LESBIAN KI KAHANI, LOVE STORY OF LESBIAN COUPLES, LESBIAN STORY IN HINDI,
लेस्बियन, लेस्बियन, लेस्बियन…थक गई हूं बार-बार ये शब्द सुनकर। क्या हुआ लेस्बियन हूं तो…। क्या मर जाऊं मैं। लेस्बियन होने का ताना क्यों मारते हो। यह नेचुरल है। हांं, मैं लेस्बियन हूं। लो चिल्लाकर कहती हूं मैं कि मैं लेस्बियन हूं और लड़कियों से सेक्स करती हूं। मुझे लड़कियों से सेक्स में मजा आता है। और कुछ…कुछ और सुनना है तुम्हें…या मुझे मेरी जिंदगी जीने दोगे…। उस दिन मैं पूरी तरह टूटकर चिल्ली पड़ी थी उस पर जो मेरा सबसे सगा था। आज मैं आपको अपनी पूरी कहानी सुनाती हूं।
समाज कितना बड़ा दोगला है., इसे आप मेरी कहानी से समझ सकते हैं। बचपन से ही मुझे लड़कों के साथ नहीं बल्कि अपनी लड़की दोस्तों के साथ समय बिताना अच्छा लगता था। स्कूल तक तो सब नॉर्मल था। घर वाले भी नॉर्मल थे। मैं भी कुछ नहीं जानती थी कि मैं कुछ अलग हूं सबसे।
तब मैं 11वीं थी जब यह बात आई थी सामने कि…
यह बातें तब सामने आईं जब मैं 11वीं में गई थी। मेरी कई दोस्तों के ब्वायफ्रेंड थे और वे किस या फिर उनके साथ सेक्स करने की अपनी स्टोरी बताती थीं तो मुझे जरा भी मजा नहीं आताा था। वे कहती थीं, अबे तुम क्यों नहीं ब्वायफ्रेंड बनाती। मजे लो यार। मस्ती करो जिंदगी में। देखो पूजा को (परिवर्तित नाम) उसके तो तीन-तीन हैं। वे तीनों को मूर्ख बनाकर जिंदगी के मजे ले रही हैं. हम सब ये सब बातें करके हंसते लेकिन मुझे किसी लड़के की तरफ यौन आकर्षण होता ही नहीं था।
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वो चोरी वाली नजर से देखता था और छूना चाहता था
मेरे क्लास में पढ़ने वाला राहुल मुझे हमेशा चोरी नजर से देखता था। एक बार तो लाइब्रेरी में उसने मेरे बूब्स को दबाने की कोशिश की लेकिन मुझे बहुत खराब लगा और मैंने उसे चाटा लगा दिया। लेकिन उस रात मैंने सोचा कि ऐसा क्यों हो रहा है। मेरे साथ। फिर मुझे याद आया कि मेरी दोस्त अदिति तो जब मुझे इस तरह से छूुती है तो मुझे मजा आता है।
वह कई बार मजाक मजाक में मेरे स्तनों पर हाथ फेरती है तो मुझे खुूब मजा आता है तो फिर राहुल ऐसा करता है तो फिर क्यों नहीं मजा आता। और तब मैंने अपनी एक दोस्त से इस बारे में बताया। लेकिन यहीं गलती हो गई। अगले दिन मैं क्लास में पहुंची तो सब मुझे घूर रहे थे।
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ब्लैकबोर्ड पर लिखा था- गीत (बदला हुआ नाम) लेस्बियन है
ब्लैकबोर्ड की तरफ नजर गया तो वहां मेरा नाम लिखकर लेस्बियन लिखा था। मैं अवाक रह गई। रोने का मन कर रहा था लेकिन मैं क्लास से निकलकर सीधे ऑटो की और घर भागी। रास्ते भर यही सोचती रही कि क्या मैं लेस्बियन हूं। और फिर वह दिन और आज का दिन है जब मैं स्वीकार कर चुकी हूं कि हां मैं लेस्बियन हूं।
मुझे लड़कियों के छुअन में मजा आता था
मैंने देखा कि अरे मुझे सच में आकर्षण लड़कियों की तरफ है। मैं उनके साथ समय बिताना चाहती हूं। बिस्तर पर भी अगर मैं कामुक कोई चीज करती हूं तो सपने में मैं हमेशा लड़कियों को ही देखती हूं। मैं बिस्तर में उनके साथ ही होना चाहती हूं। मैं लड़कियों के साथ ही खुश हो सकूंगी. मेरा मन इसी तरफ इशारा कर रहा है। और फिर मैं समझ गई कि मैं लेस्बियन हूं और मुझे अपनी इस बात से भागना नहीं चाहिए।
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मां ने जोरदार तमाचा मारा और फिर पापा ने कूटा
मैंने पूरी ताकत से अपनी यह बात मां के सामने रखी। मां ने जोरदार चाटा मारा और कहा कि आज के बाद ये शब्द मुंह पर मत लाना। मैं घुटती रही। मेरा बाहर निकलना बंद हो गया। पापा को भी मालूम हुआ तो उन्होंने भी रूम में मन भर पीटा मुझे। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मेरी इसमें क्या गलती है। क्या मैं जानबूझकर लेस्बियन बनी हूं। ये मेरी च्वाइस कैसे हो सकती है। और अगर है भी तो इसमें दूसरों को क्या दिक्कत है।
लेस्बियन थी लेकिन मेरी शादी कराना चाहते थे पापा
अब मेरे पिता जी मेरे लिए जल्दी शादी करने के लिए लड़का ढूंढ़ रहे थे। मम्मी ने साफ कह दिया कि अपनी ससुराल जाओ और हम लोगों को भगवान के लिए रहम खाओ। हमें समाज में बदनाम ना करो। मुझे लगा कि जब मैं लड़कियों के साथ खुश हूं तो किसी लड़के की जिंदगी क्यों बर्बाद कर दूं। इसलिए मैंने चिल्लाकर अपने माता-पिता को ये बात बोली जो मैंने ऊपर कहा है। ये सारी बातें मैंने अपनी मम्मी-पापा को बोलीं और घर छोड़कर चली गई।
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आज मैं अपनी दोस्त के साथ लिव इन में खुश हूं
आज मैं अपनी एक दोस्त के साथ लिव इन में हूं। वह भी लड़की है और मैं भी लड़की। हम बिस्तर भी बांटते हैं और अपनी जिंदगी का हर एक लम्हा भी। मैं खुश हूं कि मैं अपनी जिंदगी जी पा रही हूं। लेकिन मेरी तरह न जाने की कितनी लेस्बियन लड़कियां अपनी जिंदगी घुट-घुटकर जीने को मजबूर हैं या छिपाकर किसी लड़के के साथ बिना मन पत्नी बनकर बिस्तर पर उसका साथ देने को मजबूर हैं।
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(दोस्तों, इस कहानी की लेखिका का नाम छिपाया गया है। हम सबके सामने ऐसी तमाम कहानियां हैं। अगर आपके पास भी कोई ऐसी कहानी है या आपका भुगता हुआ सच है तो आप हमें लिख भेजिए। हम यहां उसे छापेंगे।)