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Sologamy Marriage क्या है हिंदी में | Sologamy wedding kya hai hindi

Sologamy wedding kya hai hindi

एकल शादी क्या है? Sologamy marriage क्या है? खुद से शादी का मतलब क्या है? सोलोगैमी विवाह क्या है? Sologamy Wedding kya hai hindi

दोस्तों, kyahotahai.com पर आपका फिर स्वागत है। आज एक नए विषय पर बात करेंगे। Sologamy wedding kya hai hindi? Sologamy Marriage के बारे में आपने जरूर सुना होगा। यह शब्द बहुत ट्रेंडिंग में है। आपने सुना होगा कि आजकल कई लड़कियां खुद से ही शादी कर रही हैं। अपने देश में भी ऐसी एक शादी हो गई है गुजरात की लड़की क्षमा बिंदु (kshama bindu sologamy marriage in hindi) ने यह शादी की है। इसके बाद से ही लोग सर्च कर रहे हैं कि आखिर ये Sologamy wedding kya hai hindi। इसके अलावा गूगल पर यह भी सर्च हो रहा है कि एकल शादी क्या है? Sologamy marriage क्या है? खुद से शादी का मतलब क्या है? सोलोगैमी विवाह क्या है? Sologamy Wedding kya hai hindi

दोस्तों, इस आर्टिकल में आपको Sologamy Marriage यानी खुद से शादी करने के इस विषय के बारे में हम विस्तार से चर्चा करेंगे। तो यह आर्टिकल अंत तक जरूर पढ़िएगा। इसमें हम यह भी बताएंगे कि Benefits of marrying yourself यानी खुद से शादी करने के क्या फायदे हैं? खुद से शादी करना क्या सही है (Is it OK to marry myself)?, क्या एक लड़का और एक लड़की खुद से शादी कर सकते हैं (Can a man and woman marry themselves)? क्या मैं कानूनी रूप से खुद से शादी कर सकता हूं (Can I marry myself legally) इन सारे सवालों का जवाब मैं यहां देने की कोशिश करूंगा।

यह सवाल इसलिए भी जरूरी है क्योंकि देश भर में अब कई लड़कियां खुद से शादी करना चाहती हैं. इसी तरह से कई लड़के भी इस तरह की शादी की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। वे इस तरह की शादी करना चाहते हैं। इसके पीछे वजह है कि अब लोग किसी के बंदिश में नहीं रहना चाहते और आजादी चाहते हैं। ऐसे में एक तो वे शादी की परंपरा भी निभा रहे हैं और खुद से ही शादी करके वे किसी भी तरह के बंदिश में भी नहीं बंधेंगे। तो चलिए, दोस्तों इस पर विस्तार से बात शुरू करते हैं।

Sologamy Marriage क्या है | Sologamy wedding kya hai hindi

सोलोगैमी यानी स्वविवाह। खुद से विवाह करना। यह एक ऐसा प्रतीकात्मक शादी समारोह है जिसमें खुद के साथ ही वैवाहिक बंधन में बंध जाते हैं। यानी खुद से शादी कर लेते हैं। यानी यह खुद के साथ जीवन बीताने का एक संकल्प है। जैसे एक पति और पत्नी एक दूसरे के साथ जीवन बीताते हैं वैसे ही इसमें एक लड़की या एक लड़का जो खुद से शादी करते हैं वह खुद के साथ एक सार्थक, गहरा और प्यार वाला संबंध जीवन पर्यन्त निभाने का संकल्प लेते हैं।

इसका मतलब यह हुआ कि इस शादी समारोह में एक लड़की ही दोनों भूमिका में होगी। वही दूल्हा भी होगी और वही दुल्हन भी होगी। सामान्य शादी समारोह की तरह इसमें भी सभी शामिल होंगे लेकिन यहां असली भूमिका बदली होगी। यानी जो भूमिका दूल्हा दुल्हन निभाते हैं वह यहां सिर्फ एक इंसान निभा रहा होगा। जो खुद से शादी करने जा रहा होगा। यानी वह एक लड़का हो सकता है या फिर एक लड़की हो सकती है।

