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मेहंदी के गीत | mehandi ke geet lyrics hindi mein

mehandi ke geet lyrics hindi mein

मेहंदी गीत हिंदी, mehandi ke geet lyrics hindi mein, विवाह में गाए जाने वाले गीत

(1)

मेरी मेहदी के हरे-हरे पात, सांवरिया मेहदी रंग भरी।

गोरी किन तुझे मेहदी मंगा दई,

और किसको मेंहदी का चाव।। सांवरिया मेंहदी…….

मेरे सुसरा जी ने मेहदी मंगाइयां, मेरे जेठा जी ने मेंहदी मंगाइयां।

मेरी सासू जी को मेंहदी का चाव।। सांवरिया मेंहदी “

गोरी किन थारे हाथ रचाइयाँ, और कौन थारा निरखन हार। सांवरिया मेंहदी…….

मेरी ननदी ने हाथ रचाइयां, और निरखे ननदी का बीर। सांवरिया मेंहदी….

मैं तो ओढ़ पहन पनियां चली, सखी हाथों में चूड़ा कांच का,

थारी खूब बनी तकदीर ।। सांवरिया मेहदी……

(2)

सजन मेहदी मंगवा दो जी, सांवरिया मेंहदी मंगवा दो जी।

सजन हमसे ना बोलो जी, हमारा पल्लू छोड़ो जी ।

अटरिया कैसे आवे जी, हमारी पायल डोले जी।

हमारे बिछुवे बोलें जी, हमारे पैरों में मेंहदी जी।

हमारी सासू जागे जी, हमारे सुसरा खांसे जी।

हमारे हाथों मेंहदी जी, हमारे पैरों मेंहदी जी

हमारे मन को भावे जी ।

सजन मेहदी गंगा दो जी,

सांवरिया मेंहदी ला दो जी।

हमारे हाथों में मेहदी हमारे पैरों में मेंहदी ला दो जी ।

हमारे हाथों में मेंहदी जी, हमारे पैरों में मेंहदी जी “

सजन जल्दी लगावाइयो जी ।

सजन बागों में जाइयो जी, वहाँ मेंहदी तुड़वाइयो जी ।

उसे बारीक पिसवाइयो जी, सुगन्धी भी मिलवाइयो जी ।

सजन नाइन बुलवाइयो जी, हमारे हाथों में मेंहदी।

हमारे पैरों में मेंहदी जी…..

 

2- तू मेहँदी ला, भाइया प्यारियाँ,

मेहंदी ला के सोहरे घर जा,

तू मेहंदी ला, जीवण जोगिया,

मेहंदी ला के सोहरे घर जा।

ऐ मेहंदी तेरी अम्मी ने लाइ,

ऐ मेहंदी तेरी अम्मी ने लाइ,

बाबल दे मन चाह,

तू मेहंदी ला, जीवण जोगिया,

मेहंदी ला के सोहरे घर जा।

ऐ मेहंदी तेरीया बहणा ने लाई,

ऐ मेहंदी तेरीया बहणा ने लाई,

जिजिया दे मन चाह,

तू मेहंदी ला, जीवण जोगिया,

मेहंदी ला के सोहरे घर जा।

 

3- बांध मुट्ठी में दिल को छुपाए बैठे हैं है

बहना के मेहँदी लगाये बैठे हैं

मेहँदी हां मेहँदी मेहँदी हा हा मेहँदी में

मेहंदी हा हा मेहँदी मेहँदी हा हा मेहँदी

टूट के डाली से हाथों पे बिखर जाती हैं

मेहँदी हा हा मेहँदी

टूट के डाली से हाथों पे बिखर जाती हैं

यह तो मेहँदी है यह तो मेहँदी है मेहँदी तो रंग लाती हैं

यह तो मेहँदी है मेहँदी तो रंग लाती हैं

लोग बागों से इसे तोड़ के ले आते हैं और पत्थर पे इसे शौक से पिसवाते हैं

फिर वही मेहंदी लगवाते हैं। 

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