प्रश्नकाल की कब हुई शुरुआत? कितने तरह के हो सकते है प्रश्न? संसदीय प्रक्रिया में प्रश्नकाल क्या है? prashnakal kya hota hai
prashnakal kya hota hai: दोस्तों, आज आपके लिए नई जानकारी लेकर आए हैं। प्रश्नकाल क्या होता है? प्रश्न काल किसे कहते हैं? प्रश्नकाल में कितने प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं? इस आर्टिकल में आपको इन सारे सवालों का जवाब हम देने जा रहे हैं। तो अंत तक इसे पढ़िएगा और इस जरूरी जानकारी को शेयर जरूर करिएगा। तो चलिए दोस्तों शुरू करते हैं फटाफट। prashnakal kya hota hai सबसे पहले इसे ही जान लेते हैं।
क्या होता है प्रश्नकाल?
अपने देश में प्रश्नकाल का बहुत महत्व है। अपने देश में लोकसभा, राज्यसभा और विधानमंडल की जब भी बैठक होती है तो प्रत्येक बैठक का पहला घंटा प्रश्नकाल कहलाता है। इसे प्रश्नकाल इसलिए कहा जाता है क्यूंकि इसमें प्रश्न पूछे जाते है। प्रश्नकाल एक तरह से टाइम सेगमेंट है, जिसमें सरकार के मंत्रियों से सांसद द्वारा प्रश्न किया जाता है और उन्हें जवाब देना होता है । prashnakal kya hota hai के तहत अब जानिए इसकी शुरुआत कब हुई।
कब हुई शुरुआत?
प्रश्नकाल की शुरुआत सबसे पहले इंग्लैंड में 1721 में हुई । इंग्लैंड से ही प्रभावित होकर भारत ने भी इस पद्धति को अपनाया है। भारत में इसकी शुरुआत “भारतीय परिषद अधिनियम,1892” से माना जाता है। स्वतंत्रता से पूर्व ब्रिटिश शासनकाल में भारत में प्रश्न पूछने पर अनेकों प्रकार की पाबंदियां लगी हुई थीं ,जो स्वतंत्रता के पश्चात समाप्त हो गईं। अब तो खूब प्रश्न पूछे जाते हैं। prashnakal kya hota hai के तहत अब जानिए कि इसकी प्रक्रिया क्या है।
प्रश्नकाल की प्रक्रिया हिंदी में
इस प्रक्रिया में कुछ सामान्य सी शर्तें रखी गई, जैसे कि ऐसे प्रश्न ना पूछे जाए जिससे किसी के चरित्र का हनन हो ,किसी पर भी किसी प्रकार का दोषारोपण ना किया जाए या फिर किसी भी प्रकार की मानहानि ना हो। संसद में पहले से ही यह निर्धारित कर दिया गया है कि सदस्य किस प्रकार के प्रश्न पूछ सकते है?
इसमें प्रश्न की शब्द सीमा 150 होती है।सवाल सटीक होने चाहिए ना की कॉमन।सभी प्रश्न भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र से जुड़े होने चाहिए ना कि गोपनीय मामलों या कोर्ट में चल रहे मामलों से। इस प्रक्रिया में दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारी ही अंतिम फैसला देता है कि किसी सदस्य का सवाल सरकार के समक्ष रखा जाना है अथवा नहीं।
दोनों सदनों में प्रश्नकाल सत्र के हर दिन रखा जाता है। केवल सत्र का दो दिन ऐसा होता है जब प्रश्नकाल नहीं होता है- एक, जब राष्ट्रपति दोनों सदनों के सांसदों को संबोधित करते है और दूसरा, जब वित्तमंत्री बजट पेश करते है । अब तक लगभग 15000 सवाल सरकार से पूछे जा चुके है। prashnakal kya hota hai के तहत अब जानिए कि यह कितने प्रकार के सवाल इसमें होते हैं।
कितने प्रकार के हो सकते है सवाल?
प्रश्नकाल में प्रश्न तीन तरह के होते है_
1 _ तारांकित प्रश्न
2_अतारांकित प्रश्न
3_ अल्पसूचना प्रश्न
तारांकित प्रश्न
ये ऐसे प्रश्न होते है जिसका सदस्य सदन में मौखिक जवाब चाहता है और जिस पर स्टार लगा होता है।
अतारांकीत प्रश्न
ये ऐसे प्रश्न होते है जिसका सदस्य सदन में मौखिक नहीं बल्कि लिखित जवाब चाहता है ।इस प्रकार के प्रश्न पर पूरक प्रश्न नहीं पूछे जा सकते है।
अल्प सूचना प्रश्न
उपरोक्त दोनों प्रकार के प्रश्न का जवाब पाने के लिए सदस्य को 10 दिन पहले सूचना देनी पड़ती है। लेकिन अल्प सूचना प्रश्न इससे कम समय की सूचना पर भी पूछा जा सकता है।इस संबंध में लोकसभा की प्रक्रिया तथा कार्यसंचालन संबंधी नियम 54 में व्यवस्था की गई है। prashnakal kya hota hai के तहत अब जानिए कि कितने प्रश्न पूछे जाते हैं।
प्रश्नकाल में कितने प्रश्न पूछे जाते है?
एक दिन में केवल 20 प्रश्न को सूचीबद्ध किया जा सकता है। prashnakal kya hota hai के तहत अब जानिए कि संसदीय प्रक्रिया में इसका क्या महत्व है।
संसदीय प्रक्रिया में प्रश्नकाल क्या है?
संसद के दोनों सदनों में यह प्रक्रिया प्रत्येक दिन बैठक के प्रारंभ के एक घंटे तक 11 से 12 बजे तक होती है।इस दौरान सदस्य 10 दिन पहले लिखित रूप से सूचित किए प्रश्न को पूछती है। जिसका जवाब संबंधित विभाग का मंत्री या जिम्मेदार अधिकारी देता है।
संसद में प्रश्नकाल का महत्व
इस प्रक्रिया के जरिए सरकार राष्ट्र के हालात को तुरन्त जान लेती है और अपनी नीतियों और कृत्यों की उसके अनुरूप ढाल लेती है।इन्हीं प्रश्नों के माध्यम से ही सरकार लोगों से संपर्क बना पाती है ।क्योंकि इसी के माध्यम से ही सदस्य प्रशासन से related matters में लोगों की problems को प्रस्तुत कर पाते है। prashnakal kya hota hai के तहत अब जानिए कि वर्तमान में इसके लिए कितना समय दिया जाता है।
वर्तमान में प्रश्नकाल का समय
प्रश्नकाल एक तरह का टाइम सिगमेंट है, जिसमें दोनों सदनों के सदस्य सरकार के मंत्रियों से सवाल पूछ सकते है।यदि लोकसभा की बात की जाए तो प्रत्येक दिन के प्रत्येक बैठक के प्रारंभ के एक घंटे ( 11 से12 ) का समय प्रश्नकाल का समय होता है।
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आज आप क्या सीखकर जा रहे हैं
दोस्तों, आज आपने सीखा कि प्रश्नकाल क्या होता है? प्रश्नकाल किसे कहते हैं? प्रश्नकाल के दौरान कैसे सवाल और कितने सवाल पूछे जाते हैं? अगर अब भी आपके मन में इससे जुड़ा कोई सवाल है या किसी अन्य सब्जेक्ट पर आप कुछ नया पढ़ना चाहते हैं तो हमें कमेंट करके बताएं। हमें आपकी सहायता करके खुशी होगी। आपके सहयोग से ही हमें आगे बढ़ना है इसलिए हमारी वेबसाइट kyahotahai.com को गूगल में सर्च करके अपने पसंद का आर्टिकल पढ़ते रहिए। लव यू रहेगा यहां आने के लिए…