December 22, 2024
Hanuman ji ki Aarti hindi

आरती हनुमान लला की | Hanuman Aarti Lyrics in Hindi | Hanuman ji ki Aarti hindi | Hanuman Aarti Lyrics hindi and english

दोस्तों, धरती पर सिर्फ एक ही भगवान भक्त हैं जो अजर अमर हैं और वह हैं पवनपुत्र हनुमान। Hanuman ji ki Aarti hindi हम इसलिए आपके लिए लेकर आए हैं। कहते हैं भगवान को पाना है तो उसके भक्त को पा लीजिए। भगवान का सबसे बड़ा भक्त हनुमान जी ही हैं। ऐसे में अगर आप सिर्फ हनुमान जी की भक्ति भाव से पूजा कर लीजिए तो भगवान तो अपने आप ही मिल जाएंगे। तो इस आर्टिकल में आपको हनुमान जी की सभी आरती मिल जाएगी एक ही जगह पर। इससे आप आसानी से उनकी भक्ति कर पाएंगे और भगवान को प्राप्त कर पाएंगे।

तो दोस्तों, देर किस बात की है Hanuman ji ki Aarti hindi में पढ़िए और उनके भक्तिभाव में खुद को रमा दीजिए। हनुमान जी को खुश कर दिए तो फिर भगवान भी खुश हो जाएंगे और आपकी हर मुराद पूरी होगी। वैसे भी हनुमान जी हर संकट को हरने वाले हैं। हर तरह की व्याधि को दूर करने वाले हैं। तो चलिए उनकी आरती पढ़ते हैं।

Hanuman ji ki Aarti hindi

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की

जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके

अनजानी पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा सहाई

दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारी सिया सुध लाए

लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई

लंका जारी असुर संहारे। सियारामजी के काज संवारे

लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे। आणि संजीवन प्राण उबारे

पैठी पताल तोरि जम कारे। अहिरावण की भुजा उखाड़े

बाएं भुजा असुरदल मारे। दाहिने भुजा संतजन तारे

सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे। जै जै जै हनुमान उचारे

कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई

लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई। तुलसीदास प्रभु कीरति गाई

जो हनुमान जी की आरती गावै। बसी बैकुंठ परमपद पावै

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की

Hanuman Ji Ki Aarti lyrics in english

Aarti keeje hanuman lalaa ki,
Dusht-dalan raghunath kala ki.

Jake bal se girivar kanpe,
Rog dosh jaake nikat na jhanke,
Anjani putra mahabaldai,
Santan ke prabhu sada sahai,
Aarti keeje hanuman lalaa ki…

De beera raghunath pathaye,
Lanka jaari siya sudhi laye,
Lanka so kot samudra si khai,
Jaat pawansut baar na layi,
Aarti keeje hanuman lalaa ki.

Lanka jaari asur sanhare,
Siyaram ji ke kaaj saware,
Laxman moorchit pade sakare,
Aani sanjeevan pran ubare,
Aarti keeje hanuman lalaa ki.

Paithi paataal tori jam-kaare,
Ahi ravan ki bhuja ukhare,
Baaye bhuja asur dal maare,
Dahine bhuja santjan taare,
Aarti keeje hanuman lalaa ki.

Sur nar muni aarti utare,
Jai jai jai hanuman uchare,
Kanchan thar kapoor lauchayi,
Aarti karat anjana mai,
Aarti keeje hanuman lalaa ki.

Jo hanuman ji ki aarti gaave,
Basahi baikunth param pad paave,
Aarti keeje hanuman lalaa ki
Dusht-dalan raghunath kala ki.

आरती कीजै हनुमान लला की किसकी रचना है

दोस्तों, जब भी कोई Hanuman ji ki Aarti hindi सर्च करता है वह यह भी जानना चाहता है कि आखिर यह रचना किसकी है। तो दोस्तों, रचनाकार का नाम इसी आरती में ही छिपा है। पूरा आरती आप पढ़ेंगे तो एक जगह आता है तुलसीदास स्वामी कीरति गाई। मतलब स्वामी तुलसीदास ने ही यह लिखा है।

हनुमान जी की आरती कैसे की जाती है?

दोस्तों, बहुत अच्छा सवाल किया है आपने। हनुमान जी की आरती करने से पहले कुछ बातें जरूर ध्यान रखिए। हनुमान जी के साथ भगवान राम का भी एक फोटो लगा लीजिए अपने पूजा घर में। इसके बाद सुबह बिना कुछ खाए अगर हनुमान जी की आरती करते हैं तो उसका विशेष लाभ मिलता है। मंगलवार और शनिवार को अगर मंदिर में जाकर आरती पाठ करते हैं तो फिर आपको इसका विशेष लाभ मिलता है। घी के दीये के साथ हनुमान जी की आरती करेंगे तो फिर आपकी हर मनोकामना पूरी होगी।

हनुमान जी की आरती कितनी बार करनी चाहिए?

दोस्तों, भक्ति की कोई सीमा नहीं होती है। कहा जाता है कि जितना शक्ति उतनी भक्ति। ऐसा नहीं कि सबकुछ छोड़कर केवल भगवान की भक्ति में लगिए। आप एक बार भी अगर मन से श्रद्धा भाव से हनुमान जी की आरती करेंगे तो उतना ही पुण्य मिलेगा जितना सैकड़ों बार बिना मन का करके भी नहीं पा सकते हैं। तो कितनी बार करनी चाहिए यह सवाल बेमानी है। हां, कुछ विशेष मौकों पर कहा जाता है कि अगर 11 बार हनुमान जी का पाठ कर दिए तो फिर सारे संकट कट जाते हैं।

Aarti Kije Hanuman Lala Ki song


(दोस्तों, इस आरती को शेयर भी जरूर करिए ताकि अधिक से अधिक लोगों तक हनुमान जी का आशीर्वाद पहुंचे। आप क्या पढ़ना चाहते हैं कमेंट में बताएं, हम उस पर जरूर लिखेंगे। यहां आने के लिए लव यू दोस्तों, आते रहिए प्यार बरसाते रहिए।)

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