अरुन्धती व्रत (चैत्र शुक्ल तृतीया)
अरुन्धती महर्षि कर्दम की पुत्री तथा वशिष्ठ जी की पत्नी थीं। सप्त ऋषियों में वशिष्ठ जी के साथ अरुन्धती जी को भी विशेष स्थान प्राप्त है, इसलिए इन्हीं के नाम…
अरुन्धती महर्षि कर्दम की पुत्री तथा वशिष्ठ जी की पत्नी थीं। सप्त ऋषियों में वशिष्ठ जी के साथ अरुन्धती जी को भी विशेष स्थान प्राप्त है, इसलिए इन्हीं के नाम…
यह दिन विक्रमीय संवत् का प्रथम दिन माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन प्रजापति ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी तथा शेष देवताओं ने इसी दिन…
यह विक्रमीय संवत्सर की अन्तिम रात है। इस रात्रि के पश्चात् का प्रभात नये वर्ष का श्रीगणेश होता है। इस प्रभात बेला में नये साल के नये-नये संकल्प करने चाहिए।…
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा वर्ष प्रतिपदा कहलाती है। इस दिन नया वर्ष प्रारम्भ होता है। नव वर्ष मंगलमय हो, इसके लिए घर के ऊपर गेरुए रंग की…
इस व्रत को पुत्रवती स्त्रियाँ पुत्र की जीवन रक्षा के उद्देश्य से करती हैं। इस व्रत के करने से उन्हें पुत्र-शोक नहीं होता। इस व्रत का स्त्री-समाज में बड़ा महत्व…
महालया आश्विन कृष्ण प्रतिपदा से आरम्भ होकर अमावस्या को पूर्ण होता है। इसे ‘पितृ पक्ष’ भी कहते हैं। इस पक्ष में मृतक पूर्वजों का श्राद्ध किया जाता है। श्राद्ध करने…