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रविवार के दिन का व्रत और उसकी कहानी क्या आपको पता है

हेलो दोस्तों क्या आपको रविवार के दिन की कहानी के बारे में पता है अगर नहीं पता तो आज हम आपको बताते है इस दिन के बारे में जो बहुत ही खास है हम आपको सातों वारों की कहानियाँ बताएँगे तो पहले रविवार से शुरू करते है

भास्कर भगवान के व्रत पूजन से सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। रविवार का व्रत स्वास्थ्य के लिए उत्तम है। कुष्ठ रोग से मुक्ति के लिए भी यह व्रत किया जाता है।

रविवार के व्रत में नमक व तैल युक्त भोजन नहीं करना चाहिए। व्रती को फलाहार आदि सूर्य रहते ही कर लेना चाहिए। यदि निराहार ही सूर्यास्त हो जाए तो सूर्योदय तक व्रत ही रखना चाहिए। रविवार को दिन में पूजा करके कथा सुनी व कही जाती है, जो इस प्रकार है

सास-बहू थीं। सास का पुत्र सूर्य का अवतार था। थोड़े ही समय के लिए घर आता फिर र्धान हो जाता। जब कभी आता तो एक हीरा अपनी माँ व पत्नी को दे जाता था। इसी तरह वे अपना जीवन यापन कर रही थीं। एक दिन माँ बेटे से बोली कि जितना तुम हमें खर्च करने के लिए दे जाते हो उससे हमारा गुजारा नहीं होता। तो पुत्र क्रोधित हो कहने लगा- “अपने भरण-पोषण के सिवा तुम कुछ और नहीं करती। अपने कर्तव्यों का तुम्हें ध्यान नहीं है इसी कारण तुम्हें अभाव सताता है। “

अब दोनों सास-बहू नियम से कार्तिक स्नान के लिए जाने लगीं। बारह वर्ष बाद पत्नी ने सूर्य बली से कहा कि अब कार्तिक स्नान का उद्यापन करा दो। सूर्य बली के सामने अपनी इच्छा प्रकट करते ही घर में कंचन बरसने लगा। घर धन-धान्य से पूर्ण हो गया। तो बहू ने कार्तिक का पूजन कर सूर्य का भी पूजन किया तो सूर्य देव ने दर्शन देकर वर मांगने के लिए कहा। बहू कहने लगी- “मेरा पति गुझसे दूर-दूर रहता है। मैं उनके संयोग का वरदान चाहती हूँ।

रांत को सूर्य बली ने आकर माँ से कहा कि आज मैं घर पर ही सोऊँगा। बहू की प्रसन्नता का कोई ठिकाना न था। सुन्दर सेज पर सूर्य देव आकर लेट गए तो सारे संसार में अन्धकार छा गया। सब देवता भागे-भागे बुढ़िया के पास आए तथा बुढ़िया से कहने लगे कि अपने पुत्र को जगाओ। बुढ़िया ने पुत्र को जगाया तो सूर्य ने बाहर आकर देवताओं से कहा कि जब तक ये सास-बहू कार्तिक स्नान करती हैं, तब तक गंगा इनके घर के पास से बहे। ऋद्धि-सिद्धियों का यहाँ वास हो। देवता सूर्य की बात मान गए। तभी से स्त्री समाज में कार्तिक स्नान का विशेष माहात्म्य है । इससे पापों का नाश होता है। अन्त में मनुष्य स्वर्ग को प्राप्त करता है।

अगर आप सोमवार की भी ऐसे ही जानना चाहते है तो कमेंट करें

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