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मुखिया का चुनाव कैसे होता है | mukhiya ka chunav kaise hota hai

mukhiya ka chunav kaise hota hai

ग्राम पंचायत के चुनाव कौन करता है? भारतीय मुखिया कैसे चुने जाते हैं? ग्राम पंचायत का चुनाव कितने वर्षों के लिए होता है? mukhiya ka chunav kaise hota hai

mukhiya ka chunav kaise hota hai: मुखिया का चुनाव कैसे होता है? अगर आप इसके बारे में जानना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह पर हैं। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि मुखिया कौन होता है? मुखिया का चुनाव कैसे होता है? मुखिया का चुनाव कितने साल पर होता है? मुखिया के कार्य क्या हैं? मुखिया को और क्या बुलाते हैं? मुखिया की सैलरी कितनी होती है? तो चलिए शुरू करते हैं। इस जरूरी जानकारी को शेयर जरूर कर दीजिएगा।

दोस्तों, किसी भी ग्राम पंचायत का सबसे अहम व्यक्ति यानी प्रमुख व्यक्ति मुखिया ही होता है। हालांकि अलग-अलग जगह पर उसके अलग-अलग नाम हैं। जैसे यूपी में ग्राम प्रधान बोलते हैं तो हरियाणा वगैरह में सरपंच बोलते हैं लेकिन बिहार में आप जाएंगे तो यहां मुखिया ही होगा।

लेकिन कई जगह इसके रोल अलग हो जाते हैं। जैसे यूपी में जो ग्राम प्रधान होता है उसका कद बिहार के मुखिया के मुकाबले काफी छोटा होता है। यूपी का ग्राम प्रधान एक या दो गांव का ही प्रमुख होता है। इन गांवों की आबादी ज्यादा से ज्यादा 3 हजार तक होती है लेकिन बिहार में जो मुखिया होता है वह करीब 7 हजार की आबादी का हेड होता है। उसके अंडर में कई गांव कम से कम 7 या 8 गांव आते हैं। ऐसे में बिहार में मुखिया का रुतबा किसी विधायक से कम नहीं बल्कि एक मायने में अधिक ही होता है।

तो चलिए अब यह जानने से पहले कि मुखिया का चुनाव कैसे होता है आप जान लीजिए कि मुखिया कौन होता है और उसका काम क्या होता है।

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मुखिया कौन होता है | mukhiya ka chunav kaise hota hai

किसी भी ग्राम पंचायत का प्रमुख मुखिया होता है। यह शब्द आपको बिहार में सबसे अधिक सुनने को मिलेगा। यहां करीब 7 हजार या उससे अधिक की आबादी पर एक मुखिया होता है। यह मुखिया कई गांवों का प्रमुख होता है। करीब 7-8 गांव या उससे अधिक गांव इसके अंडर में आते हैं। इन सभी गावों के विकास की सारी जिम्मेदारी इसी मुखिया की होती है।

गांवों की हर समस्या जैसे सड़क की समस्या, नाली की समस्या, पानी की समस्या, बिजली की समस्या, राशन की समस्या हर कुछ देखने का काम मुखिया का ही होता है। मुखिया विकास की रूप रेखा तैयार करने से लेकर सरकारी योजनाओं का सही क्रियान्वयन हो और लोगों तक उसका सही जानकारी पहुंचे इसके लिए भी काम करता है।

गांव के लोगों को लगातार साथ में लेकर मुखिया उन्हें आगे बढ़ता है। वह लगातार गांव के बुद्धिजीवियों से बात करते रहता है कि गांव के विकास के लिए आगे क्या किया जाए। वह गांव के शिक्षा व्यवस्था को भी लेकर जागरूक रहता है और गांव के स्वास्थ्य को लेकर भी सचेत रहता है। इसके लिए गांव के स्कूल, स्वास्थ्य भवन सभी का निरीक्षण करता रहता है। mukhiya ka chunav kaise hota hai के तहत जानिए काम क्या-क्या होता है।

गांव के मुखिया का काम क्या-क्या होता है | mukhiya ka chunav kaise hota hai

मुखिया का चुनाव कैसे होता है | mukhiya ka chunav kaise hota hai

मुखिया बनने के लिए योग्यता | mukhiya ka chunav kaise hota hai

मुखिया की सैलरी कितनी होती है | mukhiya ka chunav kaise hota hai

किसी भाी मुखिया की सैलरी बेहद कम होती है। अगर कोई मुखिया सिर्फ सैलरी पर ही निर्भर रहे तो शायद ही कोई मुखिया का चुनाव लड़े या उसमें इस तरह से चुनाव में पैसे बहाए जैसे आजकल लोग बहाते हैं। आजकल एक मुखिया के चुनाव के लिए बिहार में एक-एक उम्मीदवार एक एक करोड़ तक खर्च कर देते हैं। अब सोचिए उसकी सैलरी सिर्फ 5 हजार रुपये है तो फिर वह इतना पैसा तो 5 साल में कभी नहीं कमा पाएगा तो फिर इतना खर्च क्यों करता है।

दरअसल, भत्तों आदि को मिलाकर भी कोई प्रधान 20 या 25 हजार महीने से अधिक नहीं कमा सकता। अगर वह ईमानदारी से काम करे तो वही इसका वेतन है। लेकिन सोचिए कि जो इंसान सिर्फ चुनाव जीतने के लिए 1 करोड़ लगा चुका है वह तो कैसे भी उस पैसे को निकालेगा और फिर यहीं से शुरू होता है भ्रष्टाचार का खेल।

