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बरूथिनी एकादशी (वैशाख कृष्ण एकादशी)

इस दिन व्रत करके जुआ खेलना, नींद, पान, दन्त-धावन, परनिंदा, क्षुद्रता, चोरी, हिंसा, रति, क्रोध तथा झूठ इन ग्यारह चीजों को त्यागने का महात्म्य है। ऐसा करने से मानसिक शांति मिलती है। व्रती को चाहिए कि वह हविष्यान्न ही खाये। परिवार के सदस्यों सहित रात्रि को भगवद् भजन करके जागरण करे। ऐसा करने से व्यक्ति के मन के सारे विकार दूर हो जाते हैं।

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