अपने देश में तो इस तरह की शादी का चलन अभी तक नहीं था। गुजरात की लड़की क्षमा ने खुद से शादी रचाकर इस चलन को बढ़ावा दे दिया है और अब वे लोग इससे अधिक प्रोत्साहित होंगे और अपना कदम आगे बढ़ाएंगे जो खुद से शादी करना चाहते थे लेकिन इस इंतजार में थे कि कोई तो कदम बढ़ाए। क्षमा (gujarati girl kshama bindu sologamy marriage) ने वह कदम बढ़ा दिया है। ऐसे में एकल शादी यानी खुद से शादी करने का सपना देख रहे युवा अब तेजी से भारत में भी सामने आ सकते हैं।

वैसे दुनिया के कई देशों में इस तरह की शादी का क्रेज तेजी से बढ़ा है। विकसित देशों में तो काफी समय से इस तरह की शादी का प्रचलन रहा है। वहां लोग खुद की आजादी को प्राथमिकता देते हैं और खुद में खुश रहने के लिए इस तरह की शादी की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। खासकर वे युवा जो अपने घरों में शुरू से ही मां-बाप के बीच झगड़ा या इस तरह के दुखद हादसे से गुजरे हैं जहां उन्हें वैवाहिक रिश्तों पर से विश्वास उठ गया है, वे अब किसी बंधन में ना पड़के खुद से शादी करना चाहते हैं। तो चलिए हम आपको इसके इतिहास के बारे में भी बता देते हैं। Sologamy wedding kya hai hindi में नीचे जानिए कि इस शादी की शुरुआत सबसे पहले कहां हुई थी।

खुद से शादी का मतलब क्या है? इसकी शुरुआत कहां से हुई

खुद से शादी का मतलब है कि एक लड़की या एक लड़का किसी और की जगह खुद से ही विवाह कर ले तो उसे ही खुद से शादी या फिर Sologamy Marriage कहते हैं। आजकल यह चलन बढ़ा है। भारत में भी इसकी शुरुआत हो गई है। अब लोग इसमें रूचि ले रहे हैं और उन्हें मजा आ रहा है कि वे खुद से ही शादी कर पा रहे हैं। किसी की बंदिश नहीं। खुद ही दूल्हा होंगे और खुद ही दुल्हन होंगे। यह सुनकर ही रोमांच पैदा होता है। आजकल के युवा जो अपने सपनों के पीछे भागने में इतने व्यस्त हैं कि उनके पास परिवार बसाने और उसकी चिंता में ज्यादा समय लगाने की फुर्सत नहीं है, वे इस तरह की शादी को ज्यादा महत्व दे रहे हैं।

जहां तक इसकी शुरुआत की बात है तो यह यह ट्रेंड तीन दशक पुराना माना जाता है। वर्ष 1993 में अमेरिका में ही इसकी शुरुआत हुई। लिंडा बारकर नाम की महिला ने पहली बार खुद से शादी की थी। कहा जाता है कि उस शादी में 75 मेहमान शामिल हुए और सबके चेहरे पर खुशी थी। पहली बार अमेरिका जैसे देश में इस तरह की शादी हो रही थी तो इसकी चर्चा दुनियाभर में हुई। हर कोई इस शादी से चौंक गया था।

