November 22, 2024
durga ji ki aarti lyrics in hindi

Durga Aarti | दुर्गा आरती | durga ji ki aarti lyrics in hindi | Maa Durga Aarti Lyrics In Hindi & English | ambe Tu Hai Jagdambe Kali hindi


हिंदू धर्म में कोई भी त्योहार हो भगवान का पूजन और उनकी आरती के बगैर वह अधूरा रहता है। durga ji ki aarti lyrics in hindi इसीलिए हम लेकर आए हैं। मां दुर्गा को शक्ति की देवी कहा जाता है। यही वजह है कि देश में बड़ी संख्या में उनके भक्त हैं और साल में दो बार तो स्पेशल मां के लिए नौ दिन नवरात्र की पूजा होती है। इसके अलावा भी साल भर मां की आरती और उनका गुणगान होता रहता है। यही वजह है कि हर कोई durga ji ki aarti lyrics in hindi सर्च करते हैं ताकि मां की आरती कर सकें।

तो चलिए durga ji ki aarti lyrics in hindi के तहत हम आपके लिए हम मां की आरती लेकर आए हैं। इस आरती को पढ़िए। कहा जाता है कि सच्चे मन से भक्ति भाव से जो भी मां से कुछ भी मांगता है, मां उसे जरूर देती हैं तो चलिए मां की आरती पढ़िए।

durga ji ki aarti lyrics in hindi

ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी
तुम को निशदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिवरी.
ॐ जय अम्बे गौरी

मांग सिंदूर विराजत टीको मृगमद को
उज्जवल से दो नैना चन्द्र बदन नीको
ॐ जय अम्बे गौरी

कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजे
रक्त पुष्प दल माला कंठन पर साजे
ॐ जय अम्बे गौरी

केहरि वाहन राजत खड़्ग खप्पर धारी
सुर-नर मुनिजन सेवत तिनके दुखहारी
ॐ जय अम्बे गौरी

कानन कुण्डल शोभित नासग्रे मोती
कोटिक चन्द्र दिवाकर राजत सम ज्योति
ॐ जय अम्बे गौरी

शुम्भ निशुम्भ विडारे महिषासुर धाती
धूम्र विलोचन नैना निशदिन मदमाती
ॐ जय अम्बे गौरी

चण्ड – मुंड संहारे सोणित बीज हरे
मधु कैटभ दोऊ मारे सुर भयहीन करे
ॐ जय अम्बे गौरी

ब्रह्माणी रुद्राणी तुम कमला रानी
आगम निगम बखानी तुम शिव पटरानी
ॐ जय अम्बे गौरी

चौसठ योगिनी मंगल गावत नृत्य करत भैरु
बाजत ताल मृदंगा और बाजत डमरु
ॐ जय अम्बे गौरी

तुम ही जग की माता तुम ही हो भर्ता
भक्तन की दुःख हरता सुख सम्पत्ति कर्ता
ॐ जय अम्बे गौरी

भुजा चार अति शोभित वर मुद्रा धारी
मन वांछित फ़ल पावत सेवत नर-नारी
ॐ जय अम्बे गौरी

कंचन थार विराजत अगर कपूर बाती
श्रीमालकेतु में राजत कोटि रत्न ज्योति
ॐ जय अम्बे गौरी

श्री अम्बे जी की आरती जो कोई नर गावे
कहत शिवानंद स्वामी सुख संपत्ति पावे
ॐ जय अम्बे गौरी

Durga Ji Ki Aarti Ki Lyrics in english

Jai ambe gauri, maiya jai shyama gauri
Tumko nish-din dhyavat, hari brahma shivji
Om Jai Ambe Gauri

Maang sindoor virajat, tiko mrig-mad ko
Ujjwal se dou naina, chandra vadan niko
Om Jai Ambe Gauri


Kanak samaan kalewar, raktaambar raaje
Rakt pushp gal-mala, kanthan par saaje
Om Jai Ambe Gauri

Kehri vahan rajat, kharag khapar dhaari
Sur nar muni jan sevat, tinke dukh haari
Om Jai Ambe Gauri

Kanan kundal shobhit, naas-agre moti
Kotik chandra divakar, sum rajat jyoti
Om Jai Ambe Gauri

Shumbh ni-shumbh vidare, mahisha sur ghati
Dhumra-vilochan naina, nish-din- mad mati
Om Jai Ambe Gauri

Chandh mundh sangh-haare, shonit beej hare
Madhu kaitabh dou maare, sur bhe heen kare
Om Jai Ambe Gauri

Brahmani rudrani, tum kamla rani
Aagam nigam bakhani, tum shiv patrani
Om Jai Ambe Gauri

Chon-sath yogini gavat, nritya karat bhairon
Baajat taal mridanga, aur baajat damaroomaroo
Om Jai Ambe Gauri

Tum ho jag ki maata, tum hi ho bharta
Bhakto ki dukh harata, sukh sampati karata
Om Jai Ambe Gauri


Bhuja chaar ati shobit, var mudra dhaari
Man vaanchit phal pavat, sevat nar naari
Om Jai Ambe Gauri

Kanchan thaal virajat, agar kapoor baati
Shri maal-ketu me rajat, kotik ratan jyoti
Om Jai Ambe Gauri

Shri ambe-ji-ki aaarti, jo koi nar gaave
Kahat shivanand swami, sukh sampati pave
Om Jai Ambe Gauri

Ambe Tu Hai Jagdambe Kali in hindi

अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
तेरे भक्त जनो पर माता भीर पड़ी है भारी।
दानव दल पर टूट पड़ो मां करके सिंह सवारी॥
सौ-सौ सिहों से बलशाली, है अष्ट भुजाओं वाली,
दुष्टों को तू ही ललकारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

माँ-बेटे का है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता।
पूत-कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता॥
सब पे करूणा दर्शाने वाली, अमृत बरसाने वाली,
दुखियों के दुखड़े निवारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

नहीं मांगते धन और दौलत, न चांदी न सोना।
हम तो मांगें तेरे चरणों में छोटा सा कोना॥
सबकी बिगड़ी बनाने वाली, लाज बचाने वाली,
सतियों के सत को संवारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

चरण शरण में खड़े तुम्हारी, ले पूजा की थाली।
वरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली॥
माँ भर दो भक्ति रस प्याली, अष्ट भुजाओं वाली,
भक्तों के कारज तू ही सारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

(दोस्तों, हमारे वेबसाइट पर आने के लिए शुक्रिया। इस आरती को शेयर जरूर करिएगा ताकि अधिक लोगों तक पहुंचे मां का आशीर्वाद। आपको और क्या पढ़ना है प्लीज बताइएगा। यहां आते रहिए, प्यार बरसाते रहिए।)

इसे भी पढ़ें

हनुमान जी की 10 कहानियां, 5वीं और छठवीं कहानी सुन चौंक जाएंगे

एकादशी क्या होता है, एकादशी व्रत कैसे करें

सूर्यग्रहण क्या होता है, कब होता है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *