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नाग पंचमी क्यों मनाया जाता है । नाग पंचमी की कहानी । naag panchami shrawan shukla panchami

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नाग पंचमी की पूजा क्यों की जाती है, naag panchami shrawan shukla panchami, नागपंचमी की कहानी हिंदी में

naag panchami shrawan shukla panchami: श्रावण मास की शुक्ल पंचमी नाग पंचमी कहलाती है। इस दिन नांगों का पूजन किया जाता है। नाग-दर्शन का विशेष महात्म्य है। इन दिनों सांप मारना मना है। पूरे श्रावण माह में धरती नहीं खोदी जाती। नागपंचमी को विशेष कर धरती खोदना निषिद्ध है। इस आर्टिकल में हम आपको नाग पंचमी के बारे में सभी जानकारी देने जा रहे हैं। नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है। इसकी पूजा कैसे करें। इसका व्रत कैसे करें। इसका महत्व क्या है। इसकी कहानी क्या है। तो अंत तक पढ़िएगा और शेयर जरूर करिएगा।

तो चलिए दोस्तों, शुरू करते हैं और सबसे पहले आपको बताते हैं कि इस दिन का महत्व क्यों है। आखिर नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है।

नाग पंचमी के दिन क्या करते हैं । naag panchami shrawan shukla panchami

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नाग पंचमी की कहानी । naag panchami shrawan shukla panchami

पहली कथा

किसी राज्य में एक किसान परिवार रहता था। किसान के दो पुत्र व एक पुत्री थी। एक दिन हल जोतते समय हल से सांप के तीन बच्चे कुचल कर मर गए। नागिन पहले तो विलाप करती रही फिर उसने अपनी सन्तान के हत्यारे से बदला लेने का संकल्प किया। रात्रि के अंधकार में नागिन ने किसान, उसकी पत्नी व दोनों लड़कों को डस लिया। अगले दिन प्रातः किसान की पुत्री को डसने के उद्देश्य से फिर चली तो किसान-कन्या ने उसके सामने दूध का भरा कटोरा रख दिया। हाथ जोड़ क्षमा मांगने लगी। नागिन ने प्रसन्न होकर उसके माता-पिता व दोनों भाईयों को पुनः जीवित कर दिया। उस दिन श्रावण शुक्ला पंचमी थी। तब से आज तक नागों के कोप से बचने के लिए इस दिन नागों की पूजा होती है।

दूसरी कथा

एक राजा था एक ही उसकी रानी थी। रानी गर्भवती थी। उसने राजा से बन-करैली खाने की इच्छा व्यक्त की। राजा को जंगल में बन-करैलियाँ दिखाई दीं। उसने तोड़ कर थैले में भर लीं। इतने में नाग देवता वहाँ आए और कहने लगे कि तुमने मुझसे बिना पूछे ये क्यों तोड़ लीं? तो राजा हाथ जोड़ कर बोले कि मेरी स्त्री गर्भवती है उसने खाने की इच्छा व्यक्त की थी। मुझे यहाँ दिखाई दीं तो मैंने तोड़ लीं। यदि मुझे यह मालूम होता कि ये आपकी हैं तो जरूर पूछ लेता, अब मुझे क्षमा करो।

नाग बोला, मैं तुम्हारी बातों में आने वाला नहीं हूँ। या तो करैलियाँ यहाँ रख जाओ या वचन दो कि अपनी पहली सन्तान मुझे दे दोगे। राजा करैलियाँ घर ले आया व पहली सन्तान नाग को देने की बात भी कह आया। रानी से उसने सारी बात कही तो भी रानी ने करैलियाँ खाने की इच्छा न छोड़ी।

यथा समय रानी ने एक पुत्री व पुत्र को जन्म दिया। नाग को पता लगा तो पहली सन्तान को मांगने लगा। राजा कभी कहते मुण्डन के बाद ले जाना, कभी कहते कनछेदन के बाद ले जाना तथा अन्त में कहने लगा कि विवाह के बाद ले जाना। नाग पहले तो राजा की बातें मानता रहा पर जब राजा ने शादी के बाद ले जाने को कहा तो नाग ने सोचा कि शादी के बाद तो कन्या •पर पिता का अधिकार रहता ही नहीं अतः किसी अन्य बहाने से लड़की को शादी से पहले ही ले जाना होगा।

एक दिन राजा अपनी पुत्री के साथ तालाब पर नहाने के लिए गया। तालाब के किनारे एक सुन्दर कमल का फूल था। लड़क उसे तोड़ने के लिए आगे बढ़ी तो कमल का फूल भी आगे खिसकता गया। फूल के साथ-साथ लड़की भी आगे बढ़ती गई। गहराई में जब लड़की डूब गई तो नाग ने राजा से कहा कि मैं तुम्हारी लड़की को ले जा रहा हूँ। यह सुन राजा मूर्छित हो गया। होश आने पर पुत्री के वियोग में सिर पीट-पीट कर मर गया।

राजा की मृत्यु का समाचार जब रानी को मिला तथा पुत्री को नाग ले गए यह पता लगा तो उसे इतना गहरा धक्का लगा कि वह भी मर गई । लड़का अकेला रह गया। सम्बन्धियों ने राज-पाट छीन करउसे दर-दर का भिखारी बना दिया।वह घर-घर भीख मांगता और अपनी व्यथा कहता। एक दिन जब वह नाग देवता के घर भीख माँगने लगा तो बहन को उसकी आवाज जानी पहचानी लगी। वह घर से निकली तथा अपने भाई को पहचान लिया। प्रेम से उसे अन्दर बुला लिया। दोनों भाई-बहन प्रेम से वहाँ रहने लगे। इसलिए भी नागपंचमी का त्यौहार मनाया जाता है। naag panchami shrawan shukla panchami के तहत जानिए पूजा क्यों की जाती है।

नाग पंचमी की पूजा क्यों की जाती है । naag panchami shrawan shukla panchami

नाग को भगवान शिव के गले का आभूषण माना जाता है। इसीलिए सावन के महीने में उनके इस सबसे खास दूत यानी नाग देवता की अलग से पूजा की जाती है। इससे भगवान शिव खुद प्रसन्न होते हैं। कहते हैं सावन में नाग देवता की पूजा करने से जीवन में सुख समृद्धि आती है।

सावन के दिन अगर आपने नाग देवता को दूध पिलाया तो समझिए आपके दुश्मन खत्म हो जाएंगे। उनका संहार खुद नाग देवता कर देंगे। इसके अलावा आपको और आपके परिवार में कोई भी इंसान सर्पदंश से नहीं मरेगा। भगवान नागदेवता का आशीर्वाद मिल जाएगा इससे अगर कोई सांप आपके घर में आएगा भी तो चुपचाप चला जाएगा।

इसके अलावा पुत्र रत्न की प्राप्ति, सरकारी नौकरी की मनोकामना लेकर भी आप नाग पंचमी की पूजा कर सकते हैं। इसके लिए आपको पहले भगवान शिव की पूजा करनी है और फिर नागदेवता की पूजा करनी है। naag panchami shrawan shukla panchami के तहत जानिए पूजा कैसे करें।

नाग पंचमी की पूजा कैसे करें । naag panchami shrawan shukla panchami

नाग पंचमी का व्रत कैसे करें । naag panchami shrawan shukla panchami

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