Kharmas शुरू हो गया है। 14 मार्च से ही Kharmas 2022 की शुरुआत हो गई है। हिंदू धर्म के मान्यता के अनुसरा लोग खरमास को बहुत ही महत्व देते हैं। इसे अधिकमास और मलमास के नाम से भी आप जानते हैं। इस महीने में किसी भी तरह के मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। पूरे एक महीने तक हर तरह के अच्छे कामों की मनाही रहती है। आइए विस्तार से जानते हैं।
कब तक रहेगा Kharmas
14 मार्च से शुरू हुआ खरमास 14 अप्रैल तक रहेगा। इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किया जाएगा। यह पूरा महीना भगवान की स्तुति में बिताया जाता है। भगवान को याद किया जाता है और इस महीना को बीतने का इंतजार किया जाता है ताकि शुभ कार्य फिर से प्रारंभ हो सके।
भगवान सूर्य से जुड़ा है Kharmas
यह खास महीना भगवान सूर्य से जुड़ा है। आप पूछेंगे कैसे तो जान लीजिए। दरअसल, इस खास महीने में सूर्य कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में पहुंच जाते हैं। इसे बहुत ही खास माना जात है।
लहसुन और प्याज छोड़ दें
इस खास महीने में कई चीजें वर्जित हैं। वैसे तो ज्यादातर लोग इसे नहीं मानते लेकिन जो मानते हैं उनके लिए लहसुन और प्याज पूरी तरह से वर्जित है। इसे छोड़ देना चाहिए। इस एक महीने आप शुद्ध शाकाहारी खाना खाएं बिना लहसुन और प्याज के।
खरमास में क्या नहीं करना चाहिए?
इस महीने किसी भी तरह का शुभ कार्य जैसे मुंडन, अन्न प्रासन आदि नहीं करना चाहिए।
विवाह के कार्यक्रम तो भूलकर भी नहीं करें वरना नुकसान होगा।
वाहन गहने आदि भूलकर भी ना खरीदें वरना पछताना पड़ेगा।
चारपाई की जगह जमीन पर अगर सोएंगे तो आपको अधिक फल मिलेगा।
तांबे के बर्तन में इस माह में दूध पीना पूरी तरह से वर्जित है।
रोज भगवान सूर्य की अराधना करें और उनसे कल्याण की मन्नत मांगें।
kharmas kya hota hai
अब आप पूछेंगे कि आखिर खरमास का मतलब क्या है। तो सबसे पहले तो इसका अर्थ जान लीजिए। खर मतलब होता है दुष्ट और मास मतलब महीना। तो अब आप दोनों को जोड़ेंगे तो आपको अर्थ खुद पता चल जाएगा। ऐसा महीना जो दुष्ट हो। यही वजह है कि इस दुष्ट महीने में किसी भी तरह के मांगलिक कार्य हम नहीं करते हैं।
खरमास का दूसरा नाम क्या है?
खरमास का दूसरा नाम मलमास है। अधिकमास भी कहते हैं। यह साल में दो बार होता है। यह जान लीजिए कि यह सबसे खराब माह है। इसमें आप कोई भी ऐसा काम ना करें जो आपके लिए नया हो। वरना नुकसान और पछताना ही पड़ेगा।