मुखिया चूंकि गांव के हर विकास कार्य के लिए जिम्मेदार होता है तो हर काम में वह मोटा पैसा अपने जेब में डालता है और गांव में विकास के नाम पर पांच सालों तक कुछ नहीं होता है। ज्यादातर देश के गांवों का यही हाल है। यह सच्चाई किसी से छिपी नहीं है। mukhiya ka chunav kaise hota hai के तहत जानिए चुनाव कौन कराता है।

ग्राम पंचायत के चुनाव कौन करता है | mukhiya ka chunav kaise hota hai

ग्राम पंचायत का चुनाव चुनाव आयोग ही कराता है। वही अधिसूचना जारी कर यह तय करता है कि कब चुनाव होना है। इसके बाद सारी जिम्मेदारी जिला प्रशासन को सैंप दी जाती है। राज्य सरकार लगातार निगरानी कर रही होती है। चुनाव आयोग पूरी तरह से अपनी टीम को मुस्तैद कर देता है। इस तरह से चुनाव संपन्न कराया जाता है।

हर ग्राम पंचायत के दौरान देखा जाता है कि कौन सा सीट संवेदनशील है। वहां किस तरह से अधिक मुस्तैदी और सुरक्षा हो इसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होती है। चुनाव को सही ढंग से संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन लगातार मुस्तैद रहता है। चुनाव के दौरान हर एक हरकत पर नजर रखी जाती है। कहीें से भी कुछ भी गड़बड़ न होने पाए इसका ध्यान रखा जाता है। mukhiya ka chunav kaise hota hai के तहत अब जानिए कैसे चुने जाते हैं मुखिया

भारतीय मुखिया कैसे चुने जाते हैं | mukhiya ka chunav kaise hota hai

भारतीय मुखिया गांव के आम नागरिकों द्वारा ही चुने जाते हैं. यह कोई स्पेशल चुनाव नहीं है कि कोई बाहरी आएगा वोट देने। गांव के लोग ही जिनका नाम वोटर लिस्ट में होता है वही इस चुनाव में हिस्सा लेते हैं और वही वोट करते हैं। उन्हें ही वोट करने का हक है। एक गांव के लोग ही तो समझेंगे कि भाई उसका मुखिया कौन होना चाहिए। तो वे ही वोट करते हैं और अपना मुखिया चुनते हैं।

ग्राम पंचायत के 10-12 सदस्य मैदान में होते है और पूरी आबादी वोट के दिन अपना मताधिकार का प्रयोग कर उनमें से एक को विजयी बनाती है। वैसे तो होना यह चाहिए कि जो व्यक्ति सबसे सुयोग्य हो उसे ही चुना जाए लेकिन आजकल जाति और धन प्रधान हो गया है।

जातियों के आधार पर वोट पड़ रहे हैं। यहां तक कि पैसे के दम पर वोट खरीद लिए जा रहे हैं। बस यहीं पर चीजें गड़बड़ हो जा रही हैं। ऐसे में सही व्यक्ति चुना नहीं जा रहा है। यही वजह है कि तमाम गांव अभी भी विकास से काफी पीछे हैं। mukhiya ka chunav kaise hota hai के तहत जानिए कि देश के मुखिया कौन हैं।

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भारत देश का मुखिया कौन है | mukhiya ka chunav kaise hota hai

मुखिया शब्द खोजते हुए कुछ लोग गूगल पर यह भी सवाल करते हैं कि भारत देश का मुखिया कौन है? तोे इसका जवाब है राष्ट्रपति। क्योंकि राष्ट्रपति ही देश का प्रथम नागरिक होता है। उसके ऊपर देश में कोई नहीं है। वह सर्वशक्तिमान है। वही देश का मुखिया है।

हालांकि काम के लिहाज से देखा जाए तो अपने देश में प्रधानमंत्री का पद ही सबसे अहम होता है। वही सबकुछ करता है। यहां तक कि आजकल तो राष्ट्रपति भी प्रधानमंत्री के कृपापात्र ही बनते हैं। यानी जो पार्टी सत्ता में होती है उसका मुखिया यानी पीएम जिसे चाह देता है उसे राष्ट्रपति बनवा देता है। ऐसे में यह पद अब सिर्फ नाम के लिए रह गया है। कई बार इस पर सवाल भी उठते हैं लेकिन फिर भी संवैधानिक तरीके से तो राष्ट्रपति ही प्रथम व्यक्ति है। mukhiya ka chunav kaise hota hai के तहत जानिए मुखिया को और क्या बोलते हैं।

मुखिया को और क्या-क्या बोलते हैं | mukhiya ka chunav kaise hota hai

मुखिया को सरपंच और ग्राम प्रधान भी बोलते हैं। कुछ लोग मुखिया को हेड भी कहते हैं। कुछ लोग प्रथम नागरिक भी कहते हैं। जैसे गांव का पहला व्यक्ति ही मुखिया है। कुछ जगह ग्राम प्रधान ही मुखिया हैं। कुछ जगह सरपंच ही मुखिया हैं।

यूपी मे आपको ग्राम प्रधान मिलेंगे। बिहार में आपको मुखिया मिलेंगे। वहां प्रधान आप खोजते रह जाएंगे। इसी तरह से हरियााणा में आप प्रधान या मुखिया बोलेंगे तो लोग हंस देंगे। वहां प्लीज आप सरपंच ही बोलिए। mukhiya ka chunav kaise hota hai के तहत जानिए आज आपने क्या सीखा।

आज आप क्या सीखकर जा रहे हैं

दोस्तों, आज आपने सीखा कि मुखिया का चुनाव कैसे होता है यानी mukhiya ka chunav kaise hota hai. आपके मन में कोई भी सवाल है तो नीचे कमेंट करें। हमें जवाब देकर खुशी होगी। आप से एक छोटा सा सहयोग चाहिए। हमारे वेबसाइट kyahotahai.com को प्लीज एक बार गूगल में सर्च जरूर करिए। लव यू रहेगा…

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