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लुक आउट नोटिस क्या होता है | look out notice kya hota hai

look out notice kya hota hai

लुक आउट सर्कुलर क्या होता है? look out notice kya hota hai? मैं लुकआउट सर्कुलर कैसे जारी करूं?

look out notice kya hota hai: दोस्तों, आज एक बार फिर एक जरूरी जानकारी आपके लिए लेकर हम आए हैं। लुक आउट नोटिस क्या होता है? कौन इसे जारी कर सकता है? कैसे जारी किया जाता है? क्या बैंक इसे जारी करते हैं? क्या मैं लुक आउट नोटिस जारी कर सकता हूं? इन सारे सवालों के जवाब आपको इस आर्टिकल में मिल जाएंगे। तो चलिए शुरू करते हैं।

लुक आउट नोटिस किसी भी व्यक्ति को विदेश यात्रा करने से रोकता है। यह नोटिस तब जारी होता है जब कोई व्यक्ति संदिग्ध हो और इस बात की आशंका हो कि वह जांच में शामिल होने से बचना चाह रहा है। चलिए इसके बारे में आपको विस्तार से बताते हैं।

look out notice kya hota hai

लुकआउट नोटिस क्या होता है | look out notice kya hota hai

लुक आउट सर्कुलर या नोटिस (LOC) एक ऐसा लेटर होता है जिसके जारी होने के बाद इमिग्रेशन अधिकारी किसी भी मामले के आरोपी व्यक्ति को देश से बाहर जाने से रोकते हैं। इसके अलावा यह नोटिस देश से भागकर किसी अन्य देश में छिपे अपराधियों के बारे में पता लगाने के लिए भी होता है।

लुक आउट नोटिस जारी होने का मतलब है कि इमिग्रेशन अफसर ऐसे व्यक्ति को एयरपोर्ट पर ही रोक सकते हैं। या उन्हें हिरासत में ले सकते हैं। पुलिस कुछ मामलों में देश के बाहर किसी व्यक्ति के जाने पर प्रतिबंध लगाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है।

लुक आउट नोटिस का इस्तेमाल इंटरनेशनल बॉर्डर जैसे- एयरपोर्ट, समुद्री क्षेत्र और बंदरगाहों पर इमिग्रेशन जांच के लिए किया जाता है।

मैं भारत में लुक आउट नोटिस कैसे निकाल सकता हूँ | look out notice kya hota hai

किसी भी भारतीय व्यक्ति के खिलाफ सभी इमिग्रेशन चेक पोस्ट के लिए लुकआउट नोटिस केवल गृह मंत्रालय द्वारा जो प्रारूप बनाया गया है उसके तहत ही जारी किया जा सकता है। एलओसी जारी करने का अनुरोध किसी ऐसे अधिकारी के अप्रूवल से किया जाना चाहिए, जो भारत सरकार के उप सचिव/राज्य सरकार में संयुक्त सचिव/जिला स्तर पर संबंधित पुलिस अधीक्षक के पद से नीचे का न हो।

नोटिस जारी करने वाली एजेंसी को पहले से ही निर्धारित प्रारूप में आरोपी व्यक्ति की पहचान का पूरा विवरण देना होगा। आम तौर पर लुकआउट नोटिस जारी होने की तारीख से एक वर्ष के लिए वैध होता है. हालांकि, अगर मूल एजेंसी इस नोटिस की अवधि बढ़ाना चाहती है, तो वह एक साल पूरा होने से पहले ऐसा कर सकती है।

लुक आउट नोटिस का क्या अर्थ है | look out notice kya hota hai

लुकआउट नोटिस को लुकआउट सर्कुलर (LOC) के रूप में भी जाना जाता है. ये नोटिस फरार अपराधियों का पता लगाने के लिए जारी किया जाता है. कानून प्रवर्तन अधिकारियों (Law Enforcement Authorities) द्वारा किसी भी व्यक्ति की एंट्री और एग्जिट को रोकने और निगरानी करने के लिए एलओसी जारी किया जाता है।

इसके जारी होते ही अपराधियों की खैर नहींं है। क्योंकि जैसे ही यह नोटिस जारी होता है अपराधी देश से बाहर नहीं जा सकते और जो भाग चुके हैं उनका भी पता लगाने के लिए अधिकारी जी जान से जुट जाते हैं और जल्द ही उनका पता लगा लिया जाता है।

लुक आउट नोटिस कौन जारी करता है | look out notice kya hota hai

लुक आउट नोटिस को भारत सरकार में उप सचिव, राज्य स्तर पर जॉइंट सेक्रेटरी और जिला स्तर पर पुलिस अधीक्षक के द्वारा जारी किया जा सकता है, इसके नीचे के अधिकारी इसे जारी नहीं कर सकते है |

