षटतिला एकादशी (माघ कृष्ण एकादशी)

इस दिन काली गाय तथा काले तिलों के दान का माहात्म्य । शरीर पर तिल तेल मर्दन, तिल-जल स्नान, तिल-जलपान तथा तिल-पकवान इस व्रत के विशिष्ट उपादान हैं। इस दिन…

उमा महेश्वरव्रत (भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा)

इस दिन शैव व वैष्णव मत के प्रवर्तक एक दूसरे से अपनी कट्टरता के कारण एक प्रकार की शत्रुता का अनुभव करते हैं। इस व्रत का उल्लेख ‘मत्स्य पुराण’ में…

वामन जयन्ती(भाद्रपद शुक्ल द्वादशी)

इस दिन श्रवण नक्षत्र का होना बहुत बड़ा पुण्य माना गया है। इस पर्व पर व्रत करके भगवान वामन की स्वर्ण मूर्ति के समक्ष ५२ पेड़े तथा ५२ दक्षिणाएँ रखकर…

पद्मा एकादशी (भाद्रपद शुक्ल एकादशी)

आषाढ़ माह से शेष- शैय्या पर निद्रा-मग्न भगवान विष्णु, भादों की शुक्ल पक्ष की एकादशी को करवट बदलते हैं। इस एकादशी को ‘पद्मा एकादशी’ या ‘वर्तमान एकादशी’ भी कहते हैं…

राधाष्टमी(भाद्रपद शुक्ल अष्टमी)

इस दिन श्रीकृष्ण की बालसहचरी तथा अह्लादिनी शक्ति राधा का जन्म हुआ था। राधा विश्व की प्रेमिका थीं। प्रेम के साम्राज्य की तो वो महारानी हुई हैं। राधा के बिना…

महाकाली महालक्ष्मी पूजन (भाद्रपद शुक्ल अष्टमी)

यह पूजन भादों शुक्ला अष्टमी से आरम्भ होकर आश्विन की कृष्णाष्टमी तक चलता है। स्त्रियाँ कच्चे सूत के गंडे बनवाती हैं। इसमें सोलह धागे होते हैं। इसमें सोलह गांठें लगाई…