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बृहस्पतिवार व्रत कथा क्या है? कैसे करें, क्या खाएं

गुरुवार कहिए या बृहस्पतिवार दोनों एक ही है। guruvar vrat katha ya brihaspativar vrat katha का अपना विशेष महत्व है। यह इसलिए भी कि यह भगवान विष्णु का व्रत है। गुरुवार को भगवान विष्णु की पूजा होती है। इसलिए इस दिन पीले रंग का महत्व बढ़ जाता है। इस दिन की एक प्रचलित कथा भी है और कहा जाता है कि संपूर्ण वैभव को प्राप्त करने के लिए लोग भगवान विष्णु के शरण में जाते हैं। तो चलिए हम भी भगवान के शरण में चलें और सबसे पहले उनकी कथा और उनके व्रत के बारे में विस्तार से जानें।

गुरुवार व्रत कथा क्या है। guruvar vrat katha ya brihaspativar vrat katha

एक राजा था। उसके साथ बेटे व सात बहुएं थीं। दो ब्राह्मण उनके यहां रोज भिक्षा मांगने आते थे। पर बहुएं उन्हें बिना कुछ दिए लौटा देती थीं। इस पर बृहस्पति देव बहुत नाराज हुए। इस कारण उन्होंने राजा का धन-धान्य सब नाश कर दिया। इसके बाद छोटी बहू ने ब्राह्मणों से क्षमा याचना की और स्थिति में सुधार लाने का उपाय पूछा। इस पर ब्राह्मण बोले – नितनेम से बृहस्पति का व्रत रख कर ब्राह्मण को भोजन कराओ।

छोटी रानी ने ब्राह्मण के बताए अनुसार बृहस्पतिवार का व्रत किया। जिस राज्य में छोटी रानी का पति गया हुआ था वहां का राजा मर गया। राजा के कोई पुत्र नहीं था; अतः नए राजा का चुनाव करने के निश्चय से हथिनी की सूँड में माला दे दी जिसे वह माला पहनाएगी वह राजा चुन लिया जाएगा। हथिनी ने माला ले जाकर उसी छोटी बहू के पति के गले में माला पहना दी। वह राजा बन गया। अब उसने अपने परिवार के अन्य सदस्यों की बहुत खोज की पर उनका पता ही न लगा। सभी जीविका के लिए दूर-दूर गए हुए थे।

जन-हित के लिए उसने एक तालाब खुदवाने का निश्चय किया। हजारों मजदूर वहां काम के लिए आए। उनमें उसके परिवार के सभी सदस्य भी थे। वह सभी को बुला कर महलों में सुख से रहने लगा। छोटी बहू की पूजा के कारण सभी सुखी हुए। अब सभी विधि से बृहस्पतिवार का व्रत करने लगे। तब से कोई भी याचक उनके द्वार से खाली हाथ न लौटता था। इसके बाद से ही इस दिन भगवान की कथा सभी करने लगे।

कितने गुरुवार का व्रत रखें?

शास्त्रों के मुताबिक 16 गुरुवार के व्रत को सबसे पुण्य माना गया है। अगर आप हर तरह के संकट से दूर होना चाहते हैं। आप अपना कल्याण चाहते हैं तो 16 गुरुवार का व्रत हमेशा ही सच्चे मन से करें। महिलाओं और लड़कियों के लिए यह व्रत बहुत लाभकारी है। हालांकि कहते हैं कि पीरियड के दिनों में यह व्रत ना करें। उसके बाद के सप्ताह में कर लें फल पूरा मिलेगा।

बृहस्पतिवार का व्रत कैसे रखते हैं?

भगवान विष्णु की पूजा है इसलिए इसे बहुत ही विधि विधान से करते हैं। इस दिन का व्रत रखने वाले व्रती सुबह जल्दी उठें और स्नान करने के बाद पीला वस्त्र धारण करें।

इसके बाद मंंदिर जाएं या घर पर ही भगवान विष्णु की प्रतिमा रखकर पूजन शुरू करें।

भगवान को पीला वस्त्र अर्पित करें। पीला फूल चढ़ाएं। हल्दी, गुड़ और चना का भोग लगाएं।

इसके बाद गुरुवार का पाठ करें।

इसके बाद आरती करें।

दिन भर व्रत रखें और भगवान की अराधना करते रहें।

शाम को आरती करने के बाद प्रसाद ग्रहण करें फिर फलाहार करें।

गुरुवार को क्या नहीं करना चाहिए?

दक्षिण और पूरब की दिशा में यात्रा करने के लिए ना निकलें।

दूध और केला का सेवन करते हैं तो इसे बहुत ही गलत माना जाएगा।

कपड़े अगर साबुन से धोते हैं तो यह बहुत ही अशुभ होगा।

इस दिन खिचड़ी खाते हैंं तो फिर नुकसान तय है।

खाने में ऊपर से नमक डालकर उसका सेवन ना करें।

गुरुवार के दिन बाल और नाखून न काटें। महिलाएं बाल ना धोएं।

इस दिन धोबी के यहां कपड़े ना दें।

गुरुवार के दिन कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?

ॐ बृं बृहस्पतये नम:। ॐ क्लीं बृहस्पतये नम:। ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:। इसे भगवान विष्णु का बीज मंत्र भी कहते हैं। अगर आप भगवान का सारा मंत्र ना पढ़ पाएं तो सिर्फ इतना भी पढ़ लेंगे तो आपका कल्याण हो जाएगा। इसलिए इस मंत्र को याद कर लें। ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्, यह मंंत्र भी आप पढ़ सकते हैं।

गुरुवार का व्रत कौन से महीने से शुरू करना चाहिए?

गुरुवार का व्रत पहली बार करने जा रहे हैं तो सबसे अच्छा माना जाता है कि आप पौष माह से इसकी शुरुआत करें। अगर पुष्य नक्षत्र हो तो फिर तो यह व्रत काफी लाभकारी हो जाता है। यह व्रत 16 गुरुवार तक लगातार जारी रखें तो आपको विशेष फल मिलेगा।

गुरुवार व्रत में क्या खाना चाहिए?

इस दिन पीले रंग का महत्व है। इसीलिए भोजन या फल जो भी पीला हो उसे खाएंगे तो भगवान विष्णु प्रसन्न होंगे। नमक ना खाएं तो अच्छा रहेगा। व्रत में चने की दाल का प्रयोग करेंगे तो उसे और अच्छा माना जाएगा।

गुरुवार को साबुन क्यों नहीं लगाते?

गुरुवार को साबुन से नहा लिए तो घर में दरिद्रता आ सकती है। इस दिन पोछा भी लगाना वर्जित है। वरना भगवान गुरु आपसे नाराज हो जाते हैं। इसीलिए कपड़े धोना या धोबी को देना तक मना किया गया है। इसका हमेशा ध्यान रखें वरना भाग्य आपसे छिन जाएगा।

गुरुवार के दिन क्या खरीदना चाहिए?

अगर आप कोई प्रॉपर्टी लेना चाहते हैं तो गुरुवार के दिन आंख मूंदकर ले लीजिए। इस दिन खरीदने से आपकी बढ़ोतरी होगी। इस दिन इलेक्ट्रानिक्स का सामान खरीदिए और वह आपको फलदायी होगा। हां, ध्यान रहे कोई भी धारदार चीज इस दिन ना खरीदें वरना आपका नाश हो जाएगा।

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