गृह मंत्रालय द्वारा तैयार प्रारूप में ही किसी भारतीय व्यक्ति के विरुद्ध लुक आउट नोटिस जारी किया जा सकता है | जो एजेंसी लुक आउट नोटिस जारी करती है, उसके लिए यह आवश्यक है कि उस व्यक्ति की पहचान करने के लिए पहले से निर्धारित फॉर्मेट में जानकारी दे |

इसके साथ ही उस व्यक्ति के नाम के अतिरिक्त न्यूनतम तीन पहचान चिन्ह के विषय में बताना आवश्यक है। यही वजह है कि यह नोटिस बहुत ही महत्वपूर्ण है।

क्या बैंक लुक आउट नोटिस जारी कर सकते है?

भारत में लुक आउट नोटिस को जारी करने का अधिकार भारत सरकार में उप सचिव, प्रदेश स्तर पर जॉइंट सेक्रेटरी और जिला स्तर पर पुलिस अधीक्षक को ही होता है। इससे नीचे के अधिकारी के द्वारा लुक आउट नोटिस जारी नहीं किया जा सकता है। हां, कुछ सरकारी बैंकों को जरूर इसका अधिकार दिया गया है।

दरअसल, सरकार ने सरकारी बैंकों के प्रमुखों को अधिकार दिया कि वे सीधे बैंक से जुड़े अपराधिक प्रवृत्ति के डिफाल्टर्स के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी करने की मांग कर सकते हैं। इन अधिकारियों में बैंक के चेयरमैन, मैनेजिंग डायरेक्टर, सीईओ रैंक के अफसर हो सकते हैं जो कि संबंधित बैंक में फ्रॉड करने वाले के खिलाफ जांच की मांग कर सकते हैं।

लीगल नोटिस आने पर क्या करे?

जब आपके पास लीगल नोटिस आये तो उसे ध्यान से पढ़ें और सामने वाली शर्तों को समझे। लीगल नोटिस में जो शर्तें रखी गई हैं उनके बारे में आप नोटिस जारी करने वालो से बात कर सकते हैं और मामले को कोर्ट को बाहर ही निपटा सकते हैं।

किसी भी व्यक्ति ने अगर आपको नोटिस भेजा है तो जवाब देने से पहले आपको किसी अच्छे वकील से परामर्श लेना चाहिए। लीगल नोटिस आने पर कई लोग ये समझते हैं कि यह नोटिस कोर्ट ने भेजा है जब कि ऐसा कुछ नहीं होता है। लीगल नोटिस सिर्फ वकील द्वारा भेजा जाता है। कई बार इसे सिर्फ चेतवानी के लिए भेजा जाता है।

क्या लुक आउट नोटिस को वापस लिया जा सकता है?

जी हां इसे वापस लिया जा सकता है लेकिन ऐसा उसी अधिकारी के रिक्वेस्ट पर होगा जिसकी अपील पर इसे जारी किया गया है। अगर वह रिक्वेस्ट करेंगे तो इसे वापस लिया जाएगा या फिर संशोधित भी किया जा सकता है। इसके अलावा लुकआउट नोटिस को कोर्ट में भी चैलेंज करने का हक होता है। कोर्ट चाहे तो इसे रद्द कर दे और आरोपी को राहत भी दे दे।

यानी इसमें हर चीज संभव है। इसे वापस लेना या फिर कोर्ट में चैलेंज करना। कोर्ट द्वारा रद्द करना या फिर संशोधित करना। लुकआउट नोटिस के साथ सबकुछ संभव है।

लुक आउट नोटिस का मतलब गिरफ्तारी होना तय होता है?

यह बिल्कुल तय नहीं है। कई बार गिरफ्तारी नहीं भी हो सकती है। क्योंकि ज्यादातर मामलों में यह आरोपी को देश से भागने से रोकने के लिए ही जारी होता है। ऐसे में अगर वह एयरपोर्ट पर मिल जाए तो पुलिस उसे गिरफ्तार कर सकती है। अपराधियों के बारे में जल्द से जल्द सूचना प्राप्त करना ही इसका मेन उद्देश्य होता है।

इस नोटिस के बाद गिरफ्तारी कोई जरूरी नहीं है, बल्कि हिरासत में लेकर पूछताछ भी किया जाता है और कई बार उसे सीधे कोर्ट में भी प्रस्तुत कर सकते हैं।

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