ट्रवाद अलग-अलग होगा। जैसा राष्ट्रवाद हिंदूओं का होता है वैसा ही राष्ट्रवाद मुस्लिम लोगों का होता है। यानी राष्ट्रवाद के स्तर पर दोनों शब्द में कोई अंतर नहीं है। हिंदू राष्ट्रवाद और मुस्लिम राष्ट्रवाद एक ही है। अपने देश के प्रति सम्मान, ईमानदारी से लोगों को साथ लेकर चलने की शक्ति ही राष्ट्रवाद है फिर चाहें वह हिंदू राष्ट्रवाद हो या फिर मुस्लिम राष्ट्रवाद। मुस्लिम लोगों की एकता, अपने देश के प्रति सम्माान को प्रकट करना जिस तरह से मुस्लिम राष्ट्रवाद है उसी तरह से हिंदू एकता और अपने देश के प्रति सम्मान प्रकट करना हिंदू राष्ट्रवाद है।

हिंदू राष्ट्रवाद और आरएसएस। hindu rashtravad aur rss mein antar

हिंदू राष्ट्रवाद को कुछ लोग हिंदूवादी संगठन आरएसएस से जोड़कर देखते हैं। ऐसा नहीं है। यह सिर्फ आरएसएस तक ही सीमित नहीं है। देश का हर हिंदू जो देश प्रेम की भावना से ओतप्रोत है, वह हिंदू राष्ट्रवाद का अलख जगाने वाला है। आरएसएस चूंकि हिंदू राष्ट्रवाद की विचारधारा को फॉलो करता है इसलिए ऐसा लोग जोड़ देते हैं कि हिंदू राष्ट्रवाद मतलब आरएसएस की विचारधारा जो कि सही नहीं है। इसके विस्तृत स्वरूप को समझने की जरूरत है।

अति राष्ट्रवाद क्या है? ati rashtrawad kya hai

दोस्तों, आजकल हर चीज की अति हो रही है। लेकिन कहा गया है कि अति किसी भी चीज का अच्छा नहीं होता है। तो फिर राष्ट्रवाद की अति कैसे अच्छी हो सकती है। इसका मतलब यह हुआ कि जब भी किसी चीज में कट्टरता घुल जाए तो फिर वह अति का रूप ले लेती है। उदाहरण के लिए आजकल कई मौकों पर आपने देखा होगा कि अति राष्ट्रवाद के चलते हिंसक घटनाएं हो जाती हैं। ऐसा इसलिए कि उसमें अति हो गई। देश से प्रेम कीजिए लेकिन अति मत कीजिए। राष्ट्रवादी बनिए लेकिन अति राष्ट्रवादी बनकर दूसरों के लिए और खुद के लिए मुश्किल मत खड़ी करिए।


राष्ट्रवाद के बारे में विस्तार से पढ़ना है तो आप एनसीआईआरटी के इस पीडीएफ को पढ़ सकते हैं-
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