मणिशंकर मुरासिंह कौन है, Manishankar Murasingh biography in hindi (उम्र, जाति, धर्म, स्थान, क्रिकेट करियर, गर्लफ्रेंड, सबकुछ)

Manishankar Murasingh biography in hindi: दोस्तों, आज हम इस आर्टिकल में आपको देश के सबसे उभरते हुए क्रिकेटर मणिशंकर मुरासिंह का संपूर्ण जीवन परिचय हिंदी में बताने जा रहे हैं। इस खिलाड़ी का चयन भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में हो गया है। यानी अब यह खिलाड़ी जल्द ही अपने देश के बड़े खिलाड़ियों के साथ खेलते हुए भारतीय टीम में मिल जाएगा। इस आर्टिकल में आपको इनके बारे में हिंदी में सारी जानकारी एक जगह मिल जाएगी। तो चलिए शुरू करते हैं।

दोस्तों, त्रिपुरा जैसे एक छोटे से राज्य से आकर देश के फलक पर छा जाने वाले इस खिलाड़ी के बारे में आज हर कोई जानना चाहता है। लोग जानना चाह रहे हैं कि आखिर मुरासिंह की खासियत क्या है? कैसे इतना जल्दी राष्ट्रीय टीम में उन्होंने अपने लिए जगह बना लिया? उनकी अभी उम्र क्या है? उनके कोच कौन हैं? उन्होंने क्रिकेट कहाे से सीखा है? किस टीम से खेलते रहे हैं, इस आर्टिकल में आपको इन सबके बारे में जानकारी मिल जाएगी।

तो चलिए शुरू करते हैं और इस स्टार खिलाड़ी को पहले तो बेस्ट ऑफ लक बोलिए हम सबकी तरफ से कि उसका चयन जो राष्ट्रीय टीम में हुआ है उसे जल्द ही भारतीय प्लेइंग इलेवन में भी खेलने का मौका मिले। तो चलिए दोस्तों, जीवनी शुरू करते हैैं।

Manishankar Murasingh biography in hindi

मणिशंकर मुरासिंह का संपूर्ण जीवन परिचय | Manishankar Murasingh biography in hindi

नाममणिशंकर मुरासिंह
उम्र 29 साल
जन्मतिथि1 जनवरी 1993
पेशाक्रिकेटर
प्लेइंग रोल (भूमिका)ऑलराउंडर
बैटिंग स्टाइललेफ्ट हैंड बैट्समैन
बॉलिंग स्टाइलराइट ऑर्म मीडियम पेसर
जन्मस्थानअभोयनगर
राज्यत्रिपुरा
क्रिकेट टीमत्रिपुरा
अभी क्यों चर्चा में हैंराष्ट्रीय टीम में चयन हुआ है
डेब्यू मैचझारखंड vs त्रिपुरा 2009

रणजी ट्रॉफी में सबसे अधिक विकेट लेने वाले त्रिपुरा के खिलाड़ी बने थे

मणिशंकर मुरासिंह का चयन भले ही अब भारतीय टीम में हुआ है लेकिन वे काफी समय से भारतीय चयनकर्ताओं को अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते रहे हैं। त्रिपुरा का उन्हें बेस्ट खिलाड़ी माना जाता है। उनका प्रदर्शन कई बार मुंबई जैसी बड़ी टीमों पर भी भारी पड़ता है। 2018-19 के दौरान रणजी ट्रॉफी मैच में मुरासिंह सबसे अधिक विकेट लेने वाले खिलाड़ी बने थे।

उन्होंने त्रिपुरा के लिए इस रणजी सीरीज में 8 मैचों में 32 विकेट लेकर इतिहास रच दिया था। दूसरी टीमों पर वे कहर बनकर बरपे थे और यहीं से भारतीय चयनकर्ताओं को पहली बार दिखा कि यह खतरनाक खिलाड़ी त्रिपुरा से आकर किस तरह से देश के सबसे बड़े मैच विनर रणजी ट्रॉफी के खिलाड़ियों की गिल्ली उड़ा रहा है।

इतना ही नहीं इस सीरीज में उन्होंंने अपने बल्ले से भी शानदार प्रदर्शन किया और चयनकर्ताओं को एक तरह से संदेश भेज दिया कि अब वे उनके बारे में सोचें क्योंकि अब वे रुकने वाले नहीं है बल्कि राष्ट्रीय टीम में जगह बनाकर ही मानेंगे।

मणिशंकर मुरासिंह का बचपन और शिक्षा

मणिशंकर मुरासिंह का जन्म 1993 में एक जनवरी के दिन अभोयनगर त्रिपुरा में एक मिडिल क्लास फैमिली में हुआ। बचपन से ही मुरासिंह पढ़ने में तेज थे इसलिए पिचा चाहते थे कि बेटा कोई बड़ा सरकारी अफसर बने लेकिन बेटे को तो सात साल की उम्र में ही क्रिकेट से प्यार हो गया। ऐसा प्यार कि चोरी छिपे दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलने चले जाते थे। जिस दिन मैच आता उस दिन सुबह से ही टीवी के आगे बैठ जाते।

परिवार के लोग समझ गए कि इसे क्रिकेट में अधिक दिलचस्पी है। हालांकि उन्होंने पढ़ाई भी जारी रखी। धीरे-धीरे क्रिकेट में अच्छा करने लगे। स्कूल में भी उनका प्रदर्शन निखरने लगा और फिर जाकर उन्होंने यह तय किया कि अब वे क्रिकेट को ही करियर बनाएंगे।

परिवार के लोग भी उनके जज्बे को सलाम किए और उन्हें उनके मन के मुताबिक आगे बढ़ने का मौका दे दिया। यह तब का दिन था जब उन्हें कई लोगों ने टोका भी कि अरे यार भारतीय टीम इतनी आसानी से जगह नहीं मिल पाएगी। क्यों गलत तरफ खुद को मोड़ रहे हो।

कई लोगों ने यह भी कहा कि सोचो इतनी बड़ी आबादी से सिर्फ 11 लोग यह गेम खेलते हैं। उसमें तुम्हारा चयन कैसे हो पाएगा। इन सारी बातों की परवाह किए बिना मुरासिंह ने सोच लिया था कि वे सुनेंगे सभी की लेकिन करेंगे अपने दिल की। और वही हुआ। आज वे भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बनकर उन लोगों को जवाब दे चुके हैं जो कल को कहते थे कि इतना बड़ा सपना मत देखो।

मुरासिंह से क्या सीख सकते हैं

  • जीवन में अनुशासन लाना।
  • अपने खेल के प्रति हमेशा ही ईमानदार रहना।
  • अपने लक्ष्य को तय करना और उसके लिए जीजान लगा देना।
  • बचपन से ही किसी एक लक्ष्य की तरफ समर्पित हो जाना
  • कौन क्या कहता है. इसकी परवाह नहीं करना
  • खुद से खुद का कंपटिशन करना
  • हमेशा कुछ नया सीखना
  • उम्र के पीछे नहीं भागना, अपने को तेवरयुक्त बनाना
  • बड़े सपने देखा लेकिन उसे साकार करने के लिए कड़ी मेहनत भी करना
  • सफलता का कोई शार्टकट नहीं होता यह जान लेना
  • अपने देश के लिए खेलने के लिए फक्र महसूस करना
  • जहां से जो सीखने को मिले बटोर लेना
  • अपने सीनियरों का सम्मान करना
  • सफलता पर इतराना नहीं बल्कि पैर हमेशा जमीन पर रखते हुए आसमान की ऊंचाई छूना

मुरासिंह का करियर

डेब्यू मैचझारखंड vs त्रिपुरा 2009
लिस्ट ए मैच (डेब्यू)बंगाल vs त्रिपुरा 2009
टी-20 डेब्यू मैचझारखंड vs त्रिपुरा 2009
हालिया मैच
Tripura vs Punjab (3 मार्च 2022)बैटिंग- 16 & 85 बॉलिंग- 6/48 & 1/43
Tripura vs H. Pradesh (24-Feb-2022) बैटिंग- 7 & 4, बॉलिंग- 1/67
Tripura vs Haryana (17-Feb-2022)बैटिंग- 25, बॉलिंग- 3/106 & 0/17
Tripura vs Vidarbha (19-Dec-2021)बैटिंग- 2, बॉलिंग- 2/41
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