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भगवानी देवी डागर का जीवन परिचय । bhagwani devi dagar biography in hindi (age, husband, family, children, awards)

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bhagwani devi dagar kaun hai hindi, 94 साल की एथलीट भगवानी देवी डागर के बारे में, bhagwani devi dagar biography in hindi

bhagwani devi dagar biography in hindi: कहते हैं ना कि उम्र तो सिर्फ एक नंबर है जीत तो तब होती है जब हौसला हो। 94 साल की bhagwani devi dagar ने यह साबित कर दिखााया है। 94 साल की उम्र में कोई दौड़कर गोल्ड मेडल लेते आए तो आप ऐसी महिला को सलाम किए बिना कैसे रह सकते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको भगवानी देवी डागर का संपूर्ण जीवन परिचय हिंदी में बताने जा रहे हैं। तो अंत तक पढ़िएगा और प्लीज इसे शेयर जरूर कर दीजिएगा।

मूल रूप से हरियाणा की भगवानी देवी जो कि दिल्ली के नजफगढ़ में रहती हैं उन्होंने फिनलैंड में 100 मीटर स्प्रिंट दौड़ में स्वर्ण पदक जीता है। बड़ी बात यह नहीं है बड़ी बात यह है कि 94 साल की उम्र में उन्होंने यह रिकॉर्ड बनाकर पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया है।

गूगल पर चारों तरफ बस हर कोई उन्हें ही सर्च कर रहा है। उनके बारे में ही जानना चाहता है। इसीलिए हम यह आर्टिकल आपके लिए लाए हैं ताकि आप भी इस जीवट महिला के बारे में सब जानिए और इन्हें सलाम कीजिए। चलिए आपको bhagwani devi dagar biography in hindi के बारे में विस्तार से बताते हैं।

bhagwani devi dagar biography in hindi भगवानी देवी डागर कौन हैं

नामभगवानी देवी डागर
उम्र94 साल
जन्म तिथि1928
जन्मस्थानखिड़का गांव (हरियाणा)
वर्तमान पतानजफगढ़ दिल्ली
हाईट 165 सेंटीमीटर (5 फीट 5 इंच)
प्रोफेशनएथलीट
क्यों चर्चा में हैंदौड़ में गोल्ड मेडल
नागरिकताभारतीय
वैवाहिक स्थितिविवाहित
पति का नामजानकारी नहीं
बेटे का नामहवा सिंह डागर
पोते का नामपोता विकास डागर, विनीत डागर, नीतू डागर
पड़पोते का नाम निकुंज डागर और विश्वेंद्र
आंखों का रंगगहरा भूरा

bhagwani devi dagar के बारे में हिंदी में । bhagwani devi dagar biography in hindi

भगवानी देवी डागर एक धावक है, इनका जन्म 1928 में हरियाणा के खिड़का गांव मे हुआ था। फिनलैंड में वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप 100 मीटर की दौड़ में स्वर्ण पदक जीता है। भगवानी देवी की उम्र 94 वर्ष है जिस उम्र में लोग ढंग से खड़े भी नहीं हो पाते उस उम्र मे नजफगढ़ की भगवानी देवी ने दौड़ में स्वर्ण पदक जीता और अपने देश का नाम रोशन किया।

भगवानी देवी के एथलीट बनने का सफ़र । bhagwani devi dagar biography in hindi

भगवानी देवी डागर के बारे बात करें तो यह विकाश डागर की दादी हैं जो कि एक प्रसिद्ध पैरा एथलीट हैं। भगवानी देवी बताती है की उनके पोते ने एथलीट बनने में इनकी बहुत मदद की है ।

2022 में, भगवानी देवी ने दिल्ली स्टेट मास्टर्स एथलेटिक्स मीट में भाग लिया, जिसमें उन्होंने 100 मीटर स्प्रिंट, शॉटपुट और भाला फेंक में तीन स्वर्ण पदक जीते।


पूछे जाने पर भगवानी देवी बताती हैं कि वे हर रोज 3 किलो मीटर तक चलती हैं और अपने घर की सीढ़ियां चढ़ती है ऐसा वो इसलिए करती हैं जिसका स्वस्थ बना रहे चलने फिरने में कभी परेशानी न हो।

भगवानी देवी का जीवन संघर्ष और फैमिली के बारे में । bhagwani devi dagar biography in hindi

भगवानी देवी डागर का जन्म 1928 हरियाणा के खिड़का गांव में हुआ था। उनके पोते विकाश डागर एक पैरा एथलीट हैं जो खुद भी 40 से ज्यादा पदक हासिल कर चुके हैं और देश का नाम रोशन कर रहे है।

विकाश डागर कहते हैं जो सपना उन्होंने देखा था दादी ने पूरा कर दिया। बचपन से जिम्मेदारियों के कारण उन्हें कभी अपनी प्रतिभा का पता नहीं चल सकता।

62साल पहले ही दादाजी का निधन होगा था जिसके बाद दादी ने अकेले परिवार को संभाला है। भगवानी देवी बताती है कि विकास को देख कर उन्हे insperation मिला है।


भगवानी देवी का भरा परिवार है जिसमें उनके बेटे हवा सिंह डागर पुत्रवधू सुनीता, पोता विकास डागर, विनीत डागर, नीतू डागर और पड़पोते निकुंज डागर और विश्वेंद्र हैं.

इसके साथ दो पुत्र वधू सरिता डागर और ज्योति डागर भी हैं. भगवाणी देवी की उपलब्धि पर सभी गौरांवित महसूस कर रहे हैं और उनसे प्रेरणा ले रहे हैं।

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क्या है वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप । bhagwani devi dagar biography in hindi

आज आप क्या सीखकर जा रहे हैं

दोस्तों, आज आप bhagwani devi dagar biography in hindi के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त किए हैं। 94 साल की इस महान एथलीट ने दुनियाभर मे देश का नाम रोशन किया है। इनसे जुड़ा कोई और सवाल है तो नीचे कमेंट करें। हमें जवाब देने में खुशी होगी। आपकी मदद से ही हम आगे बढ़ेंगे इसलिए आप प्लीज गूगल में हमारे वेबसाइट को सर्च करते रहिए और यहां आते रहिए। लव यू रहेगा इसके लिए…

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