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bhagwan parshuram ki kahani hindi me। Parshuram Jayanti 2022: परशुराम के बारे में हिंदी में

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Parshuram Jayanti 2022। परशुराम के बारे में। परशुराम जयंती के बारे में। परशुराम की कहानी। bhagwan parshuram ki kahani hindi me

दोस्तों, परशुराम को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। अगर आप bhagwan parshuram ki kahani hindi me के बारे में सर्च कर रहे हैं तो बिल्कुल सही जगह पर हैं। य़हां आपको भगवान परशुराम के बारे में सारी जानकारी दी जाएगी। क्या भगवान परशुराम ने सचमुच 21 बार क्षत्रियों का नाश किया था? भगवान परशुराम ने भगवान गणेश को क्या दंड दिया था…इस तरह की सारी कहानियां उनके बारे में आप यहां पढ़ेंगे। तो चलिए शुरू करते हैं।

Parshuram Jayanti 2022 hindi me

दोस्तों, आपको बता दें कि हर साल वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को भगवान परशुराम की जयंती मनाई जाती है। भगवान परशुराम को भगवान विष्णु का छठवां अवतार माना जाता है। आज के दिन भगवान परशुराम की विधि विधान से पूजा की जाती है और कई जगहों पर शस्त्रों की भी पूजा आज के दिन की जाती है। ऐसा इसलिए क्योकि भगवान परशुराम को शस्त्रों का भी देवता मानते हैं। उन्होंने कई देवताओं को शस्त्र दिए हैं। आगे की कहानी में आपको इसकी जानकारी भी हम देंगे।

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भगवान परशुराम के जन्म को लेकर लोगों के मन में कई सारे सवाल रहते हैं। कुछ लोग कहते हैं कि क्या वे क्षत्रिय थे। नहीं भाई जान लीजिए कि वे ब्राह्मण कुल में पैदा हुए थे। हां, स्वभाव के कारण जरूर उन्हें क्षत्रिय लोग समझते हैं। भगवान परशुराम को न्याय का देवता भी कहा जाता है। माना जाता है कि हनुमान जी की तरह भगवान परशुराम भी अजर अमर हैं और हमेशा ही धरती पर रहते हैं। तो चलिए उनकी कुछ अहम कहानियों से आपको मिलवाते हैंं। आपसे शर्त लगा सकता हूं कि इनमें से कई कहानियां आप पहली बार पढ़ेंगे। तो दोस्तों, चलिए पढ़ते हैं और हां, हमारे वेबसाइट पर आन के लिए आपको लव यू रहेगा। आते रहिएगा, अच्छा लगेगा।

…जब भगवान गणेश को दिया था दंड। bhagwan parshuram ki kahani hindi me

bhagwan parshuram ki kahani hindi me को खोजते हुए जब आप गूगल पर आएंगे तो यह कहानी जरूर मिलेगी। आप जानते ही होंगे कि भगवान परशुराम को सबसे अधिक क्रोध आता है। यह सभी जानते हैं। यहां तक कि भगवान गणेश भी उनके क्रोध का शिकार हुए थे। पौराणिक कथा में मिलता है कि एक बार परशुराम जी भगवान शिव के दर्शन करने के लिए कैलाश पर्वत पहुंचे थे। लेकिन भगवान गणेश ने उन्हें दर्शन से रोक दिया। कहते हैं कि भगवान परशुराम इतने क्रोधित हुए कि उन्होंने गणेश भगवान का एक दांत तोड़ दिया। हालांकि इसी घटना के बाद से भगवान गणेश को एकदंत भी कहा जाने लगा।

भगवान कृष्ण को चक्र भी परशुराम ने सौंपा था। bhagwan parshuram ki kahani hindi me

दोस्तों, यह कहानी भी दिलचस्प है। bhagwan parshuram ki kahani hindi me के तहत आपको यह कहानी भी सुनाता हूं। आपको सीता स्वयंवर तो याद ही होगा। उस समय भगवान शिव का धनुष तोड़े जाने के बाद भगवान परशुराम अत्यंत क्रोधित थे। तब लक्ष्मण ने उनसे संवाद कर उनका क्रोध और बढ़ा दिया था। हालांकि बाद में भगवान राम ने उन्हें अपने अवतार से परिचित कराया। कहा जाता है कि इसी दौरान भगवान राम ने उन्हें अपना सुदर्शन चक्र सौंप दिया था। उन्होंने परशुराम से कहा था कि द्वापर युग में जब मैं आऊंगा तब मुझे इसकी जरूरत पड़ेगी। तो इसी चक्र को द्वापर में भगवान परशुराम ने भगवान कृष्ण को सौंपा था, जिससे उन्होंने कई राक्षसों का वध किया।

क्या सच में भगवान परशुराम ने 21 बार क्षत्रियों का नाश किया था

दोस्तों, यह सवाल आपके जेहन में अक्सर आता होगा। जब भी कोई भगवान परशुराम की कहानी पढ़ता है वह इस कहानी पर विश्वास नहीं कर पाता। वह समझ नहीं पाता कि आखिर कोई क्यों पूरे क्षत्रिय कुल का 21 बार विनाश करेगा। लेकिन पौराणिक कथाओं के मुताबिक यह सच्चाई है। दोस्तों, यह कहानी तबकी है जब सम्राट सहस्त्रार्जुन का अत्याचार बढ़ता जा रहा था। भगवान परशुराम को उनकी मां से पता चला कि सहस्त्रार्जुन ने उनके आश्रम में आग लगा दी और कामधेनु को भी छीन ले गया है तब वे इतने क्रोधित हुए कि उन्होंने पृथ्वी को दुष्ट क्षत्रियों से रहित करने का प्रण ले लिया। कहते हैं कि परशुराम ने सहस्त्रार्जुन की अक्षौहिणी सेना का विनाश कर दिया। यही नहीं दुष्ट क्षत्रियों का विनाश करने के लिए उन्होंने 21 बार क्षत्रियों का सर्वनाश किया। bhagwan parshuram ki kahani hindi me के तहत अभी और कहानियां बची हैं, नीचे पढ़िए और उनके बारे में और जानिए।

भगवान परशुराम ने कर्ण को किया श्राप दिया था

दोस्तों, यह कहानी भी दिलचस्प है। एक बार भगवान परशुराम ने कर्ण को भी श्राप दिया था। कथा के अनुसार कर्ण ने झूठ बोलकर भगवान परशुराम ने शिक्षा ग्रहण की थी। इसकी जानकारी मिलते ही वे क्रोधित हो गए। उन्होंने शाप दिया कि जा तूने झूठ बोला है तो जब जरूरत पड़ेगी तब तू मेरी इस विद्या को भूल जाएगा। युद्ध में वही हुआ और कर्ण इसी विद्या को भूल जाने के कारण मारा गया। वह कोई अस्त्र शस्त्र नहीं चला पाया और मार दिया गया। bhagwan parshuram ki kahani hindi me के सर्च में अभी और कहानियां बची हैं, नीचे पढ़िए।

भगवान शिव के परशु अस्त्र के कारण नाम पड़ा परशुराम

दोस्तों, bhagwan parshuram ki kahani hindi me की खोज में आप यह कहानी पढ़ते हुए समझ सकते हैं कि क्योें परशुराम भगवान शिव के इतने बड़े उपासक थे। आपको मालूम होना चाहिए कि भगवान परशुराम के पास जो सबसे खतरनाक हथियार परशु अस्त्र था उसे भगवान शिव ने ही उन्हें दिया था। इस अस्त्र के सामने अच्छे-अच्छे योद्धा हार मान जाते थे। कहा जाता है कि भगवान शिव ने उन्हें यह अस्त्र लोक कल्याण के लिए दिया था। इसी परशु अस्त्र के कारण वे परशुराम भी कहलाए थे।

परशुराम की मृत्यु कैसे हुई

दोस्तों, कुछ लोग गूगल पर इसे भी खोजते हैं। लेकिन आपको मालूम होना चाहिए कि यह सवाल ही गलत है। अरे जिसे चिरंजीवी यानी हमेशा ही जीने का अधिकार मिला हो वह भला कैसे मर सकता है। तो दोस्तों, आज से जान लीजिए कि भगवान परशुराम अजर अमर हैं। वे हमेशा ही धरती पर ही रहते हैं। जैसे हनुमान वैसे ही परशुराम।

परशुराम की पत्नी का क्या नाम था। क्या परशुराम जी की शादी हुई थी?

दोस्तों यह सवाल भी बहुत पूछा जाता है। आखिर परशुराम की पत्नी का नाम क्या था। गूगल पर इस बारे में आप सर्च करेंगे तो आपको रेणुका के बारे में जानकारी दी जाएगी। लेकिन यह गलत है। दोस्तों, यह पाप भी है क्योंकि रेणुका भगवान परशुराम की माता जी हैं। परशुराम रेणुका और जमदग्नि ऋषि की सबसे छोटी संतान हैं। आपको बता दें कि परशुराम की शादी का जिक्र कहीं नहीं मिलता है। ऐसे में अगर कोई जानकारी आपके पास हो तो प्लीज हमें भी कमेंट करके बताएं।

रेणुका माता कौन थी? रेणुका किसकी पत्नी थी?

दोस्तों, रेणुका भगवान परशुराम की ही मां का नाम है। इनके बारे में अक्सर दो सवाल होते हैं। यह कौन थीं और किनकी पत्नी थीं। दोस्तों हमने आपको ऊपर ही बताया है कि रेणुका भगवान परशुराम की मां थीं। महर्षि जन्मदग्नि की वह पत्नी थींं। प्रसेनजित अथवा राजा रेणु की कन्या के रूप में भी लोग इन्हें जानते हैं।

परशुराम जी के पुत्र कौन थे?

दोस्तों, जैसे ही आप गूगल में सर्च करेंगे तो आपको पांच पुत्रों के नाम दिखाने लगेंगे। यह गलत है और अन्याय है। क्योंकि जिन पांच पुत्रों के नाम आपको देखने को मिल रहे हैं वे परशुराम की संताने नहीं बल्कि उनकी माता-पिता की पांच संताने हैं, जिनके खुद पांचवे बेटे परशुराम हैं तो यह सही कर लीजिए। गलत ज्ञान मत लीजिए। दोस्तों, हमारा मकसद यही है कि हम सही जानकारी आप तक पहुंचाएं। दोस्तों, भगवान परशुराम के बेटे के बारे में कोई जानकारी नहीं है। अगर आपके पास कोई सही जानकारी हो तो जरूर हमें कमेंट में बताइए।

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