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दुनिया के लोग पहली बार इस शादी के जरिए इस शब्द से वाकिफ हो रहे थे। लेकिन लिंडा की शादी के बाद यह प्रचलन एक ट्रेंड बन गया और फिर 2000 में मशहूर प्रोटोगोनिस्ट Carrie bradshaw ने खुद से शादी करने का ऐलान कर ऐसा बवाल काटा कि फिर शादी का यह ट्रेंड दुनियाभर में छा गया। कोरोना काल में जब लोगों के पास कोई अपना नहीं था, शादी के इस टर्म ने लोगों को खुद से टूटकर प्रेम करने की तरफ आकर्षित किया और कहा जाता है कि इस दौरान इस तरह की शादियों के मामले और बढ़े हैं। Sologamy wedding kya hai hindi में अब नीचे जानिए कि खुद से शादी करने के क्या फायदे हैं। Sologamy wedding kya hai hindi के तहत अब जानिए कि खुद से शादी करने के क्या फायदे हैं।

Benefits of marrying yourself (Sologamy Marriage) | खुद से शादी करने के क्या फायदे हैं?

खुद से शादी करने का चलन बढ़ा है। लोगों को इसके कई फायदे भी नजर आ रहे हैं। सबसे बड़ा फायदा तो यह है कि आप खुद से ही प्यार करने लगते हैं। जिससे खुद के प्रति आपकी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। दूसरा फायदा है कि अब किसी और कि बंदिश आप पर नहीं है। इसके अलावा कई फायदे हैं जो नीचे गिना रहा हूं-

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क्या सोलोगैमी विवाह कानूनी तौर पर मान्य है? can i marry myself legally in india hindi

सोलोगैमी विवाह सिर्फ एक प्रतीकात्मक विवाह है। यही वजह है कि यह कानूनी रूप से मान्य नहीं है। यानी अगर आप भारत में हैं और खुद से विवाह करने की कानूनी मान्यता चाहते हैं तो वह नहीं मिलेगा। इसकी कोई मान्यता नहीं है। हां, आप पर बंदिश नहीं है आप चाहें तो खुद से शादी कर लें। शादी में सबको बुला लें। आपको जीने के अधिकार के तहत ये सब करने की आजादी है लेकिन इस विवाह को कानूनी मान्यता नहीं मिलेगी।

शादी की मान्यता के लिए अपने देश में दो लोगों का विवाह के बंधन में बंधना जरूरी है। सिर्फ एक व्यक्ति का खुद से विवाह कर लेना आपको शादी की मान्यता नहीं देगा। आप कितना भी परेशान हो लीजिए लेकिन आप इसके लिए कानूनी मान्यता नहीं ले पाएंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि यह एक बंधन का मामला नहीं है। यहां दो पक्ष है ही नहीं जिनकी किसी भी बात के लिए या किसी भी तरह की कानूनी हस्तक्षेप के लिए कोई जरूरत पड़ेगी।

जैसे सामान्य शादी में क्या होता है कि शादी के बाद तमाम तरह के उलझनें भी आ जाती हैं। कभी बच्चों का विवाद है तो कभी तलाक हो गया या कुछ भी। तो उसमें अगर शादी की मान्यता कानूनी रूप से नहीं लें तो फिर दिक्कत आ जाती है। ऐसे में तो यह कानूनी रूप से उसके हर विवाद का हल है। लेकिन जब एकल शादी होगी तो उसमें कैसे झगड़ा। उसमें कैसे बच्चे और उसमें कैसा बंटवारा। तो ऐसा कुछ है ही नहीं तो उसके लिए कानूनी रूप से कुछ बना ही नहीं है। वैसे भी भारत में अब इसका प्रचलन थोड़ा बहुत बढ़ रहा है। दुनिया के अन्य देशों में जहां बहुत पहले से प्रचलन है वहां भी इसकी कोई इस तरह की कानूनी मान्यता नहीं है।

(दोस्तों, उम्मीद है कि खुद से शादी करने यानी Sologamy wedding kya hai hindi के बारे में आपको पूरी जानकारी हो गई होगी। अगर अब भी इससे जुड़ा कोई सवाल आपके मन में है तो आप नीचे कमेंट करके पूछिए हम जवाब जरूर देंगे। यहां आने के लिए लव यू। इसे शेयर कर दीजिए